दिल्ली में क्यों नहीं है ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड?

लोकसभा चुनाव 2024 में साउथ दिल्ली के प्रत्याशी रहे राजन सिंह ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेश कुमार से मुलाकात कर ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बनाने का प्रस्ताव रखा।
दिल्ली में क्यों नहीं है ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड?
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नई दिल्ली। जून में, जिस क्वीर प्राइड के जश्न को दुनिया भर में 'गर्व का महीना' नाम दिया गया है, उसमें शामिल होने वाले ट्रांसजेंडर समुदाय के कई सदस्य दिल्ली में समुदाय के मुद्दों पर दिए जाने वाले ध्यान की कमी पर निराशा व्यक्त कर रहे हैं। ट्रांसजेंडर्स अधिकारों और उनके कल्याण के लिए राज्यो में बोर्ड बनाए गए हैं। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु समेत 12 राज्यों में ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड बने हुए हैं। लेकिन दिल्ली में यह बोर्ड नहीं है।

बोर्ड का उद्देश्य ट्रांसजेंडर लोगों को आय सहायता, आवास, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है। इसको लेकर कई बार आवाज भी उठाई गई है।‌ लेकिन आगे चलकर सब ठंढे बस्ते में चला जाता है। अब ट्रांसपर्सन राजन ने ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड को लेकर प्रस्ताव दिया है। दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार से मिलकर उनको यह प्रस्ताव दिया कि, वह जल्द ही ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड बनाने के बारे में सोचें।

दिल्ली मुख्य सचिव को प्रस्ताव देने वाले राजन द मूकनायक को बताते हैं कि, "सभी राज्यों में कहा जाता है कि आपको हर राज्य में कल्याण बोर्ड बनाने हैं। लेकिन पता नहीं क्यों दिल्ली सरकार ने इस बोर्ड के प्रति अपना रवैया ढीला रखा हुआ है। उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड बने हुए हैं। राजधानी होकर भी यहां पर ट्रांसजेंडर के लिए बोर्ड नहीं है। इस प्रस्ताव के लिए बहुत पहले से बोला जा रहा है। लेकिन अभी तक यह पेंडिंग ही पड़ा हुआ है।"

"दिल्ली के प्रमुख शासन सचिव नरेश कुमार के पास में यह प्रस्ताव लेकर गया। उन्होंने बहुत अच्छे से मेरी सारी बात सुनी। उन्होंने हमें कहा कि वह इसके लिए कदम उठाएंगे। लेकिन कब तक यह बोर्ड बनेगा यह किसी को नहीं पता," राजन ने कहा।

कल्याण बोर्ड को लेकर हमेशा होता है टालमटोल

ट्रांसजेंडर्स अधिकारों के लिए काम करने वाली जैन कौशिक द मूकनायक से बताती है कि, ट्रांसजेंडर्स के बारे में पता नहीं क्यों नहीं सोचा जाता। कोई ज्यादा बात ही नहीं करना चाहता। ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड एक तरह से सलाहकार समिति होती है। जो ट्रांसजेंडर के कल्याण योजना आदि बताने में मदद करती है। अगर कोई शिकायत भी हो, तो भी आप यहां पर कर सकते हैं। इसमें हमारी समस्या समझने के लिए लोग यहां पर होंगे। जो हमें सुनेंगे। वो लोग हमें अच्छे सुझाव दे सकेंगे। दिल्ली में यह समस्या है, कि सब एक दूसरे के ऊपर टालते हैं, कि आप उनके पास जाइए। उनकी परमिशन लीजिए और भी बहुत कुछ कहा जाता है। इसलिए अभी तक यहां ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड नहीं बना।

प्रस्ताव में ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड के कार्य बताए गए जो निम्नलिखित है:

1. उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 (अधिकारों का संरक्षण) नियमावली, 2020 के कार्यान्वयन निगरानी करना।

2. सरकारी स्कीम में टीजी व्यक्तियों का कल्याण सुनिश्चित करना।

3. ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को स्वास्थ्य, आवास, शिक्षा, कौशल, कानून और सभी आवश्यक सेवाओं तक बहुत सुनिश्चित करना।

4. घर कार्यस्थल और सार्वजनिक स्थानों पर ट्रांसजेंडर्स व्यक्तियों के साथ भेदभाव ना हो, यह भी सुनिश्चित करना।

5. विकल्प के रूप ट्रांसजेंडर का समावेशन सुनिश्चित करना, जिसमें किसी भी सरकारी विभाग द्वारा लिंक संबंधी जानकारी एकत्रित की जाती है।

6. राज्य सरकार के जिला अधिकारियों द्वारा ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र जारी करने वाली संबंधी निगरानी करना।

7. यह निगरानी करना कि जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी ट्रांसजेंडर पहचान पत्र को, विभिन्न सरकारी स्कीमों के लिए एक वैध दस्तावेज के रूप में माना जाता हो।

8. उभयलिंगी व्यक्ति अधिकारों का संरक्षण नियमावली 2020 के नियम 9 के संदर्भ में जिला अधिकारी द्वारा ट्रांसजेंडर पहचान आवेदनों को खारिज कर दिए जाने की स्थिति में सभी जिलों में अधिसूचना द्वारा अपीलीए प्राधिकारी को नामित करना।

9. ट्रांसजेंडर समुदाय के बचाव संरक्षण पुनर्वास कल्याण और मुख्य धारा में लाने के लिए राज्य स्तरीय नीति का निर्माण करना।

10. ट्रांसजेंडर कल्याण के लिए राज्यों, संघ राज्य क्षेत्र में कार्यवंती की जा रही स्कीमों की निगरानी करना।

11. सदस्य सचिव ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की वार्षिक बैठक आयोजित करने, बैठक के कार्यवृत्त को जारी करने और उसका रिकॉर्ड रखने तथा बैठकों में लिए गए निर्णय को समय पर सचिव सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को अग्रेषित करने संबंधी कार्य करना।

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