भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के आरक्षण में कोटे के मुद्दे पर एक व्यापक अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इस अभियान के तहत कांग्रेस पार्टी का अनुसूचित जाति-जनजाति विभाग प्रदेश भर में युवाओं के बीच जागरूकता फैलाने का काम करेगा। इसके लिए गांवों में चौपालें लगाई जाएंगी और कॉलेज के विद्यार्थियों से भी इस विषय पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
कांग्रेस पार्टी इस अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों में विशेष चौपालों का आयोजन करेगी। इन चौपालों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को आरक्षण से जुड़े कोटे के मुद्दे की जानकारी देना और उन्हें इस संबंध में जागरूक करना है। इसके अलावा, शहरों के कॉलेजों में भी इस मुद्दे पर विद्यार्थियों से बातचीत की जाएगी, ताकि शहरी युवाओं में भी इस विषय पर सही जानकारी पहुंच सके।
कांग्रेस पार्टी ने इस अभियान में गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को भी शामिल करने का निर्णय लिया है। पार्टी का मानना है कि एनजीओ के माध्यम से इस अभियान को और अधिक प्रभावी तरीके से चलाया जा सकता है। पार्टी का लक्ष्य है कि इस अभियान के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी बात पहुंचाई जा सके।
मध्य प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष रामू टेकाम ने द मूकनायक प्रतिनिधि से बातचीत में बताया कि सितंबर महीने में आदिवासी कांग्रेस की बैठक होगी, जिसमें इस अभियान की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस बैठक में सभी प्रमुख पदाधिकारी भाग लेंगे और आरक्षण के मुद्दे पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण में कोटे की व्यवस्था दी गई है, जिसका विभिन्न बहुजन संगठनों ने विरोध किया है। कांग्रेस पार्टी ने भी अन्य दलों के साथ मिलकर इस फैसले का विरोध किया है। पार्टी का मानना है कि आरक्षण में कोटा व्यवस्था से आरक्षण के उद्देश्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और इससे आरक्षित वर्गों के हितों को नुकसान पहुंच सकता है।
पार्टी के पदाधिकारियों का आरोप है कि वर्तमान सरकार आरक्षण व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने का प्रयास कर रही है। उनका कहना है कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा वरिष्ठ प्रशासनिक पदों पर विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में आरक्षित वर्गों के अधिकारों का हनन हुआ है। भले ही यूपीएससी ने इस विज्ञापन को वापस ले लिया हो, लेकिन इससे सरकार की मंशा स्पष्ट हो गई है।
कांग्रेस ने तय किया है कि आरक्षण व्यवस्था में हो रही छेड़छाड़ के प्रयासों के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को सरकार के इरादों के प्रति जागरूक करना और आरक्षित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए समर्थन जुटाना है। इसमें एनजीओ का भी सहयोग लिया जाएगा, ताकि यह अभियान व्यापक और प्रभावी हो सके।
जानकारी के मुताबिक, इस अभियान की रूपरेखा तय करने के लिए जल्द ही प्रदेश पदाधिकारियों की एक बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी और आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
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