जयपुर। नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपियों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं होने से परिजनों के साथ अमनपसंद लोगों में रोष है। आरोप है कि राजनैतिक दबाव में स्थानीय पुलिस हत्या के नामजद आरोपियों को गिरफ्तार करने की बजाय न्याय की गुहार लगा रहे परिजनों को डरा धमका कर धरना समाप्त करने का दबाव बना रही है।
घाटमिका गांव में ही जस्टिस फॉर नासिर-जुनैद के नारे के साथ धरना देकर बैठे हाफिज जाबिर ने कहा कि हम धरना स्थल से नहीं हटे तो पुलिस रात में आकर टेंट उखाड़ ले गई। उन्होंने कहा कि आप हमारे टेंट उखड़वा सकते हो, लेकिन हमारे इरादों को नहीं उखाड़ सकते।
हम यहां संवैधानिक अधिकार के तहत न्याय की गुहार लगा रहे हैं। आप हिन्दू वोट बैंक खिसने के डर से आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पीड़ितों को नोटिस भेजकर प्रताड़ित कर रहे हो। यह शर्मनाक है।
धरना स्थल पर बैठे हाफिज जाबिर ने द मूकनायक से बात करते हुए आरोप लगाते हैं कि विधायक व राजस्थान में मंत्री जाहिदा खान चुनाव लड़कर सत्ता पर काबिज रहती हैं। हरियाणा में इनके भाई जाकिर भाजपा नेता हैं। बहन राजस्थान में कांग्रेस तो भाई हरियाणा में भाजपा के नेता है। हाफिज जाबिर ने कहा कि दोनों को अपने-अपने राज्यों में हिन्दू वोट बैंक खिसकने का डर सता रहा है। यही वजह है कि दोनों भाई राजनीति कर न्याय मांग रहे लोगों को दबाव बनाकर प्रताड़ित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नासिर-जुनैद की हत्या का मुख्य आरोपी मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर है, उसको दोनों राज्यों की सरकार बचा रही है। सरकार आरोपियों के पक्ष में काम कर रही है। सरकार व पुलिस की अभी तक की कार्रवाई से हम संतुष्ट नहीं है। हम संतुष्ट होते तो न्याय की मांग नहीं करते।
जाबिर कहते हैं कि मंत्री जाहिदा खान यहां से चुनाव लड़ती हैं, वो हमेशा से सत्ता पर काबिज रही हैं। वह कांग्रेस में हैं, उन्हें यह खतरा है कि उन्होंने सरकार से कह दिया कि समाधान करवा दिया, लेकिन यहां अभी विरोध चल रहा है। इसलिए टिकट कट सकता है।
घाटमिका गांव में जस्टिस फॉर नासिर - जुनैद की मांग के साथ एक महीने से अधिक समय से धरना दे रहे मृतकों के रिश्तेदार हाफिज जाबिर कहते हैं कि हम शुरू से न्याय की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने घाटमिका गांव में आकर परिजनों से मुलाकात कर आर्थिक मदद के साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी का भरोसा दिलाते हुए धरना समाप्त करवाया था, लेकिन अभी तक सीएम की एक भी घोषणा पूरी नहीं हुई। ना तो परिवार को एक रुपया मिला ना ही एक भी आरोपी गिरफ्तार हुआ। सरकार हमें उठाना चाहती है। सामने चुनाव है। इन्हें यह डर है कि हमारे हिन्दू वोट नहीं कट जाएं। उन्हें यह लग रहा है कि हम लोग राजनीति कर रहे हैं। हम राजनीति नहीं कर रहे। राजनीति तो सरकार कर रही है। सरकार कितनी भी राजनीति करें इंसाफ मांगना हमारा अधिकार है। हम संवैधानिक तरीके से मांग रख सकते हैं और हमारी मांग नहीं मानने पर पुरसुकून तरीके से अपनी सरकार का विरोध कर सकते हैं। यह अधिकार भी हमें संविधान ने ही दिया है।
सीएम के आश्वासन पर भी मांग पूरी नहीं हुई तो 10 दिन बाद परिजनों ने दूसरी मरतबा धरना शुरू किया। धरना प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे हाफिज जाबिर कहते हैं कि रात में पुलिस आई और धरना स्थल से टेंट को भी उखाड़ कर ले गई। पुलिस ने टेंट वाले के ऊपर दबाव भी डाल दिया है। ताकि दोबारा टेंट नहीं लगा सके। यहां पुलिस किसी दूसरे के कहे काम करती नजर आ रही है। यहां भाइयों के इंसाफ के लिए बैठा हूं। धरना जारी रहेगा। यह टेंट को ले जाएं, लेकिन जमीन को उखाड़ कर नहीं ले जा सकते। यह मुझे भी उखाड़ कर नहीं ले जा सके, क्योंकि मैं सिर्फ इंसाफ के लिए बैठा हूं। इंसाफ की गुहार तब तक लगाता रहूंगा जब तक मेरे जिस्म के अंदर एक सांस भी बाकी है।
"पुलिस धरना प्रदर्शन खत्म करने के लिए बार-बार दबाव बना रही है। मैं पुलिस से यही कहना चाहूंगा कि आप मेरे भाई के आरोपियों को गिरफ्तार करके ले आइए। धरना समाप्त कर दूंगा, "जाबिर ने राजस्थान व हरियाणा की सरकारों व पुलिस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि दूसरी तरफ लोग उन आतंकियों को सपोर्ट कर रहे हैं। उनके समर्थन में सड़के जाम कर रहे हैं। उन्हें पकड़िए। वो लोग संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। मैं आपसे कहना चाहता हूं कि मुझे उठाने की बजाय आप वहां जाइये और आरोपियों को गिरफ्तार करके लाइए।
मेवात में समाज सेवी इनामुल हसन कहते हैं कि धरना को सपोर्ट कर रहे बाहरी लोगों पर पुलिस गिरफ्तारी का दबाव बना रही है। गत दिवस ढीमरी ग्राम पंचायत सरपंच के पति अताउल्लाह को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हालांकि पुलिस ने गिरफ्तारी का कारण दलित एट्रोसिटी प्रकरण में वांछित होना बताया है। इस संबंध में द मूकनायक ने पुलिस थाना पहाड़ी एसएचओ शिवलहरी मीणा से बात की तो उन्होंने कहा कि "आरोप गलत है। पुलिस क्यों किसी का टेंट उखाड़ेगी।"
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