जयपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले के गोपालगढ़ पुलिस थाना के घाटमिका गांव के दो युवकों (नासिर व जुनैद) हत्याकांड मामले में अब एआईएमआईएम (आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भरतपुर जिले के कामा में सभा कर भाजपा व कांग्रेस सरकारों को घेरा है। ओवैसी का आरोप है कि गौरक्षा के बहाने मुस्लिम पशुपालकों की हत्या करने वाले गौरक्षको को हरियाणा की भाजपा सरकार का सरंक्षण प्राप्त है।
सभा के बाद ओवैसी घाटमिका गांव पहुंचे जहां उन्होंने शनिवार देर शाम जुनैद व नासिर के परिवारजनों से बन्द कमरे में बात की। इस दौरान उन्होंने मृतक के परिजनों को इंसाफ मिलने तक संघर्ष में साथ रहने का भरोसा भी दिलाया। ओवैसी से मुलाकात के बाद परिजनों के साथ ग्रामीण कब्रिस्तान में धरने पर बैठ गए। मृतकों के परिजनों की मांग है कि जब तक पुलिस सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करती उनका कब्रिस्तान में ही धरना जारी रहेगा।
इससे पूर्व ओवैसी ने कामा में हुई जनसभा में राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी इस तरह के मामलों में अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने से बचने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि इसी तरह कथित गौरक्षकों ने हरियाणा के पशुपालक पहलू खान की सरे राह हत्या की, लेकिन राजस्थान पुलिस की ढिलाई के कारण हत्या के सभी आरोपी न्यायालय से रिहा हो गए। भरतपुर के नसीर व जुनैद हत्याकांड में हरियाणा की भाजपा सरकार आरोपियों को सरंक्षण दे रही है। असददुद्दीन ओवेशी ने भाजपा और हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया है कि भिवानी में हुए हत्याकांड के आरोपियों को राजनीतिक समर्थन मिला हुआ है।
ओवैसी ने कहा कि यह अल्पसंख्यकों के खिलाफ टारगेटेड हिंसा है। उन्होंने आगे कहा कि ‘हिंदू राष्ट्र को मानने वालों ने ही जुनैद और नासिर को मारा है। देश में एक संगठित मुस्लिम नफरत व्याप्त है, मैं बीजेपी सरकार और पीएम मोदी से पूछना चाहता हूं कि क्या आप आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करेंगे या नहीं?’ इतना ही नहीं उन्होंने गौरक्षकों का मुद्दा भी उठाते हुए कहा कि बीजेपी सक्रिय रूप से ऐसे कट्टरपंथी तत्वों को बढ़ावा दे रही है जो ‘गौ-रक्षक’ होने की आड़ में लोगों की हत्या कर रहे हैं और जबरन वसूली कर रहे हैं। उन्हें ऐसे लोगों को बढ़ावा देना बंद करना चाहिए।
सीपीआई (एम) का एक प्रतिनिधिमंडल राजस्थान के मेवाती इलाके के घाटमिका गांव पहुंचा जहां पीड़ित जुनैद और नासिर के परिवारों से मुलाकात की।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय कमेटी की ओर से काॅमरेड बृंदा करात (पोलिट ब्यूरो सदस्य), काॅमरेड अमरा राम (राजस्थान राज्य सचिव और सदस्य केंद्रीय समिति), काॅमरेड सुमित्रा चोपड़ा, डॉ. संजय माधव, काॅमरेड राईसा (राज्य सचिवालय सदस्य और राज्य समिति के सदस्य) और अधिवक्ता शब्बीर खान शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने जुनैद की विधवा शाजिदा और उसकी भाभी और उनके बच्चों से मुलाकात की।
नासीर ट्रक ड्राइवर था। वह और उसकी पत्नी, हरमीना दोनों अनाथ हैं। उनके कोई संतान नहीं है, और नासिर अपने भाई-बहनों के जीवन यापन के लिए जैसे तैसे अपनी आजीविका चला रहे थे। वृंदा ने कहाकि मृतकों के परिवार हादसे के कारण हताश और तबाह हो गए हैं, जिन्हें तत्काल सहायता की आवश्यकता है।