झारखण्ड : प्रेम प्रसंग के शक में युवक के साथ मॉब लिंचिंग, पेड़ से उल्टा लटकाकर बेरहमी से पीटा

प्रेम प्रसंग के शक में युवक के साथ मॉब लिंचिंग, पेड़ से उल्टा लटकाकर बेरहमी से पीटा
प्रेम प्रसंग के शक में युवक के साथ मॉब लिंचिंग, पेड़ से उल्टा लटकाकर बेरहमी से पीटा
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झारखंड। देश में मॉब लिंचिग की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। झारखंड में मंगलवार को विधानसभा में मॉब लिंचिंग पर विधेयक पारित हुआ और उसके दूसरे दिन ही मॉब लिंचिग की खबर सामने आई है। रांची से महज 180 किलोमीटर दूर पलामू जिले के लेसलीगंज कर्मा गांव में एक मुस्लिम युवक खुस्तर अंसारी लिंचिंग का शिकार हुआ। हालांकि लिंचिंग करने वाली भीड़ भी मुस्लिम समुदाय से ही थी पर सवाल यह उठता है कि आखिर कानून बनने के बाद भी कानून का लोगों में डर क्यों नहीं है।

क्या था पूरा मामला और कैसे बेखौफ थे अपराधी

घटना झारखंड के पलामू जिले के अंर्तगत कर्मा गांव की है। जहां एक मुस्लिम युवती से प्रेम प्रसंग को लेकर पास ही जावर गांव निवासी खुस्तर अंसारी को बेरहमी से पीटा गया। खुस्तर अंसारी को न सिर्फ बेरहमी से पीटा गया बल्कि उसके सिर के बाल भी काट दिए गए। मॉब इतने में भी नहीं रुकी, उन्होंने खुस्तर अंसारी को पेड़ पर उल्टा लटका कर उस पर अत्याचार किया।

इस मामले को लेकर जब द मूकनायक की टीम ने पीड़ित परिवार से बात कि तो पीड़ित के बड़े भाई जबरुल्लाह (मनु) ने घटना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, "घटना एक सप्ताह पुरानी है।खुस्तर अपने दोस्त के साथ मदरसे के बाहर बैठा था तो कर्मा गांव के तीन लोग आए और दोनों को उठा कर ले गए। उन लोगों ने खुस्तर और उसके दोस्त को जंगल में ले जाकर पीटा। जब इसकी जानकारी हमें मिली तो दो लोग कर्मा गांव गए। वहां रात हो चुकी थी तो हम लोगों को खुस्तर को भेजने के लिए मना कर दिया और हमारे साथ भी मारपीट की गई।"

जबरुल्लाह ने आगे कहा, "वहां के लोगों ने हमें धमकी भी दी। उन्होंने कहा हम उन दोनों को नहीं छोड़ेंगे। सवेरे जब हम और कुछ लोग (खुस्तर के पापा) फिर से कर्मा गांव गए उससे पहले उन दोनों को बहुत मारा गया था। वहां के बीस पच्चीस लोगों ने मिलकर दोनों को बहुत मारा और दोनों के बाल भी काट दिए गए। लोगों ने खुस्तर को तो पेड़ पर उल्टा लटका कर बुरी तरह से पीटा भी।"

उन्होंने आगे कहा, "जब हम वहां पहुंचे तो उन्होंने बोला कि इसके बदले हमें पैसे चाहिए। जब हमने पैसे देने के लिए मना किया तो हमारे साथ भी मारपीट पर उतारू हो गए थे।"

जबरुल्लाह ने बताया, "काफी समझाने के बाद उन्होंने खुस्तर को छोड़ा। लोगों ने उसे इतनी बुरी तरह से मारा था कि वो ढंग से चल भी नहीं पा रहा था। खुस्तर के पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। जब पेड़ पर उल्टा लटकाया था तो उसके पिंडलियों पर घाव हो गए थे दर्द के मारे खुस्तर कराह रहा था।"

इस मामले को लेकर जब द मूकनायक की टीम ने पीड़ित के भाई से पूछा कि क्या कारण था कि खुस्तर के साथ मारपीट की तो उन्होंने बताया, "पूरी बात तो पता नहीं है पर वो बोल रहे थे कि उनकी लड़की घर से कहीं चली गई है। इसका शक खुस्तर पर था इसी को लेकर उनके साथ मारपीट की गई थी।"

मारपीट को लेकर द मूकनायक की टीम ने जब पीड़ित के भाई से पूछा कि इस मामले को लेकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं करवाई तो वो चुप हो गए।

वायरल वीडियो से हुआ घटना का खुलासा

पूरी घटना का किसी को पता भी नहीं था लेकिन अचानक 22 दिसंबर को टाइम्स नाउ के पत्रकार सोहन सिंह ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया था जिसमें एक युवक को पेड़ से उल्टा लटकाया हुआ है। और वो दर्द से चिल्ला रहा है।

इस वीडियो को ट्विटर पर कई वेरिफाइड अकाउंट ने शेयर किया।

इसके बाद लेस्लीगंज पुलिस ने मामले पर तुरंत संज्ञान लिया। पुलिस ने जानलेवा हमले की धारा 307 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली और मामले की जांच में जुट गई थी।

दो अपराधियों को हिरासत में लिया

पीड़ित के भाई ने बताया कि उन अपराधियों कि पहचान हो गई है और दो लोगों को हिरासत में लिया गया है।

झारखंड मॉब लिंचिंग को लेकर कानून बनाने वाला चौथा राज्य

2014 से मोदी सरकार आने के बाद मॉब लिंचिंग के मामले लगातार बढ़े हैं। लगातार बढ़ रहे मॉब लिंचिग के मामले को देखते हुए राज्य सरकारें इस पर कानून भी बना रही हैं। मॉब लिंचिग पर कानून बनाने वाला झारखंड चौथा राज्य है इससे पहले राजस्थान, मणिपुर और पश्चिम बंगाल मॉब लिंचिंग कानून लागू कर चुके हैं।

क्या है ये कानून

जब अनियंत्रित भीड़ द्वारा किसी दोषी को उसके किये अपराध के लिए या कभी-कभी मात्र अफवाहों के आधार पर ही पीट-पीट कर मार डाला जाए तो इसे भीड़ द्वारा की गई हिंसा या मॉब लिंचिंग कहते हैं।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 में प्रत्येक व्यक्ति को जीवन जीने का अधिकार दिया गया है। मॉब लिंचिंग से व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन होता है।

सुप्रीम कोर्ट मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के लिए गाइडलाइन तक जारी कर चुका है।

भारतीय दंड संहिता (IPC) में लिंचिंग जैसी घटनाओं के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर किसी तरह का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। धारा- 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 323 (जान बूझकर घायल करना), 147-148 (दंगा-फसाद), 149 (आज्ञा के विरुद्ध इकट्ठे होना) तथा धारा- 34 (सामान्य आशय) के तहत इस मामले में कार्रवाई की जाती है।

भीड़ द्वारा किसी की हत्या किये जाने पर IPC की धारा 302 और 149 को मिलाकर पढ़ा जाता है और इसी तरह भीड़ द्वारा किसी की हत्या का प्रयास करने पर धारा 307 और 149 को मिलाकर पढ़ा जाता है तथा इसी के तहत कार्यवाही की जाती है।

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