जयपुर। जयपुर-मुम्बई सुपरफास्ट ट्रेन हत्याकांड के शिकार जयपुर निवासी असगर अली सहित अन्य पीड़ितों के लिए भीम आर्मी व आजाद समाज पार्टी सड़कों पर उतरकर न्याय की लड़ाई लड़ेगी। भीम आर्मी व आजाद समाजपार्टी कार्यकर्ता ट्रेन हत्याकांड में मृतकों के आश्रितों को एक करोड़ रुपया, सरकारी नौकरी व आवास के साथ ही आदिवासी सब इंस्पेक्टर टीकाराम मीणा को शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर बुधवार 23 अगस्त को दोपहर 12 बजे प्रदेश भर में जिला मुख्यालय सहित उपखण्ड एवं तहसील स्तर पर प्रदर्शन कर ज्ञापन देंगे।
आपको बतादें कि गत 20 अगस्त को सामाजिक न्याय महासम्मेलन में जयपुर आए भीम आर्मी प्रमुख एवं आजाद समाज पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट चंद्रशेखर आजाद ने जयपुर के भट्टा बस्ती इलाके में मृतक असगर अली के परिवार से मुलाकात की थी। इस दौरान स्थानीय लोगों ने असगर अली के परिवार के साथ सरकारी भेदभाव के आरोप भी लगाए थे। परिवार से मुलाकात के बाद एडवोकेट चंद्रशेखर आजाद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर असगर अली के साथ हुए भेदभाव का जिक्र करते हुए न्याय की लड़ाई लड़ने की बात कही ।
चन्द्रशेखर आजाद ने अपने टवीटर हैंडल पर लिखा कि जयपुर मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस में "आरएसएस प्रशिक्षित" आरपीएफ के कांस्टेबल चेतन सिंह ने जयपुर निवासी असगर अली की निर्ममता पूर्ण एवं साजिशन हत्या कर दी। उनके (मृतक असगर अली) के परिवार में एहलिया उमेसा खातून और बच्चे आमना खातून उम्र 16 साल, अमीना खातून उम्र 14 साल, सबरा खातून उम्र 11 साल, सोफिय़ा खातून उम्र 3 साल एवं पिता अब्दुल रहमान है जिनका एकमात्र सहारा मृतक असगर ही थे।
चन्द्रशेखर आजाद ने आगे लिखा कि राजस्थान सरकार के एक मंत्री ने 5 लाख के मुआवजे की पेशकश की। इलाके के लोगों द्वारा मंत्री की पेशकश को नाकाफ़ी बताने पर मंत्री द्वारा "अब 5 लाख भी नहीं मिलेंगे" कहकर चले जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने आगे लिखा कि इस हत्याकांड में असगर अली एवं दो अन्य मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों और अपनी ड्यूटी कर रहे सब इंस्पेक्टर टीकाराम मीणा की भी हत्या की गई।
चन्द्रशेखर आजाद ने सवाल करते हुए लिखा कि यह घटना किसी आतंकी घटना से कम नही है। इसलिये केंद्र सरकार और राज्य सरकार से हमारी मांग है कि जैसे उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या होने पर उनके परिजनों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी दी गई है , ठीक वैसे ही इन सभी को आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी व रहने के लिये आवास की व्यवस्था कराई जाए और देशभक्त सब इंस्पेक्टर टीकाराम मीणा को शहीद का दर्जा भी दिया जाये।
आसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद की जयपुर निवासी असगर अली के परिवार से मुलाकात के बाद आजाद समापा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष प्रोफेसर रामलखन मीना ने प्रदेश भर में प्रदर्शन कर ज्ञापन का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि 20 अगस्त को भीम आर्मी चीफ एडवोकेट चंद्रशेखर आजाद जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन में हुए जघन्य हत्याकांड के मृतक असगर अली के पीड़ित परिवार से मिले। भीम आर्मी प्रमुख के निर्देशानुसार 23 अगस्त बुधवार को दोपहर 12 बजे राजस्थान के सभी जिला कलेक्टरों/ एडीएम/ एडीएम/ तहसीलदारों को एक ज्ञापन दिया जायेगा।
आपको बतादें कि राजस्थान के कांग्रेस सरकार में केबिनेट मंत्री डॉ. महेश जोशी बीते दिनों पीड़ित परिवार के घर पांच लाख रुपए का चैक लेकर पहुंचे थे, लेकिन सरकारी आर्थिक मदद को नाकाफी बताते हुए परिजनों व मुस्लिम समाज के लोगों ने पांच लाख रुपए का चैक नहीं लेकर मंत्री को बैरंग लौटा दिया था। इस दौरान समाजसेवी पप्पू कुरैशी और मंत्री के बीच नोकझोक की भी हुई थी।
समाज सेवी पप्पू कुरैशी ने बताया कि ट्रेन में रेलवे सुरक्षा कर्मी द्वारा यात्री असगर अली सहित दो अन्य मुस्लिम सुदाय के लोगों और एक पुलिस अधिकारी की धर्म व जाति को टारगेट कर हत्या करदी थी। इससे देश भर के अमनपसंद लोगों में रोष है। इससे पूरे घटनाक्रम को लेेकर जयपुर शहर के मुस्लमानों ने विरोध प्रदर्शन करना चाहा तो सरकारी अफसरों ने उन्हें यह कहते हुए रोक दिया था कि राजस्थान सरकार पीड़ित परिवार की हरसम्भव मदद करेगी। इसके बावजूद केवल पांच लाख रुपए देकर सरकार परिवार के साथ विश्वासघात कर रही है।
पप्पू कुरैशी का आरोप है कि मृतक मुस्लिम होने से सरकारी मदद और न्याय में भेदभाव किया जा रहा है। अब मुस्लिम समाज भेदभाव कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। यहां कुरैशी ने भी उदयपुर हत्याकांड में मृतक कन्हैयालाल के परिवार को एक करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी देने का जिक्र करते हुए कहा कि असगर अली की भी आतंकी सोच के साथ हत्या की गई है, तो फिर असगर के परिवार को कन्हैयालाल की तर्ज पर सरकारी मदद क्यों नहीं दी जा सकती है।
भीम आर्मी प्रदेश प्रभारी अनिल धेनवाल ने बताया कि जयपुर-मुम्बई सुपरफास्ट ट्रेन हत्याकांड में असगर अली सहित दो अन्य मुस्लिम समुदाय के व्यक्तियों और ड्यूटी पर तैनात सब इंस्पेक्टर टीकाराम मीणा की भी हत्या की गई। यह घटना किसी आतंकी घटना से कम नहीं है। एक लोकतांत्रिक समाज में इस साजिश पूर्ण हत्याकांड से देश में सभी स्तब्ध है।
इस प्रकरण की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो जिससे पीड़ितों को त्वरित गति से न्याय मिले। कांस्टेबल चेतन सिंह के खिलाफ कठोर कार्रवाई अमल में लाई जावे। ताकि यह एक नजीर बन सके। अगर नियत समय में उक्त सभी मांगे पूरी नहीं हुई तो पहले पूरा राजस्थान और जरूरत पड़ी तो भारत बंद किया जाएगा।
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