राजस्थान: डेढ़ साल से रुका है अल्पसंख्यक बालक छात्रावास व कॉमन सर्विस सेंटर का निर्माण कार्य, जानिए पूरा मामला?

52 लाख का निर्माण होने के बाद नगर विकास न्याय के अधिकारियों ने आवंटित भूमि के इतर भवन निर्माण होने की बात कहकर रोका निर्माण कार्य, जबकि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें जहां कब्जा दिया गया, उसी स्थान पर हो रहा अल्पसंख्यक बालक छात्रावास का निर्माण।
राजास्थान के सवाईमाधोपुर जिले में बालक अल्पसंख्यक छात्रावास का अधूरा निर्माण।
राजास्थान के सवाईमाधोपुर जिले में बालक अल्पसंख्यक छात्रावास का अधूरा निर्माण।
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जयपुर। प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय की ओर से राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिला सहित 13 जिलों में अल्पसंख्यक बालक/बालिका छात्रावास, कॉमन सर्विस सेंटर एवं राजकीय महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए 75 करोड़ 48 लाख रुपए से अधिक राशि आवंटित की गई थी। इसके तहत सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर नगर विकास न्यास द्वारा आवंटित भूमि पर दो करोड़ 46 लाख की लागत से बालक छात्रावास व एक करोड़ 40 लाख की लागत से कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) का निर्माण कार्य शुरू किया गया था।

52 लाख खर्च होने के बाद रोका निर्माण कार्य

कार्य एजेंसी सार्वजनिक निर्माण विभाग की देखरेख में संवेदक (निर्माण कार्य करवाने वाली (कंस्ट्रक्शन कंपनी) ने कार्य आरंभ कर दिया, लेकिन नगर विकास न्यास के अधिकारियों ने 20 सितंबर 2022 को आवंटित भूमि के इतर भवन निर्माण होने का आरोप लगाते हुए कार्य रुकवा दिया। स्थानीय जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें जिस स्थान पर कब्जा दिया गया, सर्वे के बाद उसी स्थान पर निर्माण कार्य शुरू किया गया है, लेकिन नगर विकास न्यास व स्थानीय जिला प्रशासन ने इस मसले का हल नहीं निकाला। इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को कई बार पत्र भी लिखे गए। नतीजतन डेढ़ साल बाद भी करोड़ों की लागत से बनने वाले बालक छात्रावास व कॉमन सर्विस सेंटर का अल्पसंख्यक समुदाय के बालकों को लाभ नहीं मिला है।

निर्माण कंपनी ने मांगा 52 लाख का भुगतान

निर्माण कार्य रुकने के बाद बालक छात्रावास व कॉमन सर्विस सेंटर का निर्माण कर रहे संवेदक रणथम्भौर कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अधिवक्ता के जरिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण सवाईमाधोपुर को एक नोटिस भेज कर अभी तक किए गए निर्माण कार्य की ऐवज में 52 लाख रुपए का बकाया भुगतान करने की मांग की है। संवेदक ने कहा कि वर्क ऑर्डर मिलने पर उसने निर्माण कार्य शुरू किया था। मौके पर निर्माण कार्य हुआ है। जिसे, बाद में रोक दिया गया। भुगतान नहीं करने की स्थिति में न्यायालय में जाने की बात कही गई है।

बार-बार लिखे पत्र, लेकिन नहीं निकला हल

कंपनी का नोटिस मिलने के बाद जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से नगर विकास न्यास को पत्र लिख कर छात्रावास व कॉमन सर्विस सेंटर के लिए आवंटित भूमि के विवाद का निस्तारण कर निर्माण कार्य शुरू करवाने की मांग की है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मनोज मीना ने नगर विकास न्यास सवाई माधोपुर के सचिव के नाम अंतिम बार 13 फरवरी 2024 को पत्र लिखा। इस पत्र में दिनांक 3 जनवरी 2023, 20 मार्च 2023, 25 मई 2023, 3 अगस्त 2023, 4 सितंबर 2023, 7 नवंबर 2023 व 11 दिसंबर 2023 को लिखे पत्रों का हवाला भी दिया गया है।

