“मैं सभी धर्म का सम्मान...लेकिन पाखंड..!", बिहार के प्रतीक पटेल को लेकर सोशल मीडिया पर क्यों हो रहा है विवाद?

राजनीतिक और व्यक्तिगत टिप्पणियों के पुराने स्क्रीनशॉट चस्पा कर राइट विंग के लोग कर रहे बिहार पुलिस से प्रतीक पटेल के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग। प्रतीक ने कहा कि पाखंड के खिलाफ मुखर रहा हूं इसलिए मुझे टारगेट किया जा रहा है।
प्रतीक पटेल
प्रतीक पटेलग्राफिक- द मूकनायक
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नई दिल्ली। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर की गई अपनी कुछ पुरानी टिप्पणियों को लेकर बिहार के रहने वाले प्रतीक पटेल हाल ही में विवादों में घिर गए। प्रतीक सोशल मीडिया पर खुद को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सिपाही और अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ, बिहार के युवा अध्यक्ष बताते हैं। 

द मूकनायक से बातचीत के दौरान प्रतीक पटेल ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब उनके खिलाफ ऐसे कार्रवाई की मांग की गई है। वर्ष 2023 के एक घटनाक्रम को याद करते हुए वह बताते हैं कि उस समय उन्होंने एक ट्वीट किया था जिसपर कई लोगों ने आपत्ति की थी, जिसके बाद उसे प्रतीक ने हटा दिया था. 

बीते रविवार को सोशल मीडिया पर प्रतीक के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में बिहार पुलिस से कार्रवाई की मांग करते हुए सोशल मीडिया पर सैकड़ों पोस्ट किये जा रहे थे. इन पोस्ट में #ShameOnBiharPolice का हैशटैग भी चलाया जा रहा था. 

वहीं दूसरी ओर कई बड़े लेखक, विचारक और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर प्रतीक के समर्थन में भी एक्स पर #WeStandWithPratikPatel के हैशटैग से तमाम पोस्ट कर रहे थे. कुछ समय में ही यह हैशटैग एक्स पर ट्रेंडिंग में भी आ जाता है. 

प्रतीक के अनुसार यह मामला 2024 के लोकसभा चुनाव में, हाजीपुर में चुनाव के सन्दर्भ में लिखे गए सोशल मीडिया पोस्ट से शुरू हुआ था. उस समय हाजीपुर लोकसभा सीट से RJD के उम्मीदवार शिव चन्द्र और उनके खिलाफ लोक जनशक्ति पार्टी से चिराग पासवान थे. प्रतीक ने चुनाव के दरमियान एक्स पर लिखा था कि “हनुमान नहीं वो बन्दर है, उसका इलाज शिव चन्दर है.”

प्रतीक ने कहा कि, “चूंकि चिराग पासवान खुद को मोदी का हनुमान कह रहे थे. उसी के सन्दर्भ में कोट करके हाजीपुर भी लिखा था. लेकिन वो लोग [एक्स यूजर] मुझे इस पोस्ट के माध्यम से टारगेट कर रहे थे, कि मेरे इस पोस्ट से हिन्दुओं की भावनाएं आहात हो गईं.”

दूसरा मामला 2023 में किया गया वह पोस्ट था जिसमें प्रतीक ने किसी एक्स यूजर को जवाब दिया था. इसके स्पष्टीकरण के लिए प्रतीक ने वह स्क्रीनशॉट भी एक्स पर शेयर किया है. 

प्रतीक का आरोप है कि उक्त दोनों पोस्ट के स्क्रीनशॉट को लेकर अब मुझे टारगेट किया जा रहा है. “लोग आरोप लगा रहे हैं कि मेरे इस पोस्ट से हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा है.जबकि मैंने इन पोस्ट को बाद में डिलीट भी कर दिया था”, प्रतीक ने द मूकनायक को बताया.

