इनपुट- शान इरफ़ान
अलीगढ़। एक गरीब फेरी वाला, जो दिनभर यहां-वहां भटककर दिनभर के 200 रुपए कमा पाता है। अपने परिवार का पेट पालता है। उसे तथाकथित सवर्ण जाति के पिता-पुत्र पकड़कर मारते हैं। धार्मिक नारे लगाने पर मजबूर करते हैं। फेरी वाला नारे लगा भी देता है लेकिन इनकी दबंगई खत्म नहीं होती। ये उसे और मारते हैं। कानून की रक्षा के करने वाले पुलिसकर्मी बीच-बचाव करने आते हैं तो ये दबंग उन्हें भी मारते हैं। आखिर ये दबंगई आती कहां से हैं? क्या ये जाति का अहंकार है।
क्या है मामला-
अलीगढ़ में बाप-बेटे ने पड़ोसी गांव से फेरी लगाने पहुंचे एक धर्म विशेष के युवक को रोक लिया और उसको एक दूसरे धर्म से जुड़ा धार्मिक नारा लगाने को कहा। आरोप है कि युवक ने जब उनकी बात अनसुनी की तो आरोपियों ने उसे लाठी-डंडों से जमकर पीटा और उसके 10 हजार रुपये, कपड़े और मोबाइल छीन लिए।
मामला थाना हरदुआगंज के गांव नगला खेम का है। शिकायत पर पुलिस गांव पहुंची तो आरोपियों ने पुलिसकर्मियों से भी हाथापाई की। बाद में थाने पहुंचकर एक हवलदार और हमराह को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। पुलिस ने आरोपी बाप-बेटे के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेज दिया है।
कौन है फेरी वाला युवक
थाना क्षेत्र के सिल्ला गांव निवासी 24 साल के युवक ने बताया कि वह गांव-गांव घूमकर कपड़े की फेरी लगाकर अपने परिवार का गुज़ारा करता है। बीते रविवार (31 अक्टूबर) सुबह नगला खेम में कपड़े बेचने गया था।
पुलिसकर्मी को पीटा
थाना पुलिस ने जैसे ही आरोपी युवक के पिता को हिरासत में लिया तो आरोपी युवक भड़क गया और एक पुलिसकर्मी को थप्पड़ मार दिया। जब बवाल बढ़ने लगा तो पुलिस दोनों आरोपियों को थाने ले पहुंची जहां जीप से उतरते ही दोनों आरोपियों ने पुलिसकर्मियों से मारपीट शुरू कर दी। पुलिसकर्मियों ने बड़ी मुश्किल से आरोपी बाप-बेटे पर काबू पाया। बाप-बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने कहा, 'क्षेत्र में किसी को भी सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने नहीं दिया जाएगा।
एडिटिंग-शुभी चंचल
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