जयपुर। राजस्थान में क्या खाकी का इकबाल कायम है? राजस्थान पुलिस का ध्येय वाक्य "आमजन में विश्वास - अपराधियों में भय" का नारा कहीं निरर्थक तो नहीं हो रहा? कानून और शांति व्यवस्था का दारोमदार जिस कड़क खाकी वर्दी वालों पर है, वे ही जब अपराधियों की तरह बर्ताव करने लगे तो आमजन के पुलिस महकमे पर से विश्वास उठना लाजिमी है। आम नागरिकों के मन में यही सवाल है कि रक्षक ही भक्षक बन बैठे हैं तो सुरक्षा की गुहार कहां लगाएं?
राजस्थान पुलिस का यह स्लोगन राज्य के प्रत्येक पुलिस थाने के बाहर मोटे-मोटे अक्षरों में लिखा गया है। जबकि आम जन का मानना है कि हकीकत इस नारे के एकदम उलट है। बीकानेर के खाजुवाला पुलिस पर अपराधी से दोस्ती के आरोप लगने के बाद विभाग को खाजूवाला पुलिस थाने से लगभग एक दर्जन पुलिस कर्मियों को हटाना पड़ा। एक सिपाही को बर्खास्त कर गिरफ्तार भी किया गया। खाजूवाला में दलित छात्रा के साथ गैंगरेप के बाद हत्या प्रकरण में खाकी की खूब किरकिरी हुई है। यहां आरोपी से पुलिस कर्मियों की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है।
एक और मामला राजस्थान के ही बाड़मेर जिले से भी सामने आया है। मुस्लिम समुदाय की एक रेप पीड़िता ने सिवाना एसएचओ पर मदद के बदले अस्मत मांगने का आरोप लगाया है। यदि इन आरोपों में तनिक भी सच्चाई है तो यह राजस्थान पुलिस के लिए शर्मशार करने वाला है।
रेप पीड़िता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। वायर वीडियो में पीड़िता सिवाना थानाधिकारी पर मदद के बदले अस्मत मांगने का आरोप लगा रही है। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि थानाधिकारी की इच्छा पूरी नहीं करने पर रेप जैसे संगीन प्रकरण में एफआर लगा दी गई।
रेप पीड़िता वायरल वीडियो में बता रही है कि आरोपी अंकित और उसके भाई ने मिलकर छेड़छाड़ की। फिर अंकित ने उसके साथ बलात्कार किया। जब वह सिवाना पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराने गई तो पुलिस ने पहले तो एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया। काफी मिन्नतें करने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली। मुकदमा दर्ज करने के बाद उस वक्त पुलिस ने आश्वासन दिया था कि जल्द कार्रवाई करेंगे। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पीड़िता अपने घर चली गई।
पीड़िता ने कहा कि काफी समय बीत जाने पर भी एफआईआर में कार्रवाई नहीं हुई। इस पर वह वापस सिवाना थाने आई। और एसएचओ से मिली।
वीडियो में पीड़िता ने आरोप लगाया कि एसएचओ से कार्रवाई नहीं करने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि पहले मुझे हैप्पी करो, फिर तुम्हें हैप्पी करूंगा। एसएचओ ने यहां तक कहा कि मैंने किसी मुस्लिम लड़की के साथ कभी सम्बन्ध नहीं बनाए हैं। आप मेरे साथ सम्बन्ध बना लो।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि सिवाना एसएचओ ने कहा कि मुझे आरोपी अंकित की तरफ से अच्छा ऑफर आ रहा है। लेकिन में चाहता हूं आपको न्याय मिले। में आपके बारे में इतना सोच रहा हूं। आप भी तो मेरे बारे में कुछ सोचो। इस दौरान एसएचओ ने पीड़िता के साथ छेड़छाड़ भी की। एसएचओ ने कहा कि सोच लो में आपको सोचने के लिए वक्त दे रहा हूं। नहीं तो मामले को झूठा साबित कर एफआर लगा दूंगा। रेप पीड़िता ने वीडियो में बताया कि थानाधिकारी द्वारा अस्मत मांगने पर वह थाने से बाहर निकल गई। बाद में एसपी को शिकायत की। इससे नाराज होकर एसएचओ ने मुकदमे में एफआर लगा दी। अब पीड़िता ने प्रकरण की पुनः जांच के लिए न्यायालय की शरण ली है।
पुलिस के अनुसार पीड़िता दिल्ली की रहने वाली है। अहमदाबाद गुजरात में जॉब करती है। 8 से 10 महीने पहले उसने सिवाना निवासी अंकित और उसके भाई कुशल जैन के खिलाफ छेड़छाड़ और रेप का मामला थाने में दर्ज करवाया था।
पुलिस के अनुसार पीड़िता ने रिपोर्ट में बताया था कि 2021 में वह गुजरात के अहमदाबाद शहर में जॉब करती थी। यहां सिवाना के रहने वाले कुशल के सम्पर्क में आई। इस दौरान दोनों के बीच अच्छे पारिवारिक संबंध हो गए। दोनों के बीच पैसों का लेनदेन भी होने लगा।
पीड़िता ने रिपोर्ट में बताया कि जनवरी 2022 को कुशल के भाई अंकित का उसके पास फोन आया था कि आप सिवाना आ जाओ में आपको दिए हुए रुपये लौटा देता हूं। इस पर पीड़िता सिवाना आ गई। अंकित ने उसे दो लाख रुपये लौटा दिए।
इसके बाद 6 फरवरी 2022 को रात को अंकित एवं उसके भाई कुशल ने पीड़िता के साथ बलात्कार किया। विरोध करने पर मारपीट की। इस पर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसके साथ बलात्कार के बाद मेडिकल नहीं नहीं करवाने के लिए सिवाना थानाधिकारी ने उसे डराया धमकाया और मेडिकल नहीं करवाने के प्रार्थना पत्र पर जबरदस्ती हस्ताक्षर करवा लिए। आरोपी और पीड़िता के बीच फोन पर हुई वार्ता भी रिकॉर्ड में नहीं लिया।
सिवाना थानाधिकारी नत्थू सिंह पर रेप पीड़िता द्वारा मदद के बदले अस्मत मांगने के आरोपों के बाद द मूकनायक ने आरोपी एसएचओ से बात की।
थानाधिकारी नत्थू सिंह ने द मूकनायक को बताया कि 8 से 10 महीने पहले एक लड़की ने रिपोर्ट देकर सिवाना के ही दो व्यवसायी भाइयों के खिलाफ छेड़छाड़ और रेप करने का आरोप लगाते हुए प्रकरण दर्ज करवाया था। जांच में तथ्यों के आधार पर आज से लगभग 6 महीने पहले केस झूठा मानते हुए न्यायालय में एफआर पेश कर दी है।
आरोपी एसएचओ ने द मूकनायक से कहा कि 6 महीने बाद यह लड़की इस तरह के आरोप क्यों लगा रही है , यह समझ से परे है। थाने में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। मैंने कभी किसी के साथ इस तरह बात नहीं की। आरोप निराधार है और पुलिस को बदनाम करने के लिए लगाए गए हैं।
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