कानपुर, उत्तर प्रदेश - भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की 'स्माइल' योजना ट्रांसजेंडर समुदाय के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए तैयार है। इस योजना के तहत, ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पहचान पत्र, प्रमाण पत्र, और विभिन्न कल्याणकारी उपायों का लाभ मिलेगा।
कानपुर में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में ट्रान्सजेण्डर समुदाय के मुद्दे/समस्याओं के निस्तारण हेतु जनपद स्तरीय समिति की बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक मे जिलाधिकारी ने ट्रान्सजेण्डर समुदाय के मुद्दे/समस्याओं के निस्तारण से सम्बन्धित उपस्थित सदस्यों को निर्देशित करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर एक व्यापक योजना बनाई है जिसका नाम है “स्माइल - आजीविका और उद्यम के लिए हाशिए पर पड़े व्यक्तियों के लिए सहायता”।
ट्रांसजेण्डर व्यक्तियों के कल्याण के लिए व्यापक पुनर्वास हेतु निम्नलिखित उपाय किये गये है:-
ट्रांसजेंडर पहचान पत्र और प्रमाण पत्र - ट्रांसजेंडर प्रमाण पत्र और पहचान पत्र- राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है तथा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र (https://transgender.dosje.gov.in) पर आवेदन करने की सुविधा प्रदान करता है। स्माइल योजना के तहत प्रदान किये जा रहे कल्याणकारी उपायों का लाभ उठाने के लिए प्रमाणपत्र एक अनिवार्य दस्तावेज है, जो ट्रांसजेण्डर व्यक्ति (संरक्षण का अधिकार) अधिनियम 2019 और ट्रांसजेंडर व्यक्ति (संरक्षण का अधिकार) अधिनियम 2020 का एक महत्वपूर्ण प्रावधान है।
छात्रवृत्ति चार छात्रवृत्ति श्रेणियां उपलब्ध हैं-
माध्यमिक विद्यालय (9वीं और 10वीं) के ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए छात्रवृत्ति।
वरिष्ठ माध्यमिक (11वीं और 12वीं) शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति।
छात्रों के लिए छात्रवृत्ति (स्नातकध्डिप्लोमा)।
छात्रों के लिए छात्रवृत्ति (स्नातकोत्तर)।
अन्य कल्याणकारी उपाय
(क) ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए संवेदनशीलता और जागरूकता सृजन कल्याण
(ख) ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए बचाव वाहन
(ग)ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय परिषद (एनसीटीपी)
कौशल प्रशिक्षण कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम दो प्रकार के होंगे-
अल्पावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम (200 घंटे से 600 घंटे और 6 महीने तक)।
दीर्घकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम (5 महीने और उससे अधिक और आमतौर पर 1 वर्ष तक)
(1000 घंटे तक)
समग्र चिकित्सा
योजना का उद्देश्य भारत में रहने वाले सभी ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सेक्स री-असाइनमेंट सर्जरी के साथ-साथ चिकित्सा सहायता सहित उचित उपचार के माध्यम से उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार करने के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करना है। यह योजना उन सभी ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को कवर करेगी जो अन्य केंद्र/राज्य प्रायोजित योजनाओं से ऐसे लाभ प्राप्त नहीं कर रहे हैं।
गरिमा गृहों के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय पोर्टल पर उन्हें प्रदान किए गए उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड का उपयोग करके लॉगिन करने के लिए एक ऑनलाइन निगरानी प्रणाली बनाई गई है। इस प्रणाली का उपयोग ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आश्रय घरों में आयोजित की जा रही गतिविधियों, लाभार्थियों, कर्मचारियों के विवरण और अन्य कार्यक्रमों को ट्रैक करने के लिए किया जाता है।
