जयपुर। राजस्थान राज्य के इतिहास में पहली बार किसी ट्रांसजेंडर को जन्म प्रमाण पत्र यानी की बर्थ सर्टिफिकेट दिया गया है। जयपुर नगर निगम ग्रेटर ने पहली बार किसी ट्रांसजेंडर का बर्थ सर्टिफिकेट जारी किया है। आर्थिक और सांख्यिकी विभाग के अधिकारियों ने ट्रांसजेंडर नूर शेखावत को जैसे ही जन्म प्रमाण पत्र सौंपा तो वह खुशी से झूम उठी। नूर ने लोगों से अपील की है कि हमारा (टांसजेंडर) मजाक नहीं बनाएं।
दरअसल, जयपुर की रहने वाली ट्रांसजेंडर नूर शेखावत को लंबे संघर्ष के बाद बर्थ सर्टिफिकेट मिला है। नूर कहती हैं कि समाज में थर्ड जेंडर समुदाय को सभी भूल जाते है, जबकि इस समुदाय में भी उतने ही अधिकार दिए जाने चाहिए, जितने बाकियों को मिलते है। नूर का कहना है कि मैं समाज से अपील करती हूं कि ट्रांसजेंडर का मजाक न उड़ाकर उन्हें समाज में सिर उठाकर जीने की आजादी दें। जन्म के समय आदित्य प्रताप सिंह के नाम से बने बर्थ सर्टिफिकेट में चेंज होने के बाद जन्मप्रमाण पत्र में ट्रांसजेंडर नूर शेखावत हो गया है।
सरकार ट्रांसजेंडर को उनकी नई पहचान के साथ समाज की मुख्य भूमिका में उतारने पर काम कर रही है। चुनाव में मताधिकार का प्रयोग करने के लिए वोटर लिस्ट में ट्रांसजेंडर का नाम जोड़ने का काम चल रहा है। इसके साथ ही अब गाड़ियां चलाने और लाइसेंस बनाने जैसी प्रक्रिया के साथ जन्म प्रमाण पत्र बनाने में भी यह वर्ग आगे आ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बर्थ सर्टिफिकेट मिलने के बाद नूर ने बताया- 12वीं तक स्कूल में पढ़ाई की है। अब आगे की पढ़ाई करने के लिए कॉलेज की तरफ कदम रखा, लेकिन वहां माहौल ठीक नहीं था। क्योंकि स्कूल के समय में साथ पढ़ने वाले स्टूडेंट ट्रांसजेंडर होने पर ताने मारते, लेकिन उस समय हार नहीं मानी। स्कूल नहीं छोड़ा, संघर्ष करती रही।
नूर को ये सर्टिफिकेट गत बुधवार को योजना भवन में सुपुर्द किया गया। इस दौरान योजना भवन और नगर निगम की टीम को धन्यवाद देते हुए नूर शेखावत ने कहा कि उन्हें पूरा कोऑपरेट किया गया. कुछ जानकारी उनसे मिली और उनकी कम्युनिटी से जुड़ी कुछ जानकारी उन्होंने निगम की टीम को दी। आगे यही आशा है कि जिस तरह उन्हें कोऑपरेट किया, उनकी कम्युनिटी के दूसरे लोगों को भी इसी तरह से कोऑपरेट करेंगे। उन्होंने बताया कि उनकी कम्युनिटी को हर जगह डिस्क्रिमिनेशन फेस करना पड़ता है।
लोग उनकी बात को समझेंगे या नहीं, उनके मुद्दे को कैसे रखा जाएगा? ये सोचकर ट्रांसजेंडर आगे नहीं आते, लेकिन आज एक पहल हुई है। आशा यही है कि इस पहल को आगे तक लेकर जाएं। उन्होंने बताया कि 12वीं तक पढ़ाई की है, और अब वो अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाते हुए कॉलेज में दाखिला लेना चाहती हैं। यही नहीं पासपोर्ट के लिए भी आवेदन कर सकेंगी। साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस भी बनने शुरू हो गए हैं। वहीं पहली मर्तबा बर्थ सर्टिफिकेट भी तैयार हुआ है, जो ट्रांसजेंडर को अपनी पहचान स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगा।
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