नई दिल्ली। भारत में महिलाओं की स्थिति हमेशा एक समान नहीं रही है। इसमें समय-समय पर हमेशा बदलाव होता रहा है। यदि हम महिलाओं की स्थिति का आंकलन करें तो पता चलेगा कि पहले से लेकर वर्तमान समय तक महिलाओं की सामाजिक स्थिती में अनेक तरह के उतार-चढ़ाव आते रहे हैं। उसके अनुसार ही उनके अधिकारों में बदलाव भी होता रहा है। इन बदलावों का ही परिणाम है कि महिलाओं का योगदान भारतीय राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक व्यवस्थाओं में दिनों-दिन बढ़ रहा है जो कि समावेशी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए एक सफल प्रयास है।
इसी कढ़ी में देश की राजधानी में लोकसभा चुनाव में महिलाओं के मतदान प्रतिशत ने पिछले सारे लोकसभा चुनाव के मतदान का रिकार्ड तोड़ दिया है। इस बार महिलाओं ने 45.66 फीसदी मतदान किया। यह अब तक हुए दिल्ली में सभी लोकसभा चुनावों के मतदान में सबसे अधिक है। इससे पूर्व 1984 के चुनाव में दिल्ली की महिलाओं ने सबसे अधिक 44.91 फीसदी मतदान किया था। चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार इस बार के मतदान फीसदी में महिलाएं पुरुषों की तुलना में मात्र 0.73 फीसदी ही पीछे रही। इसी प्रकार राजस्थान के मेवाड़-वागड़ क्षेत्र में भी महिलाओं ने मतदान के सारे रिकार्ड तोड़ दिए है।
राजधानी में कुल 1,52,01936 मतदाता हैं। इसमें से 8,21,2794 पुरुष और 6,98,7914 महिला हैं। इनमें से 48,47,897 पुरुषों और 40,73,226 महिला मतदाताओं ने वोट डाले।
पुरुष वोटरों के मत फीसदी में बीते 6 चुनावों से लगातार कमी आ रही है,जबकि महिला मतदाताओं का मत फीसदी बीते छह चुनावों से बढ़ रहा है। आंकड़ों पर नजर डालें तो 1999 के चुनाव में पुरुषों का मतदान फीसदी 60.21 था। 2004 में 58.85, 2009 में 57.71, 2014 में 56.18, 2019 में 55.15 और 2024 में 54.34 फीसदी रहा। वहीं महिलाओं का मतदान फीसदी 1999 में 39.79, 2004 में 41.15, 2009 में 42.31, 2014 में 43.61, 2019 में 44.64 और 2024 में 45.66 रहा है।
सातों लोकसभा सीटों में दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट पर मतदान करने में महिला वोटर पुरुषों से आगे रहीं। इस सीट पर पुरुषों ने 56.28 फीसदी मतदान किया है जबकि महिला मतदाताओं ने 56.67 फीसदी मतदान किया। वहीं नई दिल्ली लोकसभा सीट पर सातों सीटों में से सबसे कम मतदान हुआ है। इस सीट पर पुरुषों ने 55.55 फीसदी और महिलाओं का मतदान प्रतिशत 55.28 रहा। सभी सातों सीटों में से उत्तर-पूर्व दिल्ली लोकसभा सीट पर सबसे अधिक मतदान हुआ है। यहां पर पुरुषों ने 63.55 फीसदी जबकि 62.13 महिलाओं ने मतदान किया है।
पिछले 28 वर्ष में हुए छह लोकसभा चुनावों की तुलना में इस बार दिल्ली के लोकसभा चुनाव में महिला प्रत्याशियों की संख्या सबसे ज्यादा है। पिछले लोकसभा चुनाव में दिल्ली में 16 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में थी। इस बार दिल्ली में 23 महिला उम्मीदवार हैं, जो वर्ष 1996 के बाद सबसे ज्यादा है। 1996 के चुनाव में दिल्ली की सात लोकसभा सीटों से कुल 523 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे, जिसमें से 24 महिला उम्मीदवार थीं।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में भी मेवाड़ वागड़ की चार लोकसभा सीटों मतदान हुए थे ।निर्वाचन आयोग के जरिये मतदान के आंकड़े चौंकाने वाले थे। यहां तीन लोकसभा सीटों पुरुषों मुकाबले महिलाओं ने अधिक वोटिंग की, हालांकि यहां पर पुरुष वोटर्स की संख्या ज्यादा थी। मतदान दिवस के दिन भी यही संभावना व्यक्त की जा रही थी, क्योंकि मतदान केंद्रों पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं की लंबी कतारें देखने को मिली थी।
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