गरिमा गृह का मुख्य उद्देश्य निराश्रित और परित्यक्त ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को आश्रय, भोजन, चिकित्सा देखभाल और मनोरंजन सुविधाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं के साथ आश्रय प्रदान करना है। इसके अलावा, यह ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के क्षमता निर्माण और कौशल विकास के लिए सहायता प्रदान करेगा।
आश्रय गृह में आवास और भोजन, कपड़े, मनोरंजन, चिकित्सा और परामर्श की सुविधाएं सुनिश्चित करना।
गरिमा गृह में बुनियादी ढांचे, जनशक्ति सेवाओं के मामले में एकरूपता बनाए रखना।
ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें अत्याचारों से बचाना।
सभी ट्रांसजेंडर व्यक्तियों द्वारा पालन किए जाने योग्य समान नियमों और विनियमों को अपनाकर गरिमा गृह में सौहार्दपूर्ण वातावरण की व्यापकता की पुष्टि करना।
कौशल-विकास और कौशल-उन्नयन कार्यक्रमों के माध्यम से एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को सशक्त बनाना।
वर्तमान में देश में 12 गरिमा गृह हैं, जिनका विवरण आवश्यकता पड़ने पर प्रदान किया जाता है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का लक्ष्य ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के कल्याण के लिए हर राज्य में एक ऐसा आश्रय गृह बनाना है।
मान्यता और प्रशंसा
पोर्टल ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए ऑनलाइन कौशल प्रशिक्षण और रोजगार के अवसरों को प्रोत्साहित करता है और उन आवेदकों को मान्यता प्रदान करता है जिन्होंने SWAYAM पोर्टल से पाठ्यक्रम किया है।
जिलाधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि ट्रान्सजेण्डर व्यक्तियों के पहचान प्रमाण पत्र जारी करने के लिए उन्हें प्रपत्र 1 के अनुसार (https://transgender.dosje.gov.in) पर ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करना होगा तथा जिला मजिस्ट्रेट चिकित्सा जाॅच प्रपत्र 2 में किसी व्यक्ति की लिंग पहचान की घोषणा करने के आधार पर प्रस्तुत शपथ पत्र, जो बिना किसी चिकित्सा जाॅच के प्रस्तुत किया जायगा। आवेदक, आवेदन करने की तारीख से जिला मजिस्ट्रेट के क्षेत्राधिकार के अंदर आने वाले क्षेत्र का निवासी होना चाहिए।
जिला समाज कल्याण अधिकारी शिल्पी सिंह द्वारा बैठक में उपस्थित सदस्यों को अवगत कराया कि जनपद में 33 टी0जी0 कार्ड बने है तथा ’’ट्रान्सजेन्डर सुरक्षा प्रकोष्ठ’’ गठित कर दिया गया है, किन्तु कानपुर नगर में एक भी गरिमा गृह नहीं है। जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि जनपद कानपुर नगर में गरिमा गृह के लिए भूमि चिन्हित करते हुए प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जाये।
बैठक में उपस्थित ट्रान्सजेण्डर समूदाय के सदस्य अनुज पाण्डेय( अध्यक्ष) कानपुर क्वीर वेलफेयर फाउन्डेशन द्वारा अवगत कराया गया कि ट्रान्सजेण्डर समूदाय में टी0जी0 कार्ड बनवाने को लेकर कई तरह की भ्रांतियाॅ व्याप्त है, जिससे उभयलिंगी व्यक्ति अपना टी0जी0 कार्ड नहीं बनवाना चाहते।
जिलाधिकारी द्वारा बैठक में उपस्थित सदस्यों अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, मनोरोग विशेषज्ञ, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, कार्यालय पुलिस उपायुक्त, मुख्यालय कानपुर नगर के स्तर से जनपद स्तर पर गठित ट्रान्सजेण्डर सुरक्षा प्रकोष्ठ के सदस्यों एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी के साथ टीम बनाकर ट्रांसजेण्डर समूदाय के कल्याणार्थ कार्य करने वाली कार्यदायी संस्था के सहयोग से अधिक से अधिक टी0जी0 कार्ड बनवाने के लिए उभयलिंगी व्यक्तियों को जागरूक करते हुए टी0जी0 कार्ड बनवाना सुनिश्चित करें तथा कृत कार्यवाही से सम्बन्धित बैठक प्रत्येक माह आयोजित करते हुए प्रगति से अवगत कराया जाये।
बैठक में स्वप्निल वरूण मा0 अध्यक्ष, जिला पंचायत, नगर, पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट के