ट्रांसजेंडर अब हर जगह पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं लेकिन किसी न किसी वजह से उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कुछ महीनों पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाली पहली महिला ट्रांसजेंडर प्लेयर बनी डेनियल मेकगेहि अब किसी अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट मैच में भाग नहीं ले सकेंगी। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद आईसीसी ने मंगलवार को कुछ नीतिगत फैसले लिए। जिसमें ट्रांसजेंडर प्लेयर्स पर अंतरराष्ट्रीय वूमेंस क्रिकेट में भाग लेने पर प्रतिबंध का फैसला अहम रहा। आईसीसी ने उन क्रिकेटरों को अंतरराष्ट्रीय महिलाओं के खेल में प्रतिस्पर्धा करने से रोक दिया जो मेल प्यूबर्टी ( पुरुष में किशोरावस्था में होने वाला शारीरिक/लैंगिक बदलाव) हासिल कर चुके हैं। इसमें सर्जरी या लिंग परिवर्तन के मामले भी शामिल है।
आईसीसी ने कहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए यह निर्णय ले रहा है। आईसीसी ने जारी बयान का में कहा कि, "नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों पर आधारित है। महिलाओं के खेल के अखंडता, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला बनने वाले प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार की मेल प्यूबर्टी से गुजर चुके हैं। वह सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतरराष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।" लिंग परिवर्तन और उपचार वर्षों से विश्व एथलेटिक्स में बहस का विवादित विषय रहा है। आईसीसी ने अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लिंग पात्रता नियमों को मजबूत करते हुए घरेलू स्तर पर इस मुद्दे को सदस्य बोर्डो के हाथों में छोड़ दिया।
मैकगैही का जन्म 1994 में ऑस्ट्रेलिया में हुआ था। वह फरवरी, 2020 में ऑस्ट्रेलिया से कनाडा चली गईं। नवंबर 2020 में उन्होंने पुरुष से महिला बनने के लिए ऑपरेशन करवाया था। मई 2021 में उनका ट्रांजिशन शुरू हुआ। उल्लेखनीय है कि एथलेटिक्स, साइकिलिंग, तैराकी और दोनों जैसे खेलों के बावजूद रग्बी की संहिता में ट्रांसजेंडर महिलाओं को प्रमुख प्रतियोगिताओं में भाग लेने से प्रतिबंधित करने के बाद, मैकगेही को तब क्रिकेट खेलने के लिए योग्य माना गया था। इसके बाद उन्होंने घरेलू महिला क्रिकेट में तेजी से अपनी छाप छोड़ी। महिला टी-20 राष्ट्रीय चैम्पियनशिप 2023 में 3 पारियों में 237 रन बनाकर वह टॉप रन-स्कोरर बन गईं। इस दौरान उनके बल्ले से टूर्नामेंट का एकमात्र शतक भी निकला था। इसके साथ उन्होंने अपना नाम इतिहास में दर्ज कर लिया था। मेकगेही ने कनाडा की ओर से 6 T20 इंटरनेशनल मैच खेले। और इस दौरान 19.66 के एवरेज और 95.93 की स्ट्राइक रेट से कुल 118 रन बनाए।
आईसीसी ने बताया कि यह समीक्षा चिकित्सा सलाहकार समिति के नेतृत्व में ली गई है। आईसीसी ने कहा यह फैसला डॉक्टर पीटर हर कोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति के नेतृत्व में की गई समीक्षा पर आधारित है। यह पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैगिक पात्रता से संबंधित है। घरेलू स्तर पर लैगिक पात्रता के मामले में प्रत्येक सदस्य बोर्ड का अपना कानून होगा। इस नियम की 2 साल के अंदर समीक्षा की जाएगी। आईसीसी के मुख्य कार्यकारी जब जो एड्रेस ने कहा कि संस्था व्यापक विचार विमर्श के बाद इस नतीजे पर पहुंची है। उन्होंने कहा लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के बाद हुआ है। यह विज्ञान पर आधारित होने के साथ-साथ समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप है।
मीडिया रिपोर्ट के डेनिएल मैकगेही ने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा,"आज सुबह आईसीसी के फैसले के बाद, बहुत भारी मन से मुझे कहना पड़ रहा है कि मेरा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर खत्म हो गया है। जितनी जल्दी यह शुरू हुआ, अब इसे खत्म होना चाहिए।" आईसीसी ने नया नियम महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन को बनाए रखने को लेकर उठाया है। हालांकि उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद भी समावेशिता की लड़ाई जारी रहेगी।
इस मुद्दे पर घरेलू क्रिकेट को लेकर क्या फैसला लेना है। यह आईसीसी ने विभिन्न बोर्ड पर छोड़ दिया है। आईसीसी का कहना है कि डॉमेस्टिक लेवल पर बोर्ड अपने हिसाब से फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है लेकिन लगता नहीं है कि कोई बोर्ड आईसीसी की उलट घरेलू क्रिकेट में अपना नियम बनाएगी. अब यदि बोर्ड ट्रांसजेंडर को खेलने का मौका भी दे दे तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनको मौका मिल पाना काफी मुश्किल लग रहा है।
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