उत्तर प्रदेश। देश में इंटरनेट और सोशल मीडिया पर Swiggy का बैग लिए नकाब पहने हुई महिला की तस्वीर जमकर वायरल हुई। बड़ी-बड़ी हस्तियों ने महिला के काम को जमकर सराहा है। व्हाट्सएप ग्रुपों और Facebook के पेजों पर भी महिला की तस्वीर और उसके काम की जमकर तारीफ हो रही। सोशल मीडिया पर वायरल इस तस्वीर को लेकर द मूकनायक की टीम ने पूरा लखनऊ छान मारा। यह तस्वीर डालीगंज क्षेत्र में नदवा कालेज को जाने वाली ढलान पर एक शख्स द्वारा खींचकर डाली गई थी। पूरे दिन की मेहनत के बाद द मूकनायक की टीम ने पैदल चलकर सामान की डिलीवरी करने वाली इस महिला का साक्षात्कार किया।
यूपी की राजधानी लखनऊ में स्विगी (Swiggy) का बैग कंधे पर लिए पैदल डिलीवरी करने वाली महिला का नाम रिजवाना है। रिजवाना बहुत ही गरीब परिवार से हैं। वह लगातार आर्थिक तंगी की मार को झेल रही हैं। रिजवाना लखनऊ में जगतनारायण रोड चौक में बसी जनता नगरी कालोनी में अपने तीन बच्चों के साथ रह रही हैं।
द मूकनायक की टीम वायरल तस्वीर की पड़ताल करते हुए जब रिजवाना के घर पहुंची तो तस्वीरें मन को झकझोर देने वाली थी। रिजवाना, जगत नारायण रोड पर बसी जनता नगरी कालोनी की लगभग दो फीट चौड़ी गली में एक 10 बाई 10 के कमरे में अपने तीन बच्चों के साथ अपना जीवन बसर कर रही हैं।
द मूकनायक की टीम से बात करते हुए रिजवाना बताती हैं, "मेरी शादी आज से लगभग 23 साल पहले हुई थी। मेरे पति पिछले तीन साल से घर नहीं आए। वह एक रिक्शा चलाते थे। एक दिन रिक्शा चोरी हो गया, इसके बाद वह सड़कों पर भीख मांगने लगे थे। घर भी बहुत कम आते थे। पिछले तीन साल से हम उन्हें खोज रहे हैं, लेकिन वह दोबारा घर नहीं लौटे।"
रिजवाना आगे बताते हुए कहती हैं, "मैंने अपनी बड़ी बेटी लुबना (22) का निकाह दो साल पहले कर दिया था। वह अपने ससुराल में रहती है। मेरे साथ मेरी छोटी बेटी बुशरा (19) और नशरा (7) और छोटा बेटा मो. यासीन (11) रहता है।"
रिजवाना ने द मूकनायक से बातचीत करते हुए बताती हैं, " अपने बच्चों का पेट पालने के लिए सुबह और शाम मैं लोगों के घरों में बर्तन और झाड़ू पोछा का काम करती हूं। इससे मुझे 1500 मिल जाते हैं। दोपहर में मैं डिस्पोजेबल ग्लास और कपे बेंचने बाजार में छोटी-छोटी दुकानों और ठेलों पर फेरी वाला काम करती हूं। इससे मुझे प्रत्येक पैकेट पर 2-3 रुपये की कमाई होती है। महीने भर में मैं 5 से 6 हजार रुपये का काम करती हूं।"
"मैं जब बाजार जाती हूँ तो सारा सामान अपने कंधे पर लादकर पैदल ही जाती हूँ। इससे आने-जाने का भाड़ा बच जाता है। वह पैसे घर खर्च में काम आते हैं। मैं दिन भर में 20 से 25 किमी का रास्ता तय करती हूं।" रिजवाना ने बताया
वायरल फोटो में रिजवाना Swiggy फूड डिलीवरी पार्टनर का बैग अपने कंधों पर ली हुई हैं। इस तस्वीर से लोगों के मन में यह बात बैठ गई कि महिला Swiggy के लिए काम करती हैं। लेकिन रिजवाना ने इस बात को खारिज करते हुए कहा, "डिस्पोजेबल ग्लास और कप रखने के लिए मुझे मजबूत बैग की जरूरत थी। डालीगंज पुल पर एक आदमी बैग बेच रहा था। तब मैंने यह बैग देखा। उसने इस बैग की कीमत 50 रुपये बताई। यह बैग मजबूत था, इसलिए मैंने इसे खरीद लिया। तब से इसी बैग में मैं अपना सामान रखकर बेंचने जाती हूँ। मैं Swiggy के लिए काम नहीं करती हूं।"
