उत्तराखंड: अल्पसंख्यक निशाने पर, पलायन को मजबूर

पोस्टर लगाकर हिन्दू समाज को भड़काने की कोशिश, समुदाय विशेष के लोगों ने खाली की दुकानें- मकान
सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
Published on

उत्तरकाशी। पुरोला गाँव में गत बुधवार को दक्षिणपंथी संगठन ने कथित तौर पर ऐसे पोस्टर लगाए थे जिनमें अल्पसंख्यकों से दुकान खाली करने को कहा गया था. ‘देवभूमि रक्षा अभियान' नाम के संगठन ने यह पोस्टर लगाकर एक खास समुदाय को निशाना बनाया, इसके बाद समुदाय विशेष की दुकान व मकानों में तोड़फोड़ की गई, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ। घटना के बाद कथित तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय के कई परिवार पलायन कर सुरक्षित जगहों पर चले गए है।

हिंदुत्ववादी संगठन ने अपने पोस्टर में लिखा है, "लव जिहादियों को सूचित किया जाता है कि दिनांक 15 जून 2023 को होने वाली महापंचायत होने से पूर्व अपनी दुकानें खाली कर दें. यदि तुम्हारे द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है, तो वह वक्त पर निर्भर करेगा." ऐसे पोस्टर पुरोला के मुख्य बाजार में लगाए गए हैं.

बता दें कि पुरोला के मुख्य बाजार में करीब 700 दुकानें हैं, जिनमें 40 दुकानें मुसलमानों की हैं.

सांकेतिक तस्वीर
मध्य प्रदेश: सतना मैहर शारदा माता मंदिर परिसर से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने की मांग

खबरों के अनुसार, इस घटना के दो दिन पहले दक्षिणपंथी समूह के सदस्यों ने कथित तौर पर अल्पसंख्यकों की दुकानों और घरों पर भी हमला किया था. पुलिस ने कहा कि था उनकी पहचान करने की कोशिश हो रही है और 5 जून को ही पोस्टर हटा दिए गए थे और मामले की जांच हो रही है.

उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने मीडिया को बताया कि पोस्टर लगाने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान की जा रही है. पुलिस ने स्थानीय व्यापार मंडल और स्थानीय लोगों के साथ भी बैठक की और उनसे कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की.

मौजूदा प्रसंग बीते दिनों हुई एक आपराधिक घटना से जुड़ा बताया जा रहा था . 26 मई को दो लोगों ने इस इलाके से एक नाबालिग को अगवा करने की कोशिश की थी. हालांकि स्थानीय लोगों ने लड़की को अगवा होने से बचा लिया और पुलिस ने दोनों युवकों को गिरफ्तार भी कर लिया था. नाबालिग लड़की के परिवार की शिकायत पर दोनों के खिलाफ पोक्सो के तहत एफआईआर दर्ज हुई और उन्हें उसी दिन जेल भेज दिया गया. दोनों आरोपी युवकों में से एक हिंदू और एक अल्पसंख्यक समुदाय का था. लेकिन गिरफ्तारी के बाद माहौल शांत नहीं हुआ और इलाके के मुस्लिम परिवारों को निशाना बनाने का आरोप लगा.

सांकेतिक तस्वीर
इन मानवीय पहलुओं के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी मामले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर लगाई रोक

रविवार को यह तनाव बढ़ गया है। कई अल्पसंख्यक लोग अपना घर और दुकानें छोड़ के पलायन कर रहे है। हिंदू संगठन के कुछ लोगों ने समुदाय विशेष के लोगों के घर पर तोड़ फोड़ और घिराव किया। इस तनाव के कारण बीजेपी नेता उत्तरकाशी से अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद जाहिद ने भी बीते बुधवार को परिवार के साथ पुरोला छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि उन्होंने 3 साल पहले बीजेपी ज्वाइन की थी और वह 25 साल से यहीं रह रहे थे। इसके अलावा कई और नेताओं ने इलाके को छोड़ दिया है। लोगों को कहना है कि जब यहां सत्ताधारी दल के नेता सुरक्षित नहीं है तो फिर वे कैसे यहां रह सकते हैं।

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com