कोलकाता: बेड़ियों में जकड़े ट्रांसयुवक का एनजीओ ने किया रेस्क्यू, परिवार पर कैद करने का आरोप

पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में एक 19 वर्षीय ट्रांस व्यक्ति को परिवार ने लोहे की जंजीरों में बांध कर कैद कर लिया और उसे भूखा रखा। कोलकाता स्थित एक गैर सरकारी संगठन सप्हो फॉर इक्वलिटी ने उन्हें बचाया।
सांकेतिक फोटो
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कोलकाता. पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में 19 वर्षीय युवक की थर्ड जेंडर पहचान उजागर होने पर परिवार के लोगों ने उसे लोहे की बेड़ियों में जकड़ घर में कैद कर दिया। कोलकाता के एनजीओ सप्हो फॉर इक्वलिटी ने युवक का रेस्क्यू किया। अब, रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व कर रही कोयेल घोष को पीड़ित के परिवार से हत्या और बलात्कार की धमकियों का सामना करना पड़ रहा है।

द मूकनायक ने संगठन सप्हो फॉर इक्वलिटी के कोयेल घोष से बात की। घोष ने मामले का खुलासा करते हुए कहा-"एक ट्रांस युवक को एक महिला के साथ रिश्ते में होने के लिए परिवार से भेदभाव और हिंसा का सामना करना पड़ा।

स्थिति ने तब विकट मोड़ ले लिया जब परिवार ने हिंसा के साथ जवाब दिया, व्यक्ति को शारीरिक और भावनात्मक शोषण किया। वहीं युवक को 10 जनवरी से लोहे की जंजीरों से कैद कर दिया।

कार्यकर्ता ने खुलासा किया, "पीड़ित व्यक्ति और उनके साथी ने सोशल मीडिया के माध्यम से हमारे संगठन सप्हो फॉर इक्वलिटी से संपर्क किया और कहा कि वे उस माहौल में एक और दिन जीवित नहीं रह पाएंगे। गत 13 जनवरी को संगठन ने एक त्वरित कार्रवाई की। संबंधित व्यक्तियों और चकदाह पुलिस के सहयोगात्मक प्रयासों से बचाव अभियान चलाया जा रहा है।

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