बाबा साहब को मूर्तियों में नहीं किताबों में पढ़ना होगा: आज़ाद

आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भीम आर्मी चीफ ने ग्रामीणों से मांगा समर्थन, कहा शोषित वर्ग को एकजुट होना पड़ेगा
भीम आर्मी राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद
भीम आर्मी राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद File Pic
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जयपुर। राजस्थान के अलवर जिले में बुधवार को भीम आर्मी राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद ने बानसूर इलाके के एक गांव में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया।

इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा कि मैं बाबा साहब को मानने वाला व्यक्ति हूं। बाबा साहब ने कहा था मैं मूर्तियों में नहीं, किताबों में हूं। मुझे पूजने की नहीं मुझे पढ़ने की जरूरत है। आजाद ने अपने वक्तव्य से ग्रामीणों को शिक्षा के महत्व को समझाने का प्रयास किया।

चन्द्रशेखर बोले, "बाबा साहब ने कहा था कि सुबह के समय दो घण्टी बजेगी। एक मंदिर की और दूसरी स्कूल की। आपको तय करना है आपका और आपके बच्चों का भविष्य कहां से सुधरेगा। कहां से आप के बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, आईपीएस, बनेंगे। कहां से वकील और तमाम अधिकारों के साथ अधिकारी कर्मचारी बनेंगे। बाबा साहब ने यह भी कहा कि मेरे जाने के बाद मुझे मरा हुआ मत समझना। जब तक संविधान जिंदा है मैं भी जिंदा हूं।"

चन्द्र शेखर आजाद ने आगे कहा कि मैं यह बात आपसे इसलिए कह रहा हूं क्योंकि आपने बाबा साहब को जो मूर्ति बनवाई है यह बड़ी प्यारी है, लेकिन खाली मूर्ति से काम नहीं चलेगा। मूर्ति तो बाबा साहब की आपके सबके घरों में और आपके हमारे दिलों में भी है। बाबा साहब की मूर्ति को जरा भी कुछ हो जाता है तो, हम संघर्ष करने लगते हैं।

जागरूक नहीं बनोगे तो अधिकार कैसे प्राप्त करोगे?

सभा को सम्बोधित करते हुए भीम आर्मी चीफ ने कहा कि बाबा साहब ने अपने चार-चार बच्चों की कुर्बानी देकर हमें संविधान जैसा तोहफा दिया। वोट का अधिकार दिलाया। अन्य अधिकार दिलाये, उन अधिकारों को कैसे प्राप्त करोगे-यह कभी सोचा है? जब तक आप जागरूक नहीं होंगे तब तक अधिकार हासिल नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा भीड़ और भेड़ शब्द में ज्यादा फर्क नहीं होता। उन्होंने आगे कहा मैं आपका वो नेता नहीं हूं जिसको आप के वोट चाहिए या अन्य कोई लालच हो। मैं आपका भाई हूं। मेरे पिताजी स्कूल के शिक्षक थे और में एक गरीब परिवार से आता हूं। कोई धन्ना सेठ का बेटा नहीं हूं। अपने लोगों के हालात जानता हूं।

उन्होंने युवाओं से कहा मेरे साथ फोटो खिंचवाने से आपकी कोई जिंदगी नहीं बदलेगी। आप मेरी तरह काम करो। आप भी चन्द्रशेखर बन जाओगे। आप को भी समाज सम्मान देगा। आप भी तो, मेरी तरह फील्ड में महनत करने उतरो।

आजाद ने कहा कि मैं गौरवान्वित हूँ कि मैं आपका हिस्सा हूं, लेकिन मुझे कष्ट इस बात का है कि मेरे होते हुए आपकी जिंदगी नहीं बदल रही है। आपको रोजगार नहीं मिल रहा है। आपको मकान नहीं मिल रहे है। अच्छा खाना और साफ पानी और सम्मानजनक जीवन नहीं मिल रहा है तो मेरा जीना भी बेकार है।

सामाजिक एकता पर दिया जोर

आज़ाद ने समाज मे एकता की कमी की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि मेरा प्रयास है कि दलितों, आदिवासी और पिछडो में एकता हो जाए। एक जाति एक समाज से हम लोग तरक्की नहीं कर सकते। वोट का अधिकार है इसको संगठित करना पड़ेगा। बाबा साहब ने कहा था शिक्षित बनो, संगठित रहो। शिक्षित तो हो रहे हैं, लेकिन संगठित होकर वोट का सही उपयोग नहीं कर रहे हैं तो क्या फायदा?

उन्होंने कहा वोट दो धारी तलवार है। दुश्मन को देंगे तो दुश्मन ताकत इकट्ठा करके हमें परास्त कर देगा और अपनों को दोगे तो अपनी ताकत बनाओगे। आज़ाद ने ग्रामीणों से समर्थन मांगते हुए कहा कि आप साथ दोगे तो मैं वादा करता हूं कि जिन सरकारों के सामने आप अपने अधिकारों के लिए हाथ फैलाते हो, दोबारा किसी के सामने रोजगार, शिक्षा के लिए हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा। एक बार मुझे मौका दिया जाए।

उन्होंने कहा आजादी को 75 साल बीत गए, लेकिन लोग इंसान नहीं बन पाए। यहां अमीरों के कुत्ते भी घी खा रहे हैं। गाड़ियों में घूम रहे हैं। मेरे लोगों के सर पर पक्की छत भी नहीं है। यह है भारत की सच्चाई। और छत तब तक नहीं मिलेगी जब तक आप अपनी ताकत नहीं बढ़ाओगे।

गहलोत सरकार पर कसा तंज

आजाद ने गहलोत सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यहां इतनी अच्छी सरकार है जब भी मैं हक़ की लड़ाई लड़ने आता हूं तो बन्द कर देते हैं। कभी जेल भेज देते हैं। कभी यहां से पकड़ कर दिल्ली छोड़ आते हैं। और यह कहते है यहां लोकतंत्र है।

उन्होंने यहां गुर्जर आरक्षण आंदोलन में सरकारी बंदूक की गोली से मारे गए आंदोलनकारियों का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस समाज के पास राजनीतिक शक्ति नहीं होती, उसका यही हस्र होता है। जिसने आपके खून से होली खेली आप उन्हीं को वोट कर फिर शक्ति दे रहे हो।

जिनकी सरकार हमारे हक और अधिकार छीन रही है, बहन बेटियों की इज्जत नीलाम कर रही है, जिनकी सरकार में आप लोग भूखे मर रहे हो, उन्हीं को वोट देकर ताकत दे रहे हो?

इससे पूर्व सभा की अध्यक्षता कर रहे हंसराज गुर्जर सहित किशन मुरारी, विजय गोठवाल, कैलाश गोठवाल, धारा सिंह, भीम आर्मी प्रदेश प्रभारी अनिल घेनवल, सत्यपाल, रविन्द्र कुमार भाटी सहित दर्जनों बहुजन नेताओं ने भी सम्बोधित किया।

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