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल काॅमरेड अमरा राम (राजस्थान राज्य सचिव और सदस्य केंद्रीय समिति) ने कहा की उन्होंने जुनैद के खिलाफ "गाय तस्करी" के आरोप में कथित मामलों के बारे में पूछताछ की। आसपास के गांवों में कई अन्य लोगों के खिलाफ मामलों के साथ ये मामले पहले के भाजपा शासन के दौरान दर्ज किए गए थे। CPI(M) नेता अमराराम कहते हैं कि चूँकि किसी तरह का कोई सबूत नहीं था, जुनैद को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया और न ही इतने सालों के बाद भी कोई आरोप साबित हुआ है। वास्तव में वे गौरक्षक गिरोहों द्वारा पशुपालकों और व्यापारियों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को सही ठहराने के लिए पूर्व भाजपा सरकार द्वारा बदले की भावना से दायर किए गए झूठे मामले थे।
उन्होंने कहा कि मनगढ़ंत कहानी यह है कि डेयरी किसान और पशु व्यापारी जो मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, उनके बारे में मनगढ़ंत धारणा बना दी गई है कि असल में वे डेयरी किसान नहीं बल्कि गौ हत्या करने वाले हैं। मुख्य रूप से मुस्लिम आबादी वाला घाटमिका गांव मेवाती क्षेत्र में स्थित है जो तथाकथित गौ-रक्षकों का लक्ष्य रहा है। प्रतिनिधि मंडल में शामिल सुमित्रा चोपड़ा, डॉ. संजय माधव व काॅमरेड राईसा (राज्य सचिवालय सदस्य और राज्य समिति के सदस्य) ने आरोप लगाया कि राजस्थान में पिछली भाजपा सरकार के दौरान नवंबर 2017 में इसी गांव के निवासी पशु व्यापारी उमर खान को गौ रक्षकों ने गोली मार दी थी। यह डेयरी किसान पहलू खान की नृशंस हत्या के कुछ महीने बाद की बात है। उमर खान के परिवार को अभी तक न्याय नहीं मिला है। गांव को आशंका है कि जुनैद और नासिर के परिवारों का भी यही हश्र होगा। उन्होंने कहा कि वे तब तक शवों को दफनाना नहीं चाहते थे जब तक कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता, लेकिन कांग्रेस मंत्री ज़ाहिदा खान ने उन्हें ऐसा करने के लिए मना लिया, जिन्होंने उन्हें न्याय का आश्वासन दिया।
सीपीआई (एम) के प्रतिनिधिमण्डल में शामिल अधिवक्ता शब्बीर खान ने कहा कि राज्य सरकार को दृढ़ता से कार्य करने की आवश्यकता है, खासकर तब जब अपहरण का प्रारंभिक अपराध राजस्थान में हुआ था। नामजद अपराधियों को अविलंब गिरफ्तार किया जाए।
अधिवक्ता शब्बीर खान ने कहा कि उदयपुर में कन्हैया लाल की पहले हुई साम्प्रदायिक हत्या में सरकार द्वारा दी गई पचास लाख रुपये की मुआवजा राशि यहां पीड़ितों के परिवारों को भी दी जाए और इसके साथ ही उनके आश्रितों को रोजगार में सहायता की जाए।
भरतपुर जिले के गोपालगढ़ थाना इलाके के पीरुका गांव से जुनैद और नासिर का अपरहण कर बोलेरो सहित जिंदा जलाकर हत्या करने के मामले में पुलिस ने आरोपी रिंकू सैनी को गिरफ्तार किया है।
आपको बता दें कि मृतक जुनैद और नासिर के परिजनों ने रिंकू सैनी तथा मोनू मानेसर सहित पांच लोगों को नामजद करते हुए 8 से 10 लोगों के खिलाफ गोपालगढ़ थाने में अपहरण का मामला दर्ज कराया था। 16 फरवरी की सुबह जुनैद और नासिर के शव हरियाणा के भिवानी में बोलेरो गाड़ी से जले हुए मिले थे। इस मामले में पुलिस ने रिंकू सैनी से पूछताछ की थी।
राजस्थान पुलिस की पूछताछ में रिंकू सैनी ने बताया अपहरण व मारपीट के बाद वह लोग दोनों को गम्भीर हालत में हरियाणा के फिरोजपुर-झिरका थाने ले गए थे। वहां पुलिस ने उनको लेने से इंकार कर दिया था। उसके बाद वह उन्हें लेकर भिवानी की तरफ पहुंचे। यहां उन्होंने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया। हालांकि राजस्थान पुलिस ने रिंकू सैनी के इस ख़ुलासे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
इस पूरे मामले में द मूकनायक ने आधिकारिक जानकारी के लिए भरतपुर पुलिस अधीक्षक को कई बार कॉल किए, लेकिन उन्होंने हर बार मीटिंग में होना बताते हुए बात करने से मना कर दिए।
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