भोपाल। कोलकाता में हाल ही में हुई एक दुखद घटना, जिसमें एक ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की गई, ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इस दिशा में जल्द ही ठोस कदम उठाने के लिए कहा गया है ताकि चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया जा सके।
संचालक, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा ने प्रदेश के 17 सरकारी मेडिकल कॉलेजों और उनसे संबद्ध अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे एक सप्ताह के भीतर सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं। इन नए निर्देशों के तहत अस्पताल और कॉलेज परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था के सुधार के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। इनमें से प्रमुख हैं:
1. ब्लैक स्पॉट्स की पहचान और रोशनी की व्यवस्था: अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में ब्लैक स्पॉट्स, यानी वे स्थान जहां दुर्घटनाएं या अपराध हो सकते हैं, उन्हें चिह्नित कर वहां उचित रोशनी की व्यवस्था की जाएगी।
2. रात्रिकालीन गश्त: सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कॉलेजों और अस्पतालों के डीन और अधीक्षक रात्रि में नियमित गश्त करेंगे। इसके साथ ही अन्य अधिकारियों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी ताकि परिसर में सुरक्षा बनी रहे।
3. सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षाकर्मी: अतिसंवेदनशील क्षेत्रों, जैसे पार्किंग, बेसमेंट, छत, सीढ़ियों और कम आवाजाही वाले स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही, सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी और उनकी तैनाती में भी सुधार किया जाएगा।
नई गाइडलाइन के अनुसार, सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के प्रवेश और निकास द्वारों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी। असामाजिक तत्वों को परिसर में प्रवेश से पहले ही रोककर उनसे पूछताछ की जाएगी। मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी विशेष इंतजाम किए जाएंगे।
स्थानीय पुलिस प्रशासन भी अस्पताल परिसरों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहेगा और नियमित पेट्रोलिंग करेगा। जिन अस्पताल परिसरों में पुलिस चौकी मौजूद है, वे भी परिसर की सुरक्षा के लिए सक्रिय रूप से कार्य करेंगे।
गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के हमीदिया अस्पताल में मरीजों के परिजनों को पिंक कार्ड जारी किए जाएंगे, जिससे केवल एक परिजन ही मरीज के साथ रह सकेगा। शाम 6 बजे के बाद अस्पतालों में अनावश्यक व्यक्तियों का प्रवेश बंद किया जाएगा। वहीं, जीएमसी के सभी स्टूडेंट्स को आईकार्ड के साथ सीटी रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि संकट की स्थिति में वे सीटी बजाकर मदद मांग सकें। इसके अतिरिक्त, तीन क्विक रिस्पांस टीम भी बनाई गई हैं, जो किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान करेंगी।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने भी इस मामले में गंभीरता दिखाई है। जबलपुर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता जताई। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा की बेंच ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा पर हमारा ध्यान है, और हम इस दिशा में उचित कदम उठा रहे हैं। कोर्ट ने डॉक्टरों द्वारा हड़ताल वापस लेने के फैसले की भी सराहना की और कहा कि सुरक्षा को लेकर उनकी चिंताएं पूरी तरह जायज हैं।
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