नई दिल्ली। हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) को एक और झटका लगा है। दिल्ली के पूर्व मंत्री और सीमापुरी विधानसभा सीट से 'आप' विधायक राजेंद्र पाल गौतम आज 'आप' का साथ छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव और पवन खेड़ा ने उन्हें कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई।
कांग्रेस में शामिल होने से पहले गौतम ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म 'एक्स' पर अरविंद केजरीवाल के नाम तीन पेज का अपना इस्तीफा पोस्ट किया है। इसके साथ उन्होंने लिखा, "सामाजिक न्याय व सभी क्षेत्रों में बहुजन समाज की हिस्सेदारी तथा भागेदारी के संघर्ष को गतिमान करने के लिए मैं आम आदमी पार्टी के सभी पदों व सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं! जय भीम !"
कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद राजेंद्र पाल गौतम ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "सामाजिक न्याय, जाति जनगणना और जनसंख्या के अनुसार प्रतिनिधित्व यही राहुल गांधी बोल रहे हैं। वे नफरत के बाजार में प्यार की दुकानें खोलने की बात कर रहे हैं। वे संविधान बचाने और जाति जनगणना की बात कर रहे हैं... मुझे फुले, अंबेडकर, पेरियार और कांशीराम की लड़ाई लड़ते हुए 43 साल हो गए हैं। अगर 'आप' इसके लिए काम करने को तैयार नहीं है और कांग्रेस इसके लिए काम कर रही है, तो मैं उनके साथ क्यों न जुड़ जाऊं? इसलिए, मैंने उनके साथ जुड़ने का फैसला किया।"
इस मौके पर के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि हमारे लिए यह गर्व का क्षण है कि राजेंद्र पाल गौतम कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं। भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा ने देश को एक नई दिशा दी है और अब देश भी इसे पूरी ताकत से स्वीकार कर रहा है। मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के कार्यक्रमों से आकर्षित होकर उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया है।
राजेंद्र पाल गौतम दिल्ली के रामलीला मैदान में हुए अन्ना आंदोलन के दौरान केजरीवाल के संपर्क में आए और फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ उस राष्ट्रव्यापी आंदोलन से प्रभावित हुए बिना रोक नहीं सके। इसके बाद वह उसी आंदोलन के परिणामस्वरूप बनी आम आदमी पार्टी में नवंबर 2014 में में शामिल हो गए थे। उन्होंने 'आप' के टिकट पर सीमापुरी विधानसभा का चुनाव भी लड़ा और जीतकर केजरीवाल मंत्रिमंडल में भी शामिल हो गए थे।
गौरतलब है कि, केजरीवाल सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहे राजेंद्र पाल गौतम करीब दो साल पहले अक्टूबर 2022 में दिल्ली में हुए एक धर्मांतरण कार्यक्रम में राम-कृष्ण को नहीं मानने और हिंदू देवी- देवताओं की कथित तौर पर निंदा करने को लेकर विवादों में घिर गए थे, जिसके चलते उनकी कुर्सी तक छिन गई थी।
अरविंद केजरीवाल के नाम एक खुला खत लिखते हुए राजेंद्र पाल गौतम ने अपने मन की बात भी विस्तार से बताई है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल का आगे भी सम्मान करते रहने की बात कही। लेकिन कुछ मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी से निराशा जाहिर करते हुए इस्तीफे का ऐलान किया।
राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि केजरीवाल के प्रति जो सम्मान उनके मन में था वह हमेशा रहेगा। किसी से व्यक्तिगत द्वेष से इनकार करते हुए उन्होंने स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आम आदमी पार्टी की सरकार के कामकाज की तारीफ करते हुए कहा कि यह सबके लिए उदाहरण है, लेकिन अपेक्षित परिणाम आना अभी भी बाकी है।
राजेंद्र पाल गौतम ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी में दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यकों को हिस्सेदारी नहीं दी जाती। उन्होंने लिखा, 'आम आदमी पार्टी के शीर्ष और मुख्य नेतृत्व में या फिर राज्यसभा के लिए मनोनीत लोगों में दलित, पिछड़े, आदिवासी, व अल्पसंख्यक को मौका देना तो दूर उनकी हिस्सेदारी के बारे में सोचा तक नहीं जाता है। यह नेतृत्व समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांत के विरूद्ध है।'
इस्तीफे के कुछ देर बाद ही कांग्रेस में शामिल हो गए गौतम ने कहा कि वह आम आदमी पार्टी के बंधन से मुक्त होकर बहुजन समाज और उपेक्षित वर्गों के अधिकारियों के लिए खुलकर लड़ाई लड़ पाएंगे। गौतम ने कहा कि आम आदमी पार्टी भाजपा की विचारधारा के प्रचंड दबाव में है और अल्पसंख्यक और बहुजन समाज के हितों को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी की नीति में बदलाव की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं होने से निराशा हुई।
राम-कृष्ण की पूजा ना करने की शपथ दिलाने वाले वीडियो के बाद मंत्री पद से हटाए गए गौतम ने आरोप लगाया कि पार्टी सवर्ण नेताओं का साथ देती है, दलित और मुस्लिम का नहीं। उन्होंने कहा, 'पार्टी सवर्ण जाति के विधायक या मंत्रियों पर किसी भी तरह का आरोप लगने पर भी उनका ही साथ देती है। लेकिन यदि मुस्लिम या दलित पर कोई आरोप चाहे वह झूठा ही क्यों न हो उसका साथ तुरंत छोड़ देती है। पार्टी एक तरह से मुस्लिम और दलित को मन ही मन ब्लैकलिस्ट कर देती है और अपना व्यवहार भी बदल लेती है, जोकि पीड़ादायी है।' उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी एसटी, एसटी, ओबीसी और माइनॉरिटी को कोई विशेष प्रतिनिधित्व नहीं देती है। गौतम ने कहा कि उन्हें सामाजिक न्याय उनके जीवन का पहला और अंतिम लक्ष्य है और उन्हें यह लगने लगा था कि इस पार्टी में रहकर पर कुछ नहीं कर पाएंगे।
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