नई दिल्ली- नए साल में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से एक अच्छी खबर आई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डीटीसी और क्लस्टर बसों में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बस यात्रा मुफ्त किये जाने की घोषणा की है। अरविंद केजरीवाल द्वारा एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में उन्होंने कहा, “ट्रांसजेंडर व्यक्ति को हमेशा नजरअंदाज किया गया है और किसी भी सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को दिल्ली में बसों में मुफ्त यात्रा मिलेगी। जिस तरह महिलाओं से बस यात्रा के लिए शुल्क नहीं लिया जाता है, उसी तरह ट्रांसजेंडर समुदाय को भी दिल्ली में मुफ्त बस यात्रा प्रदान की जाएगी।
अगले कुछ दिनों के अंदर प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। एक बार जब कैबिनेट का फैसला नोटिफाई हो जाएगा। ये सुविधा जल्द से जल्द चालू हो जाएगी। केजरीवाल ने कहा कि अगले सफ्ताह तक इसको लागू किया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "अक्टूबर 2019 में महिलाओं के लिए हमने फ्री सफर का एलान किया था। ये महिलाओं में बेहद पॉपुलर हुआ। लगभग 14 लाख महिलाएं दिल्ली की बसों में रोज फ्री ट्रैवेल करती हैं। मेरी कई महिलाओं से बात हुई है। अलग-अलग तरीके से इसका बेनिफिट हुआ है। अक्टूबर 2019 से लेकर आज तक 147 करोड़ फ्री टिकटें महिलाओं को दी जा चुकी हैं। अब इसमें किन्नर समाज के लोगों को भी जोड़ दिया गया है. उन्हें भी इस व्यवस्था का फायदा मिलेगा।"
द मूकनायक ने इस मुद्दे पर रितुश्री से बात की। रितु भारत की पहली ट्रांसजेंडर महिला स्टैंड अप कॉमेडियन है। उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष किया है। रितु बताती है कि "चाहे बस हो, ट्रेन हो या कोई भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट हो वहां पर भेदभाव होता ही है। चाहे बस ट्रेन आदि में लोग भले ही सीधे से मना नहीं करें। लेकिन उनके देखने का तरीका ही बता देता है कि वह लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं। ऐसा लगता है कि हम दूसरे ग्रहों से आए हैं। और दूसरी बात यह है कि ट्रांसजेंडर के अंदर भी बहुत सारी कैटेगरी आती है। तो उनको भी सरकार को साफ तौर पर बताना चाहिए"।
आगे रितु कहती हैं कि "यह सरकार का बहुत ही अच्छा कदम है। इससे ट्रांसजेंडर कम्युनिटी को बहुत फायदा होगा। लेकिन आपको उन लोगों को भी सीखना होगा जो इस ट्रांसपोर्ट के जरिए जुड़े होंगे जैसे बस ड्राइवर, कंडक्टर या दूसरे लोग, जो ट्रांसपोर्ट का हिस्सा है। उनको बताना होगा कि ट्रांसजेंडर के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। ट्रांसजेंडर यात्री को वैसे ही समझना चाहिए जैसा कि वह किसी स्त्री और पुरुष यात्री को समझते हैं। उनको इस चीज की भी ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। साथ ही ट्रांसजेंडर के लिए नौकरियां की भी व्यवस्था करनी चाहिए। चाहे वह बस ड्राइवर की हो या फिर बस कंडक्टर की। या किसी भी जगह पर हो। जिससे वह अपनी जिंदगी अच्छे से और इज्जत के साथ जी सके"।
द मूकनायक ने सुप्रीम कोर्ट में अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रही ट्रांस टीचर जेन कौशिक से भी बात की। वह कहती हैं कि "ट्रांसजेंडर एक ऐसी कम्युनिटी है जिसको समाज में सबसे अंत में अधिकार मिलने शुरू हुए हैं। यह बहुत अच्छा कदम है। आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे लोगों के लिए यह बहुत राहत की खबर है. वह लोग भी मुफ्त में आया-जाया करेंगे। इससे फायदा तो होगा, लेकिन इतने से कुछ नहीं होने वाला। अभी बहुत कुछ करना है। ट्रांसजेंडर हर स्थान जैसे शिक्षा, रोजगार आदि में भी अपना हक लेना पड़ेगा। तब जाकर परिस्थितियों में बदलाव आएगा"
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