भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं में भगदड़ मची है। मध्य प्रदेश से राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा गुजरने के बाद ही कांग्रेस के एक दर्जन नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया। शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कांग्रेस का साथ छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए।
सुरेश पचौरी ने 1972 में कार्यकर्ता के रूप में कांग्रेस से राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। इसके बाद वे केंद्रीय मंत्री, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद भी रहे हैं। कांग्रेस ने उन्हें इन सालों में कई बड़े पदों से नवाजा. लेकिन लोकसभा के ठीक पहले उन्होंने बीजेपी में जाने का फैसला किया।
पचौरी ने शनिवार सुबह भाजपा कार्यालय पहुँचे, यहां उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व सीएम शिवराज सिंह की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। पचौरी के साथ प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष और धार के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, पिछली विधानसभा में इंदौर से कांग्रेस के इकलौते विधायक रहे संजय शुक्ला, पूर्व विधायक विशाल पटेल, अर्जुन पलिया, सतपाल पलिया और भोपाल जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश मिश्रा ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। इन सभी के अचानक भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।
सुरेश पचौरी सहित ग्यारह कांग्रेस नेताओं ने भाजपा जॉइन की है। जिससे अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नर्मदापुरम संभाग के साथ निमाड़ और मालवा क्षेत्र में ख़ासा असर पड़ सकता है। हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सुरेश पचौरी कांग्रेस में वरिष्ठ नेता थे, लेकिन उनके पास कोई जनाधार नहीं है। लेकिन कांग्रेस से भाजपा में जाने पर प्रदेश की जनता के मन में जरूर एक नैरेटिव बनेगा और यही माहौल भाजपा को लाभ पहुँचा सकता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा- "आज बड़ा पावन दिन है, जब मैंने राजनीति में प्रवेश किया था तब समाजसेवा करना मेरा ध्येय था, कभी सेना के शौर्य पर सवाल खड़े नही किये जाते, जहां तक धार्मिक सवाल की बात है, तो अयोध्या में आयोजित कार्यक्रम के निमंत्रण को ठुकराना गलत था, वो अमर्यादित था ऐसा नहीं करना चाहिए था, तब ताला खुलवाया था तो जाना चाहिए था, मुझे राजीव गांधी ने शंकराचार्य के पास मंदिर के विषय में क्या काम करना चाहिए उसके बारे में बात करने के लिये भेजा था, शंकराचार्य ने कहा था कि मंदिर बनना चाहिए, राजीव गाँधी ने भी कहा था ऐसा ही होगा, इस सब के दस्तावेज मेरे पास है, फिर किसके दबाव में आमंत्रण को अस्वीकार किया। भगवान राम का सम्मान न करने वालों का साथ छोड़ दिया है। मैं बिना किसी माँग और न किसी दबाव के चलते बीजेपी में आया हूँ।"
सुरेश पचौरी के भाजपा जॉइन करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान सामने आया है, शिवराज ने कहा- "कांग्रेस आजादी का आंदोलन था अब आजादी मिल गई है कांग्रेस को भंग कर देना चाहिए.पंडित जवाहरलाल नेहरू ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए कांग्रेस को भंग नहीं किया था, महात्मा गांधी चाहते थे कि कांग्रेस को भंग कर दिया जाए, महात्मा गांधी की इच्छा को राहुल गांधी ही पूरा करके रहेंगे।"
द मूकनायक से बातचीत करते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा- "सुरेश पचौरी और अन्य नेताओं का भाजपा में जाने का निर्णय उनका व्यक्तिगत है, इस पर हम कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे। जो गए हैं उन्हीं से पूछे वह बीजेपी में क्यों गए।"
भाजपा ने मध्य प्रदेश की 24 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। पांच सीटें होल्ड रखी गई हैं। ऐसे में संभावना यह है कि गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी के भाजपा जॉइन करने के बाद धार सीट पर समीकरण बदल सकते हैं। साल 1989 में वह मनावर सीट से भाजपा से विधायक रह चुके हैं। बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वह 1990-92 तक विधायक रहे और तीन बार के सांसद हैं। 1998 और 2009 के धार लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस से चुनाव जीते।
भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए इंदौर सीट पर प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है, अब यह कयास लगाए जा रहे हैं धार, और इंदौर सीट को होल्ड करने का कारण इन सभी नेताओं को भाजपा में शामिल होना भी हो सकता है। कांग्रेस के इंदौर से पूर्व विधायक संजय शुक्ला के भाजपा में आने के बाद इन्हें इंदौर से प्रत्याशी बनाया जा सकता है।
बीजेपी ने मध्य प्रदेश में 5 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। इनमें छिंदवाड़ा, उज्जैन, धार. इंदौर और बालाघाट लोकसभा सीट शामिल है। इनमें यदि छिंदवाड़ा को छोड़ दिया जाए तो शेष सभी सीटों पर बीजेपी के सांसद वर्तमान में हैं।
1981-83: मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव.
1984-85: मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष.
1985-88: भारतीय युवा कांग्रेस के महासचिव.
1984-90: संसद सदस्य, राज्यसभा.
1990: गृह एवं रक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य.
1990-96: संसद सदस्य, राज्यसभा.
1995-96: केंद्रीय रक्षा उत्पादन राज्य मंत्री.
1996-2002: संसद सदस्य, राज्यसभा.
2000: राज्यसभा के उपाध्यक्ष (पैनल).
2002-2008: संसद सदस्य, राज्यसभा.
2004: मुख्य सचेतक, राज्यसभा.
2004-2008: कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन और संसदीय कार्य मंत्रालय मंत्री.
2008-2011: मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष.
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