नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली शराब नीति केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार रात को गिरफ्तार कर लिया। ईडी की टीम गुरुवार शाम 7 बजे केजरीवाल के घर 10वां समन और सर्च वारंट लेकर पहुंची। इसके बाद जांच एजेंसी ने दो घंटे तक पूछताछ के बाद रात 9 बजे शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया।
इस मामले में पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया 13 महीने और AAP नेता संजय सिंह 6 महीने से जेल में हैं। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ़्तारी को लेकर विपक्ष द्वारा काफ़ी सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्षी दल एकजुट होकर भाजपा से सवाल कर रही है और इस गिरफ़्तारी की कड़ी निंदा कर रही है।
सीएम की गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी का विरोध प्रदर्शन
वहीं सीएम केजरीवाल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी प्रदर्शन कर रही है। गिरफ्तारी के खिलाफ पार्टी के विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के आईटीओ पर पुलिस ने आम आदमी पार्टी के दिल्ली मंत्री सौरभ भारद्वाज और आतिशी को हिरासत में ले लिया।
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर AAP सांसद संदीप पाठक ने कहा, "हमने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। कल रात से ही पार्टी नेताओं को नजरबंद करना शुरु कर दिया था। आज सौरभ जी और आतिशी जी को हिरासत में लिया गया है। दिल्ली की जनता अपने वोट से जवाब देगी।”
केजरीवाल स्वतंत्र भारत के इतिहास में गिरफ़्तार होने वाले पहले सिटिंग सीएम
बता दें कि केजरीवाल स्वतंत्र भारत के इतिहास में गिरफ़्तार होने वाले पहले सिटिंग सीएम हैं। ऐसा तब हुआ जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें गिरफ़्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया।
इससे पहले हेमंत सोरेन को भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ़्तार किया था, लेकिन गिरफ़्तारी से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। इसी तरह, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपनी गिरफ़्तारी से पहले अपनी पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का मुख्यमंत्री नियुक्त किया था।
केजरीवाल की गिरफ़्तारी में ये बातें है असामान्य
केजरीवाल पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गए हैं जिन्हें बिना चार्जशीट या दोषसिद्धि के गिरफ़्तार किया गया है। इसका मतलब है कि जांचकर्ताओं ने उनके ख़िलाफ़ सबूत पेश नहीं किए हैं और अदालत ने उन्हें दोषी नहीं पाया है। गौरतलब है कि तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता को पहले आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया गया और फिर हिरासत में ले लिया गया था।
केजरीवाल की गिरफ़्तारी के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी संकट मंडराने लगा है। वे पहले मुख्यमंत्री हैं जो जेल के अंदर से सरकार चलाने की योजना बना रहे हैं। सीएम केजरीवाल की गिरफ़्तारी के बाद दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली के CM बने रहेंगे और जेल से सरकार चलाएंगे। देश में ऐसा कोई कानून नहीं है जो उन्हें ऐसा करने से रोकता हो क्योंकि उन्हें अभी तक दोषी नहीं ठहराया गया है।
केंद्र उन्हें मुख्यमंत्री पद से निलंबित या हटा सकती है क्योंकि वे एक लोक सेवक हैं। यह प्रक्रिया उन सरकारी अधिकारियों के लिए भी अपनाई जाती है जिन्हें गिरफ्तार किया जाता है। गिरफ़्तारी के बाद उन्हें तुरंत सेवा से निलंबित कर दिया जाता है।
हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी से राहत देने से इनकार कर दिया
इससे पहले गुरुवार को दोपहर 2.30 बजे हाईकोर्ट ने दिल्ली CM की गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज कर दी थी। केजरीवाल ने कोर्ट से ये भरोसा मांगा था कि अगर वे पूछताछ के लिए ईडी जाते हैं तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाए। कोर्ट ने साफ किया कि केजरीवाल को ED के सामने पेश होना होगा, उनकी गिरफ्तारी पर रोक नहीं है।
इससे पहले ED ने केजरीवाल को 17 मार्च को 9वां समन भेजा था। केजरीवाल 19 मार्च को समन के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे थे। उनकी याचिका पर 20 मार्च को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने बार-बार समन भेजने को लेकर ED को तलब किया।
शराब नीति केस में केजरीवाल को इस साल 27 फरवरी, 26 फरवरी, 22 फरवरी, 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी और 2023 में 21 दिसंबर और 2 नवंबर को समन भेज गया था। हालांकि, वे एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं गए।
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