राजस्थान: केन्द्र से नहीं आया वार्ता बुलावा, तीन दिन इंतजार के बाद जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने बढ़ाया आंदोलन

आंदोलित समाज को केन्द्र सरकार से बातचीत के लिए बुलावे का इंतजार है, लेकिन तीन दिन बीतने के बाद मंगलवार शाम तक भी केन्द्र सरकार ने आंदोलित जाट समाज को बातचीत के लिए बुलावा नहीं भेजा। इससे जाट समाज में आक्रोश बढ़ गया है।
आदोंलन पर बैठे जाट आरक्षण संघर्ष समिति के लोग।
आदोंलन पर बैठे जाट आरक्षण संघर्ष समिति के लोग।
Published on

जयपुर। केन्द्र में ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलित राजस्थान के भरतपुर-धौलपुर के जाटों के लिए इंतजार की घड़ियां लंबी होती जा रही है। आंदोलित समाज को केन्द्र सरकार से बातचीत के लिए बुलावे का इंतजार है, लेकिन तीन दिन बीतने के बाद मंगलवार शाम तक भी केन्द्र सरकार ने आंदोलित जाट समाज को बातचीत के लिए बुलावा नहीं भेजा है। इससे जाट समाज में आक्रोश बढ़ गया है।

अब जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने बुधवार से गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम के पैतृक गांव बेढम में महापड़ाव डालने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही अब वे अन्य जगहों पर भी पड़ाव डालकर आंदोलन को तेज करेंगे। आरक्षण संघर्ष समिति गृह राज्यमंत्री बेढम के पैतृक गांव के अलावा रूपवास तहसील के जटामासी, जघीना, धौलपुर, डेहरा मोड़ और बैलरा नदबई में भी महापड़ाव डालेगी। सोमवार को आंदोलन का दायरा बढ़ाते हुए रुपवास के जटामासी में पड़ाव डाल दिया गया। आंदोलन के तहत यह दूसरा पड़ाव है।

जाट आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक नैमसिंह फौजदार की अगुवाई में भरतपुर-धौलपुरप जिले का जाट समाज केन्द्र की सरकारी नौकरियों में दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी आरक्षण देने की मांग को लेकर 17 जनवरी से जयचौली में महापड़ाव डाल कर बैठे हैं। महपड़ाव को 13 दिन हो गए। हाड कंपा देने वाली इस ठंड में भी जाट समाज महपड़ाव स्थल पर डटे हुए हैं।

आदोंलन पर बैठे जाट आरक्षण संघर्ष समिति के लोग।
कभी आंबेडकर तो कहीं मुस्लिम छात्राएं क्यों हो रहीं टारगेट? सेकुलरिज्म और संविधान को चुनौती देने वाले मामलों पर ये रिपोर्ट..

आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक नैमसिंह फौजदार ने बताया कि 3 दिन पहले प्रशाशन ने दिल्ली में वार्ता के लिए पांच सदस्य समिति का गठन करने के लिए कहा था। हमने उसी दिन पांच सदस्यों के नाम प्रशासन को भेज दिए थे। हमें नाम दिए तीन दिन हो गए, लकिन अभी तक वार्ता के लिए कोई संदेश नहीं आया। उन्हेांने कहा कि पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जयपुर प्रवास के बहाने और फिर गणतंत्र दिवस के कारण वार्ता को टाला गया था।

लंबी होती इंतजार की घड़ियों से आहत आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि "सरकार आंदोलन को लंबा खींच रही है, सरकार गलतफहमी निकाल दे। हम आंखरी सांस तक आंदोलन करेंगे। हम हताश नहीं होंगे, हम हमारा हक लेकर उठेंगे। बेढम गांव में भी महाराजा सूरजमल की तस्वीर लगाकर महापड़ा के साथ आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा। उनका आंदोलन गांधीवादी तरीके से चल रहा है। आगे भी इसी तरह आंदोलन चलांएगे।"

अब सरकार ने दिल्ली में वार्ता की पहल की है

संघर्ष समिति संयोजक नैमसिंह फौजदार ने बताया कि आरक्षण की मांग को लेकर जाट समाज का 17 जनवरी से महापड़ाव शुरू हुआ। 25 जनवरी को जिला कलेक्टर भरतपुर दिल्ली में केन्द्र सरकार से वार्ता के लिए पांच सदस्यों के नाम मांगे थे। इसके बाद हमने समिति में चर्चा कर पांच लोगों के नाम सरकार को भेज दिए थे।

आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से सरकार से दिल्ली में वार्ता के लिए राजाराम डागुर, एडवोकेट दिलीप सिंह, सरपंच सुभाष व गिर्राज सिंह भातरा के नाम दिए गए हैं। केंद्र से वार्ता के बाद पता चलेगा फाइल कहां रुकी, उन्होंने कहा कि जब तक हमारे साथ न्याय नहीं हो जाता महापड़ाव जारी रहेगा।

केंद्र में सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने भी इस मामले को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा से बात की है। सीएम शर्मा भरतपुर जिले के निवासी हैं। ऐसे में उनके लिए यहां के जाट समाज की मांगों को प्राथमिकता से हल करवाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। केन्द्रीय मंत्री से मुलाकात के बाद ही सीएम भजन लाल शर्मा ने मंत्री कन्हैयालाल व अविनाश गहलोत तथा विधायक डॉ. शैलेश सिंह एवं जगत सिंह की एक समिति बनाकर जाट समाज से वार्ता के लिए तय किया था।

आदोंलन पर बैठे जाट आरक्षण संघर्ष समिति के लोग।
राजस्थान के स्कूल में गणतंत्र दिवस पर सरस्वती पूजा का मामला: राजकार्य में बाधा डालने का आरोप

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com