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने पत्र में बताया कि उक्त भूमि का दो बार सर्वे कराया जा चुका है। इसके बावजूद निर्माण कार्य आरंभ नहीं हो सका है। संवेदक ने 52 लाख रुपए के भुगतान की मांग की है। भुगतान नहीं होने की स्थिति में न्यायालय में जाने की चेतावनी दी गई है। ऐसे में उक्त छात्रावास व कॉमन सर्विस सेंटर का निर्माण कार्य अविलंब शुरू कराया जाए ताकि विभाग आर्थिक हानि से बच सके।

राजस्थान सरकार की स्वीकृति के बाद 17  सितंबर 2021 को की थी भूमि आवंटित

17 दिसंबर 2021 को सवाईमाधोपुर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, अल्पसंख्यक मामलात विभाग से प्राप्त मांग पत्र के आधार पर नगर विकास न्याय के बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की सिफारिश पर नगरीय विकास विभाग, राजस्थान जयपुर के पत्रांक प.2 (8) नविवि / सवाईमाधोपुर/ 2021 दिनांक 10 दिसंबर 2021 द्वारा राज्य सरकार को स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात राजस्थान के नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न उद्देश्यों के लिए भूमि आवंटन निति 2015 के बिंदु संख्या 9 के अनुसार प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत राजकीय अल्पसंख्यक बालक छात्रावास एवं कॉमन सर्विस सेंटर के भवन इत्यादी के लिए राजस्व ग्राम भुटेरड़ा, पटवार मंडल खटुपुरा, तहसील सवाईमाधोपुर की खसरा नंबर 128 ररकबा 0.44 हैक्टियर किस्म चारागाह भूमि में से आवासीय भू उपयोग के अंतर्गत आने वाली भूमि में 18 मीटर चौड़ी सड़क के मार्गाधिकार में आने वाली भूमि को सुरक्षित रखने तथा अन्य भूउपयोगों के अंतर्गत आने वाली भूमि का भू उपयोग परिवर्तत कराए जाने की शर्त पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अल्पसंख्यक मामलात विभाग सवाईमाधोपुर को नि:शुल्क आवंटित की थी।

अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का कहना है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय, ने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए छात्रावास व कॉमन सर्विस सेंटर के लिए बजट आवंटित किया। नगर विकास न्यास ने भूमि आवंटित भी कर दी, लेकिन अधिकारियों की गलत नीति के कारण समुदाय को इसका लाभ नहीं मिला।

अल्पसंख्यक विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि निर्माण कार्य शुरू होने के बाद नगर विकास न्यास ने आवंटित भूमि से इतर निर्माण होने की बात कहकर निर्माण कार्य रुकवाया है। उक्त भूमि पहले से किसी अन्य विभाग के लिए आवंटित की गई थी। बाद में उसी भूमि को जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को आवंटित कर दी गई। एक ही भूमि दो अलग-अलग विभागों को आवंटित करने के पीछे तत्समय के अधिकारियों की क्या मंशा रही होगी, यह जांच का विषय है। सवाल यह है कि क्या उस वक्त नगर विकास न्यास व राजस्व विभाग के अधिकारियों को इस बारे में जानकारी नहीं थी? यदि जानकारी थी तो, क्यों जानबूझ कर भूमि विवाद खड़ा किया गया? हालांकि यह जांच का विषय है।

कैसे होगा निर्माण कार्य शुरू?

सवाई माधोपुर में निर्माणाधीन बालक छात्रावास व कॉमन सर्विस सेंटर की भूमि पर विवाद होने के बाद अब कैसे निर्माण कार्य आरंभ होगा? पूछने पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मनोज मीना ने कहा कि, भूमि आवंटन में विभाग की कोई गलती नहीं है। भूमि आवंटन से जुड़े विभागों से गलती हुई है। अब विभाग भूमि पुनः आवंटन का प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भिजवा सकते हैं। सरकार उक्त कब्जाशुदा भूमि को जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लिए आवंटित करने का आदेश जारी कर सकती है। ऐसा होता है तो जल्द ही निर्माण कार्य पूर्ण होने से अल्पसंख्यक समुदाय के बालकों को इसका लाभ मिल सकेगा।

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