रिजवाना से द मूकनायक ने सवाल किया कि, जब आप बुर्क़ा पहनकर बाजार में फेरी का काम करती हैं तो लोगों की क्या प्रतिक्रिया होती है? इस पर रिजवाना कहती हैं, "अक्सर ऐसा होता है कि लोग मुझे नकाब में देखकर मजाक उड़ाते हैं। कई राह चलते लड़के फब्तियां भी कसते हैं, लेकिन मैं सिर्फ अपने काम पर ध्यान देती हूं। शुरुआत में मुझे थोड़ा बुरा लगा था लेकिन अब इस सब की आदत सी हो गई है।"
"मैं जब बाजार जाती हूँ, तो मुझे अपने बच्चों की फिक्र लगी रहती है। मेरा बेटा थोड़ा नटखट है। वह पेड़ पर चढ़ जाता है। बदमाशी करता है। कहीं कोई दुर्घटना न हो जाये बस यही सब सोचकर मन थोड़ा परेशान रहता है। बाकी बाजार के समय मेरी बेटी बुशरा (19) अपने छोटे भाई बहनों का खाना बनाती है। उनका अच्छे से ख्याल भी रखती है।"
द मूकनायक ने रिजवाना से पूछा कि आपकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, क्या आपको इसकी जानकारी है? इस पर रिजवाना कहती हैं, "हां! एक दुकान वाले ने मोबाईल पर मुझे मेरा फोटो दिखाया था। वह कह रहा था कि आपकी तस्वीर खूब वायरल हो रही है। 500 से ज्यादा लाईक आएं हैं। लेकिन मुझे इस लाईक से क्या मतलब फायदा तो उसका होगा जिसे लाईक मिल रहे हैं।"
वायरल फोटो के सवाल को लेकर उनकी बेटी बुशरा कहती हैं, "मुझे अपनी अम्मी पर गर्व है। वह दिन रात हमारे लिए मेहनत कर रही हैं। मैं भी उनकी तरह खूब मेहनत करूंगी।"
रिजवाना की बेटी बुशरा बताती हैं, "मेरा पढ़ने का खूब मन करता है। लेकिन हम पढ़ नहीं पाते हैं। स्कूल में नाम लिखाया था। स्कूल जाती थी तो टीचर कभी कॉपी-किताब न होने के लिए मारती थी, तो कभी ड्रेस के लिए मारती थी। इस कारण मैंने स्कूल जाना बंद कर दिया। अब मैं एक कपड़े की दुकान पर सेल्स मैन का काम करती हूं। पूरा दिन वहीं निकल जाता है। सुबह एक घर मे झाड़ू पोछा करती हूं बाद में दुकान चली जाती हूं। यह काम मैंने 1 जनवरी से शुरू किया है।"
सोशल मीडिया पर तस्वीर खूब जमकर वायरल हुई है। इस तस्वीर में रिजवाना Swiggy ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी पार्टनर का बैग लिए हुए हैं। इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर यूजर्स ने जमकर शेयर किया। इस कारण Swiggy का करोड़ो रूपये का विज्ञापन मुफ्त में हो गया, लेकिन रिजवाना आज भी रोजाना की तरह उसी तंगी में काम करने निकलती हैं। रिजवाना के जीवन में कोई बदलाव नहीं आया।
रिजवाना की गरीबी का आलम यह कि उनके घर मे पानी का कनेक्शन तक नहीं है। सार्वजनिक रूप से लगे नल से पानी भरकर लाने की जिम्मेदारी भी रिजवाना पर ही है। इसके लिए उन्हें घर से 30 मीटर दूर लगे सार्वजनिक नल तक जाना पड़ता है।
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