प्रतीक ने द मूकनायक से यह पुष्टि की कि उनके खिलाफ उक्त मामले में मसौढ़ी थाने में FIR दर्ज हो चुकी है. उन्होंने बताया कि “क्षेत्राधिकारी के निर्देश पर थाना प्रभारी को FIR दर्ज करने के लिए कहा गया था. जिसके बाद मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. लेकिन अभी तक FIR की कॉपी मुझे नहीं मिली है.” हालांकि, प्रतीक दावा करते हैं कि उनके खिलाफ जमानत हो जाने वाली धाराओं में मामला दर्ज हुआ है. 

प्रतीक ने यह भी बताया कि ऐसा करने के लिए पुलिस पर भारी दबाव था. 

सोशल मीडिया पर हैशटैग की जंग के बीच प्रतीक ने बताया कि हमें लगातार सोशल मीडिया पर धमकियां आ रहीं हैं. लोग घर में घुसकर मारने की धमकी दे रहें हैं. “मैं मानसिक रूप से बहुत प्रेसर में हूँ”, प्रतीक ने कहा. 

प्रतीक के अनुसार, इस घटना के बाद RJD से मीसा भारती और रेखा का सहित कई लोगों के फोन काल्स उन्हें समर्थन के लिए आए. दूसरी ओर सोशल मीडिया पर लगातार कई लोग उनका इस मसले पर समर्थन कर रहे हैं.   

प्रतीक ने मंगलवार को एक्स पर एक पोस्ट किय जिसमें उन्होंने लिखा कि, “मान लेते हैं मैंने ग़लती की उसकी सजा मुझे कानून देगा। लेकिन जो इस तरह से मेरी माँ के प्रति इतनी भद्दी भद्दी गालियाँ दी जा रही है। मुझे मारने की बात की जा रही है। @bihar_police आप सुन लीजिए एक बार। सबका तो आपने सुन ही लिया है मेरा भी सुन लीजिए।”

आपको क्यों टारगेट किया जा रहा है, द मूकनायक के सवाल पर प्रतीक ने कहा कि, “दिल्ली यूनिवर्सिटी में दो दिन पहले मनुस्मृति पढ़ाने की बात हो रही थी. उसी पर मैंने ट्वीट लिखा था कि यह देश संविधान से चलेगा, लोग संविधान को मानते हैं. अगर मनुस्मृति पढ़ाया जाएगा तो यह संविधान की आत्मा पर चोट है. पोस्ट में नीचे मैंने लिखा था कि मनुस्मृति जलाने की चीज है पढ़ने की नहीं. उसी समय से यह लोग मेरे पीछे पड़ गए. फिर मेरे पुराने ट्वीटर पोस्ट निकाले गए और बिहार पुलिस से कार्रवाई की मांग की जाने लगी.”

प्रतीक पटेल के खिलाफ लगातार कार्रवाई की मांग करने वाला एक एक्स यूजर रैंडमसेना ने प्रतीक के कुछ पुराने ट्वीट पोस्ट का स्क्रीनशॉट लेकर बिहार पुलिस से कार्रवाई करने की मांग की है. इस ट्विटर यूजर ने एक पोस्ट में प्रतीक के खिलाफ खुलेआम अभद्र टिप्पणी भी की है. 

हालांकि सोमवार को प्रतीक ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि, “मैंने अपना स्पष्टीकरण दे दिया है। ताकि आगे से इन डिलीट किए हुए ट्वीट पर कोई विवाद नही किया जाए। सारे धर्म का सम्मान करना हमारे संविधान में हैं। मैं सभी धर्म का सम्मान करता हूं। वैज्ञानिक स्वभाव, मानवतावाद, तथा अन्वेषण एवं सुधार की भावना विकसित करना। यह भी अधिकार हमे संविधान देता है। मैं ओबीसी और पाखंड के मुद्दों पर प्रखर रूप से लिखता हूं। बहुत से किताबों में ऐसे चीज हैं जो आज के समय में व्यवहारिक नहीं है।”

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