लखनऊ। अखिलेश यादव ने गुरुवार को मुजफ्फरनगर पुलिस के उस आदेश को 'सामाजिक अपराध' करार दिया जिसके तहत कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों से उनके मालिकों का नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने अदालतों से मामले का स्वतः संज्ञान लेने का अनुरोध भी किया।
मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों का नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया है, ताकि 'भ्रम की स्थिति' से बचा जा सके। विपक्षी दल इस आदेश को समुदाय विशेष के व्यापारियों को निशाना बनाने के प्रयास के तौर पर देख रहे हैं।
आदेश को लेकर एक अखबार में प्रकाशित खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश ने 'एक्स' पर कहा कि और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते हैं, उसके नाम से क्या पता चलेगा। उन्होंने कहा कि न्यायालय स्वतः संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।
इस घटना पर बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने 'एक्स' पर कहा कि पश्चिमी उप्र व मुजफ्फरनगर जिला के कांवड़ यात्रा मार्ग में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश एक गलत परम्परा है जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है। जनहित में सरकार इसे तुरंत वापस ले।
मीडिया में यह भी खबरें आ रहीं हैं कि मुजफ्फरनगर में पुलिस वालों ने हिंदू ढाबों से मुस्लिमों को निकलवा दिया है।
मुजफ्फरनगर के पुलिस प्रमुख अभिषेक सिंह ने सोमवार को कहा था कि जिले में कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यहां लगभग 240 किलोमीटर लंबा कांवड़ मार्ग है। मार्ग पर स्थित सभी होटल, ढाबे, ठेले वालों से अपने मालिकों या फिर वहां काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है। यह इसलिए जरूरी है, ताकि किसी कांवड़िये के मन में कोई भ्रम न रहे।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस फरमान पर उत्तर प्रदेश पुलिस पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर लिखा कि, "मैंने यूपी पुलिस के असंवैधानिक आदेश का विरोध किया था। इस आदेश के अनुसार दुकानदारों को दुकानों पर अपना नाम लिखना होगा ताकि कोई कांवरिया ग़लती से मुसलमान की दुकान या ठेले से कुछ ख़रीद ना ले। किसी कथित धरम गुरु ने मुझे और जुबैर को धमकी देते हुए वीडिओ जारी किया है। मुज़फ़्फ़रनगर में क़ानून व्यवस्था को भंग करने की दर-पर्दा धमकी भी दी गई है। एक अनैतिक और भेदभावपूर्ण आदेश का विरोध करना कोई जुर्म नहीं है। मुक़दमा उन पर दर्ज होना चाहिए जो दो समाजों को लड़ाना चाहते हैं।"
ज्ञात हो कि कांवड़ यात्रा भगवान शिव के भक्तों द्वारा हर साल श्रावण माह में की जाने वाली एक शुभ यात्रा है. इस यात्रा को जल यात्रा भी कहा जाता है. कांवड़ यात्रा एक महीने तक चलने वाली यात्रा है, जिसमें कांवड़िए नंगे पैर और भगवा वस्त्र पहने हुए पवित्र तीर्थ स्थलों से गंगा जल एकत्रित करते हैं. इस साल यह कांवड़ यात्रा 22 जुलाई 2024 से शुरू हो रही है.
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.