भोपाल। राजधानी के गैस पीड़ित इलाकों में रह रहे परिवार बारिश के मौसम में समस्याओं से गुजर रहे हैं। द मूकनायक से बातचीत करते हुए शहर के अन्नूनगर बस्ती के रहवासी नफीस ने कहा, "19 महीने से हम यहीं इन्हीं तिरपालो के नीचे रह रहे हैं। तेज बारिश होते ही घर में पानी घुसने लगता है। 22 दिसम्बर 2022 को रेलवे प्रशासन ने हमारे पक्के मकानों पर बुलडोजर चलाया था। तहसीलदार और मौके पर मौजूद एसडीएम ने जगह देने के लिए टोकन दिए थे। लेकिन अभी तक जगह नहीं मिली है। तहसीलदार ने टोकन देते हुए कहा था, दो-चार दिन में जगह बता देंगे, लेकिन अब हमारे नम्बर का कोई अता-पता नहीं हैं। यहां न बिजली है, न ही टॉयलेट है।"
नफीस ने आगे कहा, "परिवार में मेरी पत्नी तीन बच्चे और माँ हैं, दो साल होने को हैं, हम यहीं तिरपाल बांध कर रह रहे हैं। पिछले तीन दिनों से भोपाल में तेज बारिश हो रही है। हमारे तंबू इतने मजबूत नहीं जो इस बारिश को झेल सकें। दिनभर अंदर पानी टपकता है। हमने कई जगह खाली वर्तन रख दिए है। जिसमें पानी टपक कर गिरता है। रातभर हम पति-पत्नी जागते है। बच्चों को कैसे भी करके सुला रहे हैं। टोकन लेकर कई बार तहसील गए मगर अब कोई कुछ नहीं बता रहा। हमें न प्रशासन पर भरोसा है न अब सरकार पर...!!"
ऐसी ही पीड़ा अन्नू नगर के 153 परिवारों की है, जिनके घरों पर 19 महीने पहले बुलडोजर चला, लेकिन इन्हें कोई दूसरी जगह आज तक नहीं मिल पाई। राजधानी में भोपाल गैस और पानी पीड़ित 153 परिवार विस्थापन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 19 महीने से अपने मकानों के मलवे पर तिरपाल बांध कर यह परिवार किसी तरह गुजर बसर करने को मजबूर हैं।
द मूकनायक की टीम भोपाल के अन्नू नगर इलाके में पहुचीं। यह इलाका यूनियन कार्बाइड के समीप है, यह बस्ती मुस्लिम और दलित बहुल है। यहाँ के हालात बदहाल स्थिति में हैं। पिछले एक साल से यहां के 153 परिवार के सैकड़ों लोग बिना बिजली, शौचालय और अन्य संसाधनों के बीच मुश्किलों में अपने परिवार का पालन कर रहे हैं। प्रशासन के वादों के बाद भी इन्हें कोई राहत नहीं मिली।
दरअसल, यूनियन कार्बाइट फैक्टरी के समीप रेलवे की भूमि पर पिछले 30 सालों से रह रहे परिवारों को 22 दिसंबर 2022 को रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई कर करीब 250 घरों को तोड़ा था। लेकिन अभी तक इन परिवारों को विस्थापित नहीं किया गया है। जिसकी वजह से अन्नूनगर और श्रीराम नगर के लोग ठंड, बारिश और गर्मी में तिरपाल के नीचे रहने को मजबूर हैं। 19 महीने गुजर चुके हैं लेकिन बाबजूद इसके प्रशासन ने इन्हें विस्थापित करने की कोई व्यवस्था नहीं की।
द मूकनायक से बातचीत करते हुए नफीस ने बताया कि जब बुलडोजर की कार्रवाई में उनका घर तोड़ा था, तो प्रशासन ने उन्हें दूसरी जगह विस्थापित करने का वादा किया था, एसडीएम और तहसीलदार ने मौके पर हम लोगों को टोकन दिए थे। और कहाँ था जैसे-जैसे व्यवस्था होती जाएगी हम जगह देंगे। लेकिन अब 19 महीने बाद भी हमें जगह नहीं मिल पाई। नफीस ने कहा, "मजदूरी करके अपने परिवार को पाल रहा हूँ, माँ बीमार है रहने तक को जगह नहीं है। बिजली नहीं है, शौचालय की व्यवस्था नहीं है। हमारे पास किराए के मकान में रहने के लिए पैसे नही है। पैसे होते तो ऐसी स्थिति में रहना किसको अच्छा लगेगा।"
यहां की एक और रहवासी सरोज ने बताया की इस बक्त भारी बारिश के कारण उनका पूरा परिवार परेशान है। वह अपने बेटे के साथ यहां रहती है। उन्होंने कहा, "बारिश के कारण घर के कपड़े बिस्तर सब गीले हो चुके है। झुग्गी की छत से पानी टपक रहा है। तिरपाल पुरानी होने के कारण पानी जगह-जगह से टपक रहा है। रात में अंधेरे में रह रहे है, क्योंकि बिजली नहीं है।
अन्नू नगर रहवासी नजब खां ने बताया कि हम सभी परिवार यहां पिछले 30 सालों से रह रहें हैं। लेकिन अब सभी के नाम वोटर लिस्ट से काट दिए गए। पिछले लोकसभा चुनाव 2024 और पिछले विधानसभा चुनाव में हम वोट नहीं कर सके। उन्होंने कहा, "पहले तो प्रशासन ने हमें बेघर किया बाद में हमारा वोट डालने का अधिकार भी हमसे छीन लिया गया। मुझे 178 नम्बर का टोकन दिया गया है, मेरे परिवार में छह सदस्य है, दो साल हो चुका है, कोई सुनने वाला नहीं आया, घर बनाने को थोड़ी सी ही जगह मिल जाए तब भी ठीक है"
गैस पीड़ितों की समस्याओं पर काम कर रहीं भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एंड एक्शन की संचालक रचना ढिंगरा ने बताया कि अन्नूनगर, श्रीराम नगर गैस और पानी पीड़ित रहवासियों की बस्ती है। यहां गरीब मजदूर लोग बड़ी मुश्किलों में रह रहे हैं। रचना ने कहा, "अन्नूनगर बस्ती में 19 महीने पहले बुलडोजर चलाकर बेघर किए गए परिवारों को आज तक विस्थापित नहीं किया गया। उन्हें टोकन दिए गए लेकिन जमीन नहीं मिली, हम भोपाल कलेक्टर से भी मिले उन्होंने कहा, था कुछ लोगों को जगह देंगे और कुछ लोगों पीएम आवास के अंतर्गत मकान की व्यवस्था कर देंगे लेकिन अबतक कुछ नहीं हो पाया।"
गैस पीड़ित संगठनों ने इसी साल मार्च ही कलेक्टोरेट पहुंचकर। 153 परिवारों को विस्थापित किए जाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया था। जिसपर कलेक्टर ने गैस पीड़ितों की समस्याओं का निराकरण करने की बात कही थी। कलेक्टर को 153 पीड़ित परिवारों की सूची भी सौंपी गई थी। भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने पीड़ितों को आश्वासन दिया था कि इन्हें पीएम आवास एवं अन्य जगह पर विस्थापित कर दिया जाएगा, लेकिन अब तक एक भी परिवार को जगह नहीं मिल पाई है।
इस संबंध में प्रशासन का पक्ष जानने के लिए द मूकनायक ने भोपाल कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह से बातचीत की उन्होंने कहा, "इन परिवारों को इस बार प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान देकर शिफ्ट करा देंगे।"
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