यूपी : अल्ताफ़ की मौत कई सवाल खड़े करती है, कौन देगा इनके जवाब?

अल्ताफ़ की मौत पुलिस हिरासत में हुई।
अल्ताफ़ की मौत पुलिस हिरासत में हुई।
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लखनऊ। कासगंज में अल्ताफ़ नाम के एक युवक की पुलिस हिरासत में मौत हो गई है। पुलिस कह रही है कि अल्ताफ़ को एक लड़की को भगाने के आरोप में सुबह आठ बजे हिरासत में लिया गया था। हिरासत में ही 5-6 फुट लम्बे अल्ताफ़ ने बैरक के बाथरूम में लगी लगभग 2 फुट की टोटी में अपनी हुडी (जैकेट) के नाड़े को फंसा कर अपना गला घोट लिया। विज्ञान या गणित के किसी भी फार्मूले से इस बात को सिद्ध नहीं किया जा सकता। पुलिस की इस थ्योरी से कई सवाल खड़े होते हैं। इससे पहले भी मनीष गुप्ता और अरुण वाल्मीकि जैसे कई मामलों में पुलिस कस्टडी पर सवालिया निशान खड़े हो चुके हैं।

पुलिस अधिकारी और अल्ताफ़ के परिजनों की बात में फर्क-

एक तरफ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अल्ताफ़ को सुबह 8 बजे हिरासत में लिया गया। वहीं अल्ताफ़ के पिता का कहना है कि अल्ताफ़ को एक दिन पहले रात 8 बजे जब पुलिस लेने आई तो उन्होंने ख़ुद अपने बेटे को पुलिस को सौंप दिया। इसके बाद वो ख़ुद भी चौकी पर गए लेकिन वहां से उन्हें भगा दिया गया।

  • पुलिस का कहना है कि अल्ताफ़ ने हुडी के नाड़े से फांसी लगा ली। जबकि अल्ताफ़ की मौसी बताती हैं कि जब अल्ताफ़ के मृत शरीर को घर लाया गया तब उसके सिर पर गहरी चोटों के निशान थे। पैरों में सूजन थी जो कि पिटाई के बाद आ सकती है।

अल्ताफ़ के पिता का पत्र-

इस पूरे प्रकरण में एक पत्र वायरल हो रहा है जिसपर अल्ताफ़ के पिता के अंगूठे के निशान हैं।

इस पत्र की भाषा पढ़कर ही पता चल जाता है कि इसे किसी पुलिस कर्मी ने लिखा है। एक पिता जिसके जवान, घर के सबसे बड़े बेटे की मौत हुई हो, वो दावे के साथ ऐसा कैसे लिख सकता है कि उसके बेटे ने आत्महत्या ही की है और उन्हें पुलिस से कोई शिकायत नहीं है। उनके खिलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहता और न ही भविष्य में करेगा।

अल्ताफ़ के मोबाइल से मिली सामग्री-

मीडिया रिपोर्ट बता रही हैं पुलिस को अल्ताफ़ के मोबाइल से अश्लील सामग्री मिली है। इस जानकारी से अल्ताफ़ की मौत का क्या सम्बंध है। अल्ताफ़ के मोबाइल में क्या है, ये उसका निजी मसला है। किसी भी शख्स के मोबाइल में क्या है, ये जानकर क्या हम उसे व्यक्तित्व प्रमाण-पत्र देने की कोशिश कर रहे हैं।

अल्ताफ़ पर लगा आरोप-

अल्ताफ़ को जिस आरोप में हिरासत में लिया गया। उसके अनुसार अल्ताफ़ ने एक नाबालिग (16 वर्ष) की लड़की को भगाने का प्रयास किया था। क्या पुलिस ने उस लड़की का बयान लिया?  कहीं ये चयन के अधिकार का मसला तो नहीं?

अल्ताफ़ के पिता का ये भी कहना है कि लड़की के परिजनों ने कुछ ही दिन पहले उन्हें धमकी दी थी कि वो उनके लड़के को मार देंगे। क्या ये पूरा प्रकरण एक साजिश तो नहीं?

नोट- सभी विडियो श्याम मीरा सिंह के ट्विटर हैंडल से लिए गए हैं।

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