राजस्थान: मुस्लिमों को राजनीतिक हिस्सेदारी देने में परहेज क्यों?

कांग्रेस भी नहीं दे पाई आबादी के अनुपात में मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट, बीजेपी ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं उतारा।
राजस्थान। नागौर के डीडवाना में भाजपा द्वारा टिकट नहीं देने के बाद निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे पूर्व केबिनेट मंत्री यूनुस खान।
राजस्थान। नागौर के डीडवाना में भाजपा द्वारा टिकट नहीं देने के बाद निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे पूर्व केबिनेट मंत्री यूनुस खान।
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जयपुर। जनसंख्या के अनुपात में राजनीतिक हिस्सेदारी की बात तो हर दल करता है, लेकिन जब हिस्सा देने की बारी आती है तो प्रमुख राजनीतिक दल भी इस पर खरे नहीं उतरते। विशेष कर राजनीति में मुस्लिमों की भागीदारी की बात करें तो जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा भी गौण हो जाता है। मुस्लिमों को जनसंख्या के अनुपात में राजनीतिक हिस्सेदारी देने से हर दल बचता नजर आता है। वर्तमान में राजस्थान विधानसभा चुनावों की बात करें तो यहां भी किसी भी राजनीतिक दल ने मुस्लिमों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में टिकट नहीं दिए हैं।

मुस्लिम कांग्रेस का परंपरागत वोट रहा है। इस में कोई दो राय नहीं है कि कांग्रेस मुस्लिम मतदाताओं के सहारे से ही सत्ता के सिंहासन तक पहुंचती है, लेकिन जब मुस्लिमों की हिस्सेदारी की बात आती है तो कांग्रेस हाथ खींच लेती है। चाहे स्थानीय निकाय चुनावों की बात करें या फिर विधानसभा व लोकसभा चुनावों में टिकटों की बात हो। हर बार मुस्लिम ठगा सा महसूस करता है।

कांग्रेस ने दिए टिकट

वेलफेयर पार्टी ऑफ इण्डिया के प्रदेशाध्यक्ष वकार अहमद कहते हैं कि 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान में 10 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। ऐसे में कांग्रेस को 10 प्रतिशत के हिसाब से 20 मुस्लिमों को टिकट देना चाहिए था, लेकिन केवल 15 टिकट दिए गए हैं। यह लगभग 7 प्रतिशत है जो मुस्लिमों के साथ राजनीतिक अन्याय है। उनकी पार्टी राजस्थान में तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उन्होंने सो प्रतिशत मुस्लिमों को टिकट दिया है।

वकार अहमद ने कहा कि राजस्थान में मुस्लिमों के मतों से कांग्रेस सरकार सत्ता में आई। पांच साल में मुस्लिमों से केवल वादे किए गए। धरातल पर कुछ नहीं हुआ। जयपुर में अल्पसंख्यक छात्रावास का मुद्दा अंत में उठाकर गौण कर दिया गया। जबकि शुरुआत में छात्रावास बनाया जाता तो अल्पसंख्यकों के काम आता। वक्फ बोर्ड, मदरसा बोर्ड के पदों पर अंतिम समय में नियुक्ति कर लुभाने की कोशिश की गई है। सत्ता गठन के साथ मुस्लिम कल्याण के लिए बार्डों में राजनीतिक नियुक्तियां की जाएं तो मुस्लिमों का भला हो सके, लेकिन ऐसा जानबूझ कर नहीं किया जाता है।

कांग्रेस ने यहां से उतारे मुस्लिम प्रत्याशी

राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने 15 मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें आदर्श नगर से रफीक खान, चूरू से रफीक मंडेलिया, फतहपुर से हाकम अली खान, कामा से जाहिदा खान, किशनपोल से अमीनुद्दीन कागजी, लाडपुरा से नईमुद्दीन गुड्डू, मकाराना से जाकिर हुसैन गेसावत, नगर से वाजिब अली, पोकरण से शाले मोहम्मद, पुष्कर से नसीम अख्तर इंसाफ, रामगढ़ से जुबेर खान, सवाईमाधोपुर से दानिश अबरार, शिव से अमीन खान, सूरसागर से शहजाद खान तथा तिजारा से इमरान खान को प्रत्याशी बनाया है।

बसपा ने 13 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे मैदान में

कांग्रेस पार्टी के बाद राजस्थान में बसपा ने सबसे अधिक मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। बसपा ने मुस्लिम बाहुल्य सीटों से मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है। बसपा ने आदर्श नगर से हसन रजा, कामा से मोहम्मद शकील खान, लाडनूं से नियाज मोहम्मद, मंडावा से मोहम्मद सादिक, मसूदा से वाजिद, नगर से खुर्शीद अहमद, नवलगढ़ से गुलाम नबी, पचपदरा से मुखत्यार, फुलेरा से इकरामुद्दीन, पुष्कर से शाहबुद्दीन, सांचौर से शमसेर अली सैयद, सीकर से शकील अहमद व झालरा पाटन से मकसूद को प्रत्याशी बनाया है।

