अफगानिस्तान में ईद के जश्न से दूर रहीं महिलाएं!

अफगानिस्तान में ईद के जश्न से दूर रहीं महिलाएं!
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नई दिल्ली। अफगानिस्तान में महिलाओं के हकों को एक-एक करके कुचला जा रहा है। तालिबान ने अफगानिस्तान के दो प्रांतों में एक और कठोर प्रतिबंध लगाते हुए ईद समारोह में शामिल होने से महिलाओं को प्रतिबंधित कर दिया था, जिससे महिलाएं अपने मन मुताबिक त्योहार नहीं मना पाईं।

देश के बागलान और तखार प्रांतों की महिलाओं को गत शुक्रवार को ईद-उल-फितर के दिनों में समूह में बाहर नहीं निकलने के निर्देश अधिकारियों से मिले। अफगानिस्तान के केवल इन दो प्रांतों को अब तक निर्देशों का पालन करने की कमान सौंपी गई थी।

हिजाब न पहनना प्रतिबंधों का कारण

तालिबान सरकार ने बयान जारी कर बताया कि इस्लामिक गुरुओं और लोगों की सलाह पर ऐसा किया गया था। ऐसी शिकायतें सामने आई थी कि इस तरह की जगहों पर पुरुष और स्त्रियां एक साथ होते हैं। यहां पर महिलाएं हिजाब नहीं पहनतीं। ऐसी जगहों पर महिलाओं के लिए पर्दे की व्यवस्था भी नहीं होती। विदेशी सरकारें महिलाओं पर तालिबान के प्रतिबंधों के कारण बड़े पैमाने पर विकास निधि में कटौती कर रही हैं और प्रतिबंध लगा रही हैं।

अफगानिस्तान में महिलाओं पर कई तरह की पाबंदी

दुनियाभर में हो रही आलोचनाओं के बावजूद तालिबानी सरकार का अफिगानी महिलाओं पर प्रतिबंध लगाना जारी है। इसी महीने की शुरुआत में तालिबान ने महिलाओं का एक रेडियो स्टेशन बंद करा दिया था।

इतना ही नहीं ऐसी खबरें मिल रही हैं कि अफगानिस्तान में तलाकशुदा महिलाओं को पूर्व पतियों संग रहने को भी मजबूर किया जा रहा है। इससे पहले तालिबान गर्भनिरोधक गोलियों पर बैन, लड़कियों की शिक्षा पर भी पाबंदी, महिलाओं के मीडिया में भी काम करने पर रोक, अकेले निकलने पर पाबंदी सहित कई फरमान जारी कर चुका है।

खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के हेरात क्षेत्र में, तालिबान अधिकारियों ने इस महीने की शुरुआत में परिवारों और महिलाओं को बगीचों और बाहरी जगहों वाले प्रतिष्ठानों में भोजन करने से मना किया था।

अफगान समाचार एजेंसी ने बताया कि व्यापक निंदा के बावजूद, छठी कक्षा के बाद लड़कियों की उच्च शिक्षा पर प्रतिबंध सहित संयुक्त राष्ट्र के लिए कितनी महिलाएं काम कर सकती हैं, इस पर अभी भी प्रतिबंध हैं। अगस्त 2021 में तालिबान के दोबारा सत्ता में आने के बाद से, महिलाओं को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में, जिम में या सार्वजनिक स्थानों पर काम करने की अनुमति नहीं है।

भोजन की कमी सहित कई चुनौतियों से जूझ रहा मुल्‍क

रिपोर्ट के अनुसार दशकों से चले आ रहे संघर्ष का सामना कर रहा अफगानिस्तान इन दिनों भोजन की कमी सहित कई चुनौतियों से जूझ रहा है, और महिलाओं पर तालिबान के प्रतिबंधों के कारण विदेशी सरकारें भी बड़े पैमाने पर फंड में कटौती कर रही हैं।

तालिबान ने अफगानिस्तान पर किया था कब्जा

अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान से अमेरिकी नेतृत्व वाली सेना की वापसी के बाद सत्ता पर कब्जा कर लिया, जिससे दो दशक का युद्ध समाप्त हो गया। तब से तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं की स्वतंत्रता पर नियंत्रण कड़ा कर दिया। इन कदमों के कारण तालिबान की दुनिया भर के देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने निंदा की। छठी कक्षा से आगे की लड़कियों और महिलाओं को क्रमशः कक्षाओं और विश्वविद्यालयों में प्रवेश करने से रोक दिया गया है।

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