जयपुर। राजस्थान के भरतपुर जिला निवासी नासिर-जुनैद को कुछ माह पहले जिंदा जला दिया गया था। अब एक बार फिर भरतपुर के ही नगर थाना इलाके में एक मुस्लिम ट्रक ड्राइवर को मौत के घाट उतार दिया गया। हत्या के कारणों का अभी पता नहीं चला है। हालांकि पुलिस ने विशाल नामक युवक को नामजद करते हुए उसके अन्य साथियों के खिलाफ हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस व परिजनों के अनुसार नगर थाना क्षेत्र के ईशनाका गांव का रहने वाला 30 वर्षीय सद्दाम ट्रक चलाता है। गत 29 जुलाई की रात साढ़े 10 बजे ट्रक को अलवर के बगड़ तिराहा पर खड़ा कर गांव आ रहा था। इस दौरान सद्दाम को रिश्तेदार मुफीद निवासी बड़का और सम्मी निवासी पिपरौली मिल गए। इन्होंने सद्दाम को नगर कस्बे में इंदिरा सर्किल पर मदरसे के पास गाड़ी से उतार दिया। इसके बाद दोनों आगे चले गए।
नगर इंदिरा सर्किल पर उतरने के बाद सद्दाम ने कमरुद्दीन को फोन कर बताया था कि वह नगर पहुंच गया है। अपने गांव आ रहा है। इस पर कमरुद्दीन ने सद्दाम से बाइक से लेने आने का आग्रह किया, लेकिन सद्दाम ने मना करते हुए पैदल आने की बात कही।
मृतक सद्दाम के भाई जुबैर ने बताया कि सद्दाम घर नहीं पहुंचा तो हमने समझा कि वह नगर में अपनी बहन के घर रुक गया होगा। इसके बाद 30 जुलाई को सुबह पांच बजे मूंडिया निवासी दीनू पुत्र महताब ने उन्हें फोन कर बताया कि सद्दाम का शव पीलूकी मंदिर के पास सड़क किनारे पड़ा है। दीनू ने बताया कि उसे इस बारे में नगर पुलिस ने बताया है।
सद्दाम के शव की सूचना पर परिजन सकते में आ गए। मृतक के भाई जुबैर ने बताया कि इस पर हम लोग अस्पताल पहुंचे। जहां सद्दाम के शव को देखा। उसके शरीर पर लाठी, डंडे व धारदार हथियारों के हाथ, पैर, जांघ और गर्दन में बहुत गहरी चोटे लगी हुई थीं। शरीर पर जगह-जगह मारपीट करने के निशान मौजूद थे।
जुबैर कहते हैं शरीर पर चोट के निशानों से साफ लगा रहा है कि सद्दाम की हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि सद्दाम जिस सड़क से गांव आ रहा था। हमने उस सड़क पर लगे कई सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग देखी। इस दौरान विशाल नामक एक युवक के ऑफिस कैमरे में सद्दाम की वीडियो रिकार्ड हुई है। इस वीडियो में सद्दाम विशाल की बस के इधर-उधर छिपता हुआ और अपने बचाव के लिए पत्थर उठाता दिखाई दे रहा है। विशाल की बस के भी शीशे और वाइपर टूटे हुए हैं।
जुबैर ने पुलिस को लिखित रिपोर्ट देकर बताया कि विशाल के ऑफिस के सामने विशाल और उसके साथियों ने सद्दाम के साथ मारपीट कर उसकी हत्या कर दी है। हत्या को छिपाने के लिए एक्सीडेंट का रूप देने के लिए सद्दाम के शव को पीलूकी मंदिर के पास सड़क किनारे पटक दिया। जुबैर कहते हैं कि थाने में पुलिस ने हमें सद्दाम का मोबाइल, आधार कार्ड, ड्राईविंग लाइसेंस आदि सामान वापस लौटा दिए। सदम की जेब में 6 हजार रुपए थे, हमें नहीं मिले हैं।
सद्दाम की हत्या की खबर सुनते ही मुस्लिम समाज के लोग नगर पुलिस थाने पर जमा हो गए थे। जहां विरोध-प्रदर्शन करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक सद्दाम का शव लेने से मना कर दिया। इस दौरान सामाजिक संगठनों ने हत्या आरोपियों की अविलम्ब गिरफ्तारी के साथ ही मृतक आश्रितों को पचास लाख रुपए, मृतक के बच्चों के बालिग होने तक शिक्षा की जिम्मेदारी
परिवार में एक सरकारी नौकरी और मृतक की पत्नी को रोजगार मुहैया कराने की मांग की। इस बीच क्षेत्रीय विधायक वाजिब अली की समझाइश और आश्वासन पर परिजन शव का पोस्टमार्टम करवाने को राजी हो गए।
मृतक के परिवार में 29 वर्षीय पत्नी के साथ पांच साल का बेटा सेवान, साढ़े तीन साल का सिफान और डेढ साल की बेटी अंसिफा है।
इस सम्बंध में द मूकनायक ने नगर थानाधिकारी से बात करने का प्रयास किया, लेकिन फिलहाल इस घटना को लेकर कुछ भी कहने से मना कर दिया।
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