यूपी में शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी स्थगित होना विरोध का परिणाम या भाजपा नेतृत्व में कलह का असर?

भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से केशव प्रसाद मौर्य की अलग-अलग मुलाकातों के बाद सीएम योगी द्वारा डिजिटल हाजिरी स्थगित करने का लिया गया फैसला। माना जा रहा है कि आगामी चुनावों को लेकर योगी आदित्यनाथ अपनी छवि को लेकर रिस्क नहीं उठान चाहते हैं।
यूपी में शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी स्थगित होना विरोध का परिणाम या भाजपा नेतृत्व में कलह का असर?
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की नाराजगी और तेज होते आंदोलन के बाद सरकार ने डिजिटल हाजिरी के फैसले को दो माह के लिए स्थगित कर दिया है। मामले में शिक्षकों की समस्या के समाधान और डिजिटल हाजिरी की दिक्कतों को खत्म करने के लिए सरकार बहुत जल्द एक कमेटी बनाएगी। यह जानकारी प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डा एमकेएस सुंदरम ने दी। उधर, इस फैसले के बाद शिक्षकों ने आंदोलन जारी रखने का एलान किया है।

मंगलवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दिल्ली पहुंचकर पार्टी के भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस दौरान प्रदेश में संगठन व सरकार के कामकाज को लेकर बातचीत की गई। इससे पहले बीते रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद भी मौर्य ने नड्डा से अलग से मुलाकात की थी। इन सबके बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो अहम फैसले किए हैं। उन्होंने लखनऊ में पंत नगर, खुर्रम नगर, अबरार नगर जोकि कुकरैल नदी के किनारे बसा है, वहां बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। साथ ही शिक्षकों के विरोध के बाद डिजिटल हाजिरी की व्यवस्था अगले आदेश तक स्थगित कर दी गई है।

शिक्षक संगठनों का कहना है कि इसे पूरी तरह से रद्द करना पड़ेगा। मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ बेसिक के शिक्षक संगठनों की हुई वार्ता हुई। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि शासन ने फिलहाल डिजिटल हाजिरी को स्थगित करने पर सहमति दी है। जल्द इसका आदेश जारी होगा। शिक्षकों की समस्या के समाधान और डिजिटल हाजिरी की दिक्कत के समाधान के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। इसमें शिक्षाविद, शिक्षक नेता और अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डा एमकेएस सुंदरम, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा आदि अधिकारी उपस्थित थे।

शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी को लेकर नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों, बेसिक शिक्षा अधिकारियों और सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारियों के साथ मिलकर शिक्षकों व शिक्षक प्रतिनिधियों से संवाद करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि विद्यालयों में पठन-पाठन सुचारु रूप से चलता रहे, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को शिक्षकों से वार्ता कर समाधान निकालने के निर्देश दिए थे। परिषदीय विद्यालयों में आठ जुलाई से शिक्षकों के डिजिटल हाजिरी लगाने के निर्देश दिए गए थे। इसे लेकर शिक्षक पिछले एक सप्ताह से आंदोलनरत थे।

उधर, इस फैसले के बाद भी शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक संयुक्त मोर्चा ने अपनी अन्य मांगों को लेकर विरोध जारी रखने का निर्णय लिया है। उनका कहना है कि डिजिटल हाजिरी व्यवस्था को निरस्त कर दिया जाए। इसे लेकर 29 जुलाई को बेसिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन किया जाएगा।

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