UP: सरकार के फैसले से नाराज अल्पसंख्यक स्कूलों के 40 प्रबंधक पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

मार्च में नवगठित राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग के 12 सदस्यों की नियुक्ति कर दी गई है। यही आयोग अल्पसंख्यक विद्यालयों के लिए शिक्षकों की भर्ती करेगा। इससे प्रबंधकों का अधिकार खत्म हो गया।
सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट फोटो साभार- इंटरनेट
Published on

लखनऊ: अल्पसंख्यक वर्ग के माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक और कर्मचारी भर्ती का अधिकार छीनने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ इन विद्यालयों के प्रबंधकों ने सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी है। राज्य सरकार ने इन सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षक भर्ती के लिए राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन कर दिया है। सरकार के फैसले से नाराज प्रबंधकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट तीन सितंबर को सुनवाई करेगा।

उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक वर्ग के 128 माध्यमिक विद्यालय हैं। इसमें से 13 इंटर कालेज प्रयागराज में हैं। संविधान के अनुच्छेद 30 के अंतर्गत इन विद्यालयों में शिक्षक और शिक्षेणत्तर कर्मियों की भर्ती का अधिकार प्रबंधन को था। वह जिला विद्यालय निरीक्षक से अनुमति लेकर भर्ती करते थे। 2017 से प्रदेश के किसी भी विद्यालय में भर्ती की अनुमति नहीं दी गई।

2019 में प्रदेश सरकार ने शिक्षक भर्ती के लिए नया आयोग बनाने की घोषणा की थी। अब वह आयोग धरातल पर आ गया है। मार्च में नवगठित राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग के 12 सदस्यों की नियुक्ति कर दी गई है। यही आयोग अल्पसंख्यक विद्यालयों के लिए शिक्षकों की भर्ती करेगा। इससे प्रबंधकों का अधिकार खत्म हो गया। इसके खिलाफ दौलत हुसैन इंटर कालेज प्रयागराज के प्रबंधक चैधरी नियाज अहमद समेत 40 प्रबंधकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके पूर्व की भांति अधिकार की मांग की है।

पिछले सात साल से भर्ती प्रक्रिया बंद होने से प्रदेशभर के सभी अल्पसंख्यक विद्यालयों में आधे से अधिक पद खाली हैं। इससे शिक्षण कार्य बेपटरी हो गया है। विद्यालयों की स्थिति खराब हो गई है।

सुप्रीम कोर्ट
कोलकाता: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने महिला डॉक्टर की हत्या व रेप मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की, राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन की दी चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट
केंद्र ने CAA के तहत नागरिकता के लिए पात्रता का विस्तार कर दस्तावेज़ीकरण नियमों को बनाया आसान
सुप्रीम कोर्ट
केंद्र सरकार का दावा- मणिपुर राहत शिविरों में रह रहे बच्चे और महिलाओं को आंगनवाड़ी केंद्रों से जोड़ा

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com