उत्तर प्रदेश। ललितपुर जिले के नाराहट थाना क्षेत्र के गौना गांव निवासी इंदल सिंह पटेल को गांव के ही ठाकुरों के एक समूह ने क्रूरता से जिंदा जला दिया। शरीर का अधिकांश हिस्सा जलने के कारण इंदल पटेल जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है। देखते ही देखते इस घटना की सूचना प्रदेशभर में आग की तरह फैल गई, जिससे समाज के लोगों और विपक्षी नेताओं में प्रदेश के कानून व्यवस्था को लेकर आक्रोश दिखा।
जानकारी के मुताबिक, 6 सितंबर, शुक्रवार की रात को करीब 11 बजे गांव के ही गुड्डू राजा सहित आठ-नौ लोगों ने इंदल पटेल पर पेट्रोल डालकर आग लगा दिया, और घटनास्थल से भाग गए। आनन-फानन में परिजन और स्थानीय लोग उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गए। हालांकि, इंदल की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
घटना की रिपोर्ट दिखाने वाले यूपी के एक टीवी चैनल ने मामले में यहां तक दावा किया है कि, घटना के बाद स्थानीय पुलिस आरोपियों पर एफआईआर ही नहीं दर्ज कर रही थी। पुलिस अधीक्षक के हस्तक्षेप के बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज हो सका है।
घटना पर यूपी में बेलगाम अपराधियों पर चिंता जाहिर करते हुए नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि, "उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी जी के सजातीय गुंडों का आतंक चरम पर पहुंच चुका है। अब सत्ता का संरक्षण प्राप्त सामंतियों ने ललितपुर जिले के नाराहट थाना अंतर्गत पिछड़े वर्ग के कुर्मी समाज के भाई इंदल पटेल को घर में घुसकर जिंदा जला दिया।"
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि, "इंदल पटेल ने गांव गौना के गुड्डू ठाकुर के साथ पार्टनरशिप में ईंट का व्यवसाय किया था। जातीय दंभ में चूर गुड्डू ने सारी ईटें बेचकर पूरा पैसा खुद ही हड़प लिया। जब इंदल पटेल ने गुड्डू से अपना हिस्सा मांगा तो गुड्डू और उसके सामंती मानसिकता के गुर्गों ने इंदल पटेल के घर में घुसकर तोड़ फोड़ की इतने से भी मन नहीं भरा तो भाई इंदल पटेल पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी, पीड़ित की हालत गंभीर है वो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है।"
उन्होंने कहा कि, "मैं भाई इंदल पटेल के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रकृति से प्रार्थना करता हूं। इस तरह के मामलों (जब आरोपी मुख्यमंत्री जी का सजातीय हो) में सख्त मुख्यमंत्री जी की सख्त पुलिस और सख्त STF कहां छुप जाते हैं। मैं और पूरी आजाद समाज पार्टी इस दुख की घड़ी में पीड़ित पटेल परिवार के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाई इंदल पटेल को सरकारी खर्चे पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराएं और हमलावर गुंडों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करें।"
पिछड़े और कुर्मी समाज के एक युवक को निर्ममता से आग के हवाले करने की इस घटना पर पिछड़े समाज के लोगों में सोशल मीडिया पर भारी गुस्सा देखने को मिला। आरजेडी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका भारती ने घटना पर लिखा कि, "वंचित -पिछड़े यूपी में या तो पुलिस द्वारा एनकाउंटर कर दिए जाएंगे या फिर मनुवादियों द्वारा जिंदा जला दिए जायेंगे। इंदल पटेल से पैसे के लेनदेन का मसला हुआ, मनुवादी संविधान को ठेंगा दिखाते हुए मनुस्मृति के हिसाब से जिंदा जला डाला। योगी के राज में स्वागत है।"
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के LLB के छात्र मुकेश कुमार वर्मा ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से अपील करते हुए लिखा कि, "ललितपुर में मुख्यमंत्री के सजातीय गुंडो ने इंदल पटेल को घर में घुसकर जिंदा जलाकर मारने का प्रयास किया है, जिनकी हालत अभी गंभीर है। माननीय श्री अखिलेश यादव जी मैं पूरे पटेल समाज की तरफ से आपसे आवाहन करता हूं कि #इंदल_पटेल_को_न्याय_दो की लड़ाई भी आप उसी तरह लडिए जैसे आपने मंगेश यादव के लिए लड़ी है। विगत लोकसभा चुनाव में PDA परिवार के एक मजबूत स्तंभ "पटेल समाज" ने आपको एकतरफा समर्थन दिया है, मेरे जैसे लाखों पटेल समाज के युवा आपकी PDA विचारधारा में विश्वास रखते हैं। इसलिए स्वाभाविक तौर पर हमारी उम्मीदें आपसे और बढ़ जाती हैं कि #इंदल_पटेल_को_न्याय_दो की लड़ाई आप अपने हाथों में लेकर लड़ेंगे।"
लेखक और एक्टिविस्ट डॉ. संदीप यादव ने लिखा कि, "यूपी के ललितपुर में ठाकुर जातंकवादियों ने ओबीसी पटेल समाज के व्यक्ति इंदल पटेल को पैट्रोल डाल कर जिंदा जला दिया। जातिवादी मीडिया इंदल की जाति नहीं बता रही है, बल्कि उन्हें दबंग बता रही है। #इंदल_पटेल_को_न्याय_दो"
एक अन्य सोशल मीडिया यूजर प्रतीक पटेल ने कहा कि, "उतर प्रदेश में जातीय हिंसा बंद होनी चाहिए। भारत के सबसे बड़े प्रदेश में इस तरह का कुकृत्य लगातार हो रहा है जो कहीं से बर्दास्त करने लायक नही है। आख़िर इन लोगों को हिम्मत कहां से मिल रही है..? दोषियों पर कड़ी से कड़ी कारवाई हो।"
मामले पर ललितपुर जिले के अपर पुलिस अधीक्षक अभिषेक कुमार अग्रवाल ने बताया कि, "मामले में हुकूम सिंह (पीड़ित परिजन) द्वारा थाने पर प्रार्थना पत्र दिया गया था, जिसपर तत्काल सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर मामले की गंभीरता से जांच शुरू की गई है। जांच से पता चला कि आरोपी और पीड़ित पक्ष दोनों ही ईंटों का व्यवसाय एक साथ करते थे। उसी के रुपयों के लेनदेन को लेकर दोनों के बीच विवाद था। 6 सितंबर को शराब के नशे में इसी विवाद के चलते पीड़ित और आरोपी के बीच गाली-गलौच और मारपीट की घटना हुई। इस तथ्य की गहनता से जांच और विवेचना की जा रही है कि किन परिस्थितियों में आग लगने की घटना हुई। मामले में अभी दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आगे की कार्रवाई जारी है।"
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