लोकसभा चुनाव 2024: देवास सीट पर कांटे की टक्कर, जानिए क्या चुनावी समीकरण?

देवास-शाजापुर लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला रोचक होने वाला है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर की उम्मीद मानी जा रही है।
सांसद महेंद्र सोलंकी भाजपा प्रत्याशी और राजेन्द्र मालवीय, कांग्रेस प्रत्याशी
सांसद महेंद्र सोलंकी भाजपा प्रत्याशी और राजेन्द्र मालवीय, कांग्रेस प्रत्याशी
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भोपाल। मध्य प्रदेश की देवास-शाजापुर लोकसभा सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है। इस सीट पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है। भाजपा ने यहां सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी को एक बार फिर मौका दिया है, वहीं कांग्रेस ने राजेंद्र मालवीय को प्रत्याशी बनाया है।

देवास-शाजापुर लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला रोचक होने वाला है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर की उम्मीद मानी जा रही है। दोनों ही प्रत्याशी जोर-शोर से प्रचार में लगे हुए हैं। 13 मई को देवास सीट पर मतदान होगा। बता दें कि 2008 में संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के कार्यान्वयन के एक भाग के रूप में देवास लोकसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। परिसीमन के बाद शाजापुर निर्वाचन क्षेत्र का अस्तित्व समाप्त हो गया और देवास निर्वाचन क्षेत्र अस्तित्व में आया। यह सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है और इसमें सीहोर, शाजापुर, आगर मालवा और देवास जिलों के कुछ हिस्से इसमें शामिल हैं।

संसदीय क्षेत्र का इतिहास

साल 1951 से 2014 तक हुए चुनावों में कई बार बीजेपी रिकॉर्ड वोटों से जीती। इस सीट से कांग्रेस 1951, 1957, 2009 समेत चार बार ही जीत सकी है। वर्ष 1971 से 2004 तक भाजपा ने लगातार 10 चुनाव जीते। जनसंघ व बीजेपी के फूलचंद्र वर्मा के नाम सबसे ज्यादा बार चुनाव जीतने का रिकॉर्ड रहा है। इन्होंने लगातार 5 बार जीत हासिल की, जबकि मौजूदा केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत 1996 से 2004 तक चार चुनाव इस सीट से जीते।

2009 में कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा ने गहलोत को चुनाव हरा दिया। 2014 में बीजेपी ने फिर इस सीट पर कब्जा कर मनोहर ऊंटवाल ने ढाई लाख वोटों से जीत हासिल की थी। शाजापुर, देवास, सीहोर और आगर जिले की आठ सीटें देवास संसदीय क्षेत्र में शामिल हैं। इनमें शाजापुर जिले की शाजापुर, शुजालपुर व कालापीपल, देवास जिले की देवास, सोनकच्छ व हाटपिपल्या, आगर जिले की आगर और सीहोर जिले की आष्टा विधानसभा शामिल हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 में जातिगत समीकरण को साधने के लिए कांग्रेस ने भी बलाई समाज के नेता मालवीय को मैदान में उतारा है। वहीं बीजेपी ने भी महेंद्र सिंह सोलंकी को दूसरी बार मौका देते हुए बलाई समाज को प्रतिनिधित्व दिया है। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक दो बार राजेंद्र मालवीय विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।

उन्हें सबसे पहले टिकट इंदौर जिले के सांवेर से विधानसभा का मिला था। इसके बाद दूसरी बार उज्जैन जिले की तराना सीट से राजेंद्र मालवीय ने विधानसभा का चुनाव लड़ा। दोनों ही चुनाव में राजेंद्र मालवीय को हार का सामना करना पड़ा। इस बार पार्टी ने उन पर बड़ा दांव खेला है।

क्षेत्र के मुद्दे

देवास संसदीय क्षेत्र में रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य का मुद्दा गहराया हुआ है। द मूकनायक से बातचीत करते हुए देवास के स्थानीय पत्रकार अमित बागलिकर ने बताया कि क्षेत्र में रोजगार और स्वास्थ्य का मुद्दा महत्वपूर्ण है। रोजगार के लिए लोगों को इंदौर जाना पड़ता है। अस्पतालों में भी सुविधाएं नहीं हैं। उच्च शिक्षा के लिए भी छात्र इंदौर और भोपाल जाते हैं। अमित ने कहा, "इस बार चुनाव रोमांचक होगा, दोनों ही प्रत्याशियों के बीच काटें की टक्कर है।"

आम जनता की राय

देवास के रहवासी शंभू अग्रवाल ने बताया कि भाजपा का पड़ला भारी है। लोग प्रत्याशी के साथ मोदी के नाम पर ही वोट करते हैं। अग्रवाल ने कहा कि पिछले पांच सालों में भाजपा ने इस क्षेत्र का विकास किया है।

इधर, एडवोकेट सिद्धार्थ माहोरकर ने द मूकनायक को बताया कि क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं से लोग वर्तमान सांसद से नाराज हैं, लोग बदलाव चाहते हैं। इस बार पूर्व की तरह मोदी लहर का प्रभाव नहीं है। पिछले सालों में बेरोजगारी बढ़ी है।

कौन कब रहा सांसद?

देवास लोकसभा सीट से 1962 में जनसंघ के हुकम चंद कछवाई ने जीत हसिल की थी। हालांकि, उसके बाद ये सीट 1967-2008 तक शाजापुर के नाम से जानी जाती रही। परिसीमन के बाद साल 2009 में देवास सीट से कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा चुनाव जीते। फिर 2014 में मनोहर ऊंटवाल, बीजेपी से सांसद बने, साल 2019 में भाजपा के महेंद्र सोलंकी निर्वचित हुए। यह सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती रही है।

चार चरणों में होगा मतदान

लोकसभा चुनाव मध्य प्रदेश में चार चरणों में होगा। 19 अप्रैल को सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला बालाघाट, छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्रों पर वोटिंग होगी। 26 अप्रैल को टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, होशंगाबाद, बैतूल में मतदाता होना है, वहीं 7 मई को मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़ के मतदाता वोट करेंगे और आखिरी चरण 13 मई को देवास, उज्जैन, इन्दौर, मंदसौर, रतलाम, धार, खरगोन और खंडवा लोकसभा सीटों पर मतदान सम्पन्न होगा।

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