एआईएमएआईएम ने भी 12 मुस्लिम प्रत्याशियों पर लगाया दांव

इसी तरह ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमएआईएम) ने भी राजस्थान में 12 मुस्लिम प्रत्याशियों को मुस्लिम बाहुल्य सीटों से प्रत्याशी बनाया है। आदर्श नगर से जरफर अख्तर, बायतू से मोहम्मद खान, फतहपुर से अफसाना बानो, हवामहल से जमील अहमद, कामा से इमरान, किशनपोल से रफीक खान खण्डेलवी, किशनबढ़ बास से जावेद खान, कोटा नार्थ से मोहम्मद युनुस देसवाली, कोटा साउथ से इरशाद अहमद, मकाराना से सिराजुद्दीन, पाली से जाकिर हुसैन गौरी व सवाईमाधोपुर से जफर अहमद अमीन को पार्टी प्रत्याशी बनाया है। एएमआईएएमआई के प्रत्याशी कांग्रेस का कितना गणित बिगाड़ते हैं यह देखने वाली बात है।

राजस्थान में इण्डिया पीपुल ग्रीन पार्टी ने 7 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं। इनमें ब्यावर से रसूल, सिविल लाईन से नाजमीन बैगम, मकाराना से मोहम्मद इमत्याज, नोखा से उमरदीन, पोकरण से अलानूर खिलजी, सरदारपुरा से सुरैया बैगम को प्रत्याशी बनाया गया है।

यहां बसपा के मुकाबले आजाद आजाद समाज पार्टी ने मुस्लिम प्रत्याशियों को कम टिकट दिया है। आसपा ने धोलपुर से नसीरुद्दीन खान, किशनपोल से मोहम्मद रफीक कुरैशी, सूरसागर से अमीना बानो तथा टोंक से मोहम्मद शाऐब खान को टिकट दिया है। असपा से गठबंधन में शामिल आरएलपी के टिकट पर मुस्लिम प्रत्याशी नहीं बनाए गए हैं।

राजस्थान में आम आदमी पार्टी ने भी मुस्लिमों के प्रति प्रेम जाहिर किया है। आप ने पांच प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। इनमें आदर्श नगर से उमरदराज, नोहर से राने खां, चूरू से इशाक कुरैशी, हवामहल से पप्पू कुरैशी, झुंझुनूं से राशिद खान, निंबाहेड़ा से शाकिर मियां व फलोदी से अब्दुल महबूब को प्रत्याशी बनाया गया है।

इसी तरह सोशियल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इण्डिया ने भीलवाड़ा से अब्दुल रजाक अंसारी, हवामहल से सिराजुद्दीन, सीकर से कासम, टोंक से अब्दुल लतीफ को टिकट दिया है। वेलफेयर पार्टी ऑफ इण्डिया ने हवामहल से फिरोजुद्दीन, जोधपुर से मोहम्मद अतीक बेलीम व कोटा नॉार्थ से सेफुल्लाह को चुनाव मैदान में उतारा है। जननायक जनता पाटी ने भी कामा से समसुल हसन, रामगढ़ से इजकार, सीकर से बरकत मोहम्मद, सूरसागर से इमत्याज अहमद को प्रत्याशी बनाया है। बहुजन मुक्ति पार्टी ने नियाज अली को बड़ी सादड़ी से व हाकम अली को तारानगर से प्रत्याशी बनाया है।

इन पार्टियों ने दिया एक-एक टिकट

इनके अलावा आम जनमत पार्टी ने किशनगढ़ से नफीस, भारतीय लेबर पार्टी ने अजमेर नॉर्थ से सलीम खान, नेशनल फ्यूचर पार्टी ने अजमेर नॉर्थ से शाहबुद्दीन, राष्ट्रीय लोक तांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने बीकानेर से पश्चिम से अब्दुल मजीद खोकर, अम्बेडकराइट पार्टी ऑफ इण्डिया ने विद्याधर नगर से मोहम्मद सैफुल्लाह, जनता कांग्रेस ने सीकर से मोहम्मद जमील को, लोक जनशक्ति पार्टी (राबिलास) ने कामा से सादिक को, आम आदमी परिवर्तन पार्टी ने आमेर से अय्यूब कुरैशी को, कम्यूनिष्ट पार्टी ऑफ इण्डिया ने सीकर से उसमान गनी, राष्ट्रवादी भारत पाटी ने बीकानरे से पश्चिम से मुकेश खान, नेशनल जन मंडल पार्टी ने चुरू से मोहम्मद, भारतीय युवा जन एकता पार्टी ने फतहपुर से मोहमद असलम अली खान, जयहिंद कांग्रेस पार्टी ने हुनमानगढ़ से मोहम्मद रफीक को, जन सेहरा पार्टी ने किशनपोल से अजमल खान, अभिनव लोकतांत्रिक पार्टी ने नोहर से असराईल, पहचान पीपुल्स पार्टी ने उदयपुर से मोहम्मद वाहिद खान को प्रत्याशी बनाया है।

युनुस खान बिगाड़ेंगे भाजपा-कांग्रेस का गणित

भाजपा ने इस बार राजस्थान में विधानसभा चुनावों में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया। यह भाजपा की नीति में शामिल रहा है। भाजपा ने इस बार पूर्व मंत्री यूनुस खान को भी टिकट काट दिया। खान वसुंधरा खेमे के माने जाते हैं। पिछली बार विधानसभा चुनावों में भाजपा ने राजस्थान से केवल एक मुस्लिम चेहरा टोंक से यूनुस खान के रूप में उतारा था। हालांकि खान सचिन पायलट के सामने चुनाव हार गए थे। अब खान ने टिकट कटने के बाद डीडवाना से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिल किया है। विशेषज्ञों की माने तो डीडवाना सीट पर खान भाजपा व कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों को पटखनी दे सकते हैं। इसके अलावा राजस्थान में 108 मुस्लिम प्रत्याशी अलग-अलग सीटों से निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में है।

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