जयपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमिका निवासी नासिर-जुनैद हत्यकांड में आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी के कारण राज्य सरकार पर पीड़ित परिवार के साथ भेदभाव के आरोप लग रहे हैं।
नासिर-जुनैद हत्याकांड में बजरंग दल से जुड़े कई कथित गौरक्षकों को नामजद आरोपी बनाया गया था। गत दिनों कथित हिंदूवादी संगठनों द्वारा हत्या के आरोपियों के समर्थन में हरियाणा में खुलेआम सभा भी की थी। इतना ही नहीं वक्ताओं ने एफआईआर में नामजद आरोपी मोनू मानेसर को गिरफ्तार करने पर राजस्थान पुलिस को खुद के पैरों पर नहीं लौट पाने की धमकी भी दी थी, हालांकि इस धमकी पर राजस्थान पुलिस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। राजस्थान पुलिस पर आरोप है कि हिंदूवादी संगठनों की धमकी के बाद दबाव में आकर पुलिस ने हत्या के नामजद आरोपी मोनू मानेसर को नासिर-जुनैद हत्याकांड के वांटेड आरोपियों की सूची से अलग कर क्लीन चिट देने का काम किया है।
वहीं इसके उलट नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर घाटमिका गांव में धरना देकर बैठे परिजनों व ग्रामीणों को शांति भंग की आशंका का आरोप लगा कर नोटिस दिया। बताया गया है कि नोटिस का विरोध करने पर सम्बन्धित थाना पुलिस ने मृतकों के परिजनों को कथित रूप से धमकाया भी है। इस संबंध में वीडियो भी वायरल हुई है, जिससे पीड़ित पक्षकारों में सरकार के प्रति नाराजगी है।
आपको बता दें कि, नासिर-जुनैद हत्याकांड में राजस्थान व हरियाणा सरकार व सरकारी मशीनरी की भूमिका को लेकर कई राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने सवाल खड़े किए हैं, विरोध प्रदर्शन भी किए गए लेकिन अभी तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला।
भरतपुर जिले के स्थानीय पत्रकार एवं ह्यूमन राइट्स जस्टिस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर वसीम अकरम मेव कहते हैं कि नासिर का भाई अपने गांव में शांति से बैठ कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है, लेकिन एसडीएम पहाड़ी उन्हें ही नोटिस देकर डरा रहे हैं। जाबिर ने नोटिस लेने से मना किया तो एक पुलिसकर्मी ने धमकी भी दी है। उन्होंने कहा कि घाटमिका में रहकर सच्चाई दिखाने वाले पत्रकारों को भी शांतिभंग के आरोप में नोटिस दिए हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता इनामुल हक कहते हैं कि राजनीतिक दबाव में जघन्य हत्याकांड को दबाने का काम किया जा रहा है, लेकिन हम आखरी सांस तक न्याय के लिए लड़ेंगे। राजस्थान सरकार चाहे फांसी दे या मुकदमे करे। पीछे नहीं हटेंगे। संविधान के दायरे में रहकर न्याय की लड़ाई लड़ेंगे।
भीम आर्मी प्रमुख व आजाद समाज पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने भी नासिर और जुनैद हत्याकांड को लेकर अब राजस्थान व हरियाणा सरकार नेता-अधिकारी व पुलिस प्रशासन पर मिलभगत के आरोपों के साथ ही राजस्थान सरकार पर भेदभाव करने के आरोप लगाए हैं।
चंद्रशेखर ने एक प्रेस नोट जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि राजस्थान में भरतपुर जिले के घाटमिका पहाड़ी गांव से 16 फरवरी को अपहरण करके कथित गौरक्षकों द्वारा नासिर और जुनैद की निर्मम पिटाई और फिर उन्हीं की गाड़ी में हरियाणा के भिवानी इलाके में जिन्दा जलाने की घटना में ना तो अभी तक आरोपी गिरफ्तार हुए हैं और ना ही सरकार ने पीड़ित परिवार को कोई मुआवजा व राहत प्रदान की है।
उन्होंने आगे कहा कि गत 18 फरवरी को आजाद समाज पार्टी ने अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की थी, लेकिन राजस्थान सरकार व हरियाणा सरकार ने इस प्रकरण में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे प्रतीत होता है कि इस घटना में सफेदपोश नेता-अधिकारियों और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत है।
उन्होंने कहा कि घटना में 2023-24 के राजस्थान में होने वाले आम विधानसभा चुनाव को लेकर साम्प्रदायिक कार्ड खेलने की साजिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। राजस्थान में दलितों, आदिवासियों और मुस्लिम समाज के साथ लगातार हत्या, बलात्कार और शोषण की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं और प्रदेश सरकार जातिगत कारण से मुआवजा और न्याय देने में भेदभाव कर रही है।
उन्होंने जाति आधारित भेदभाव का उदाहरण देते हुए कहा कि उदयपुर के कन्हैया हत्याकांड में मुख्यमंत्री खुद पीड़ित परिवार के घर जाकर 50 लाख मुआवजा और दो जनों को सरकारी नौकरी प्रदान करते हैं, लेकिन इसके उलट इंद्र मेघवाल, जितेंद्र मेघवाल, ओमप्रकाश रैगर, और कार्तिक भील के बाद अब नासिर और जुनैद हत्याकांड पर भी भेदभाव करते दिख रहे हैं। आज़ाद ने आगे कहा कि नासिर और जुनैद हत्याकांड गहरी साजिश और षड्यंत्र का हिस्सा प्रतीत होता है। इसलिए आजाद समाज पार्टी (का.) मांग करती है कि पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच हो। तथा उदयपुर कांड की तरह पीड़ित परिवार को तत्काल मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले। साथ ही अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी हो। आरोपियों की सख्त सजा के साथ ही राजस्थान व हरियाणा के सम्बन्धित क्षेत्र के लापरवाह व अपराधियों से मिलीभगत के आरोपी पुलिसकर्मियों को सजा मिले।
भीम आर्मी प्रमुख व आजाद समाज पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के आह्वान पर मंगलवार को भीम आर्मी व आजाद समाज पार्टी कार्यकर्ताओं ने उपखण्ड स्तर पर ज्ञापन देकर नासिर-जुनैद को न्याय देने की मांग की।
झलावाड़ जिले में भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी व मुस्लिम महासभा के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार को झलावाड़ के पिड़ावा में राष्ट्रपति के नाम उपखण्ड अधिकारी पिड़ावा को ज्ञापन दिया। भीम आर्मी स्टूडेंट फेडरेशन झालावाड़ जिलाध्यक्ष हंसराज भारतीय के नेतृत्व में ज्ञापन के माध्यम से कहा कि भरतपुर के नासिर व जुनैद के हत्यारोपियों को गिरफ्तार करने, पीड़ित परिवारों को उदयपुर के कन्हैया के समान 50-50 लाख आर्थिक सहायता और एक - एक सरकारी नौकरी देने, त्वरित जांच के लिए एसआईटी टीम गठित करने की मांग की।
कोटा जिले के इटवा उपखण्ड मुख्यालय पर आजाद समाज पार्टी युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष जुगराज अम्बेडकर के नेतृत्व में इटावा उपखण्ड आदिकारी को ज्ञापन सौपकर नासिर और जुनैद के हत्यारों को गिरफ्तार करने के साथ ही पीड़ित परिवार को न्याय देने की मांग की। इस दौरान जिला सह संयोजक राहुल गोमे, आईटी सेल से धनराज बोध, हरिप्रकाश, दिनेश, अनिल, कमल, विनोद आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
झलावाड़ के सुल्तानपुर में भीम आर्मी भारत एकता मिशन से जुड़े भीम आर्मी जिला सचिव कोटा संभाग गिरिराज बाजड, मेघवाल उत्थान समिति के निर्णायक अध्यक्ष कजोड़ फुलिया, राजू मेघवाल, राजेंद्र सिंह गुर्जर, इरफान कुरैशी आदि ने ज्ञापन दिया।
बारा जिले के स्थानीय पत्रकार प्रेमशंकर शांत ने बताया कि अंता उपखण्ड मुख्यालय पर भी राष्ट्रपति के नाम उपखण्ड अधिकारी पवन कुमार को ज्ञापन सौंपकर नासिर और जुनैद हत्याकांड के सभी नामजद आरोपियों को शीघ्र गिफ्तार करने तथा पीड़ित परिवार को 50-50 लाख अर्थी मुआवजा के साथ सरकारी देने की मांग की।
उधर आजाद समाज पार्टी जिला संयोजक कोटा अतहर मिर्जा के नेतृत्व में सांगोद उपखंड मुख्यालय भीम आर्मी व आजाद समाज पार्टी कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन देकर नासिर और जुनैद के हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग की।
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