एशिया के दो देशों की महिलाओं की कहानियां, कहीं हिजाब पहनने के लिए लड़ाई तो कहीं हिजाब को जलाकर नहीं पहनने का विरोध

हिजाब का विरोध [फोटो साभार- गूगल]
हिजाब का विरोध [फोटो साभार- गूगल]
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नई दिल्ली। देश सहित दुनिया में हिजाब पहनने नहीं पहनने का मुद्दा पिछले लंबे से सुर्खियों में बना हुआ है। राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने हिसाब से इस मुद्दे पर राजनीति कर रही हैं। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। पिछले साल कर्नाटक के उड्डपी से शुरू हुआ मामला धीरे-धीरे खबरों की हेडलाइन बन गया। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर अपने-अपने विचार भी रखे। कई लोग इसे धार्मिक कट्टरता के चश्मे से देख रहे हैं तो कई इसे महिलाओं के लिए बंधन बता रहे हैं।

बुर्का नहीं पहनने पर हत्या

इस बीच, मुंबई से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें बुर्का नहीं पहनने के कारण एक युवक ने पत्नी की चाकू घोपकर हत्या कर दी है। खबरों के अनुसार मुंबई के तिलक नगर में यह घटना हुई है। जहां पति ने पत्नी के साथ झगड़े को सुलझाने के लिए बुलाया और बात नहीं बनती देख उस पर चाकू से हमला कर दिया।

यह एक प्रेम विवाह है। जिसका अंत इतना दर्दनाक हुआ कि हर कोई हैरान है। मोहम्मद इकबाल शेख और रूपाली दोनों एक दूसरे को प्यार करते थे और तीन साल पहले दोनों ने शादी की थी। अब इस हत्या के बाद पुलिस का कहना है कि 26 सितंबर 2022 को रात करीब 10 बजे मृतका रुपाली के परिवारवालों ने उन्हें बताया कि तीन साल पहले ही दोनों की शादी हुई थी। शादी के बाद से मोहम्मद इकबाल शेख का परिवार उनके साथ रहने आ गया और उस पर मुस्लिम तौर-तरीकों को अपनाने का दबाव बनाने लगा। उसे बुर्का पहनने के लिए कहने लगा। लेकिन रूपाली ने इन सभी चीजों से मना कर दिया और बाद में ऐसी स्थिति बनी की उसने घर छोड़ दिया।
इस बीच रूपाली और इकबाल का एक बेटा भी हुआ। स्थिति बिगड़ती देख रूपाली ने तलाक के लिए भी कहा लेकिन इकबाल नहीं माना। खबरों के अनुसार इकबाल की यह दूसरी शादी थी।

लगातार बढ़ते झगड़ों के बीच पति-पत्नी दोनों अलग-अलग रहने लगे। दोनों की फोन पर बात होती थी। इस बीच भी धर्म को लेकर दोनों के बीच झगड़ा होता था। हाल में इकबाल ने रूपाली को मिलने के लिए बुलाया। एक बार फिर दोनों की इसी बात पर लड़ाई हुई। जिसके बाद कथित तौर पर इकबाल ने रूपाली पर चाकू से हमलाकर दिया और फौरन वहां से फरार हो गया। खबर लिखे जाने तक पुलिस ने इकबाल को गिरफ्तार कर आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

तो ये थी मायानगरी मुम्बई की वह दास्ता जहां एक तरफ लोग खुलकर जीने का सपना देखते हैं, और दूसरी तरफ सिर्फ बुर्का नहीं पहनने के लिए हत्या कर दी जाती है। अब बात ईरान की करते हैं, जहां हिजाब को सही से नहीं पहनने के कारण एक लड़की की पुलिस हिरासत में मौत हो जाती है और पूरे देश की महिलाएं हिजाब के खिलाफ खड़ी होकर एक प्रोटेस्ट कर हिजाब को ही खत्म कर देती हैं।

ईरान में हिजाब पहना अनिवार्य है!

दरअसल ईरान एक इस्लामिक स्टेट हैं, जहां महिलाओं को हिजाब पहनना अनिवार्य है। भले ही वह महिलाएं किसी भी पंथ का अनुसरण करती हों। यहां तक की उन्हें ऐसे कपड़े पहनने हैं जो पूरी तरह से पैर को भी ढके, और टाइट कपड़े भी नहीं पहनने हैं। यह नियम हर उस महिला के लिए है जो ईरान की सरजमीं पर हो, भले ही वह यात्री ही क्यों नहीं हो। वहां की महिलाओं को इन सभी नियमों का पालन करना होगा। नहीं तो इस पर कड़ी कारवाई होगी। ईरान में इसके लिए नैतिक पुलिस गश्त-ए-इर्शाद है। जो इन सभी चीजों पर निगरानी रखती। यह ईरान पुलिस की एक विशेष इकाई है।

महिलाएं हिजाब फेंककर ले रही हैं बदला

पिछले कुछ दिनों से ईरान की महिलाएं और पुलिस दोनों आमने-सामने हैं। मामला है नैतिक पुलिस द्वारा 22 वर्षीय महसा अमीनी को हिजाब सही तरीके से नहीं पहनने पर हिरासत में लेना। तीन दिन बाद अमीनी की हिरासत में मौत हो गई। इस मौत के बाद ही कट्टर इस्लामिक और पितृसत्तात्मक विचारधारा के देश ईरान में विरोध का स्वर तेज हो गया है। महिला सड़कों पर हैं। वह महसा की मौत का बदला हिजाब को फेंक कर और जलाकर ले रही हैं।

महसा की मौत के बाद जारी अपने बयान में पुलिस ने कहा कि उसे मार्गदर्शन और शिक्षा के लिए ग्रेटर तेहरान पुलिस में भेजा गया है। जहां लोगों की उपस्थिति में उसे दिल का दौरा पड़ा।

वहीं दूसरी ओर महसा के परिजनों का कहना था कि, पुलिस गलत बयान देकर अपना बचाव कर रही है। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। उसे पुलिस हिरासत में मारा पीटा गया है। जिसके कारण उसकी मौत हो गई है।

आपको बता दें कि, महसा अमीनी ईरान के साकेज की रहने वाली थीं। जिस वक्त नैतिक पुलिस ने उसे हिरासत में लिया उस वक्त वह अपने परिवार के साथ तेहरान में थीं।

महसा की मौत के बाद ही ईरान की महिलाओं के सब्र का बांध टूट गया। आम लड़कियों से लेकर कलाकार तक हर किसी ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। यहां तक की महसा की अंतिम यात्रा में पुलिस के मना करने पर ही हजारों की संख्या में महिलाएं सड़कों पर उतरी। उन्होंने इस मौत के प्रति अपना विरोध दर्ज कराया।

सोशल मीडिया पर आती पोस्ट में देखा गया कि एक महिला ने हिजाब को खोलकर उसमें आग लगा दी। जबकि, महिलाओं ने अपने बाल काट दिए और सरकार की आंख में आंख डालकर उन्हें यह बताया कि कोई भी उनकी आजादी को छीन नहीं सकता है। यह विरोध सड़कों तक ही नहीं है। महिलाएं घर में कैंची से अपनी बालों को कुतर रही हैं और अपने गुस्से को जाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल रही हैं।

भारत में सिर्फ बुर्का नहीं पहनने के कारण एक महिला की हत्या कर दी जाती है। वहीं एक इस्लामिक देश जहां महिला आजादी से जीने के लिए अपनी लड़ाई लड़ रही हैं। धार्मिक कट्टरता को कम करने के लिए पितृसत्तात्मक सोच को ऊखाड़ फेंकने का संकल्प ले रही हैं।

भारत में भी लगातार ईरान की महिलाओं की वीडियो को शेयर किया जा रहा है। उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। लेकिन भारत में भी हिजाब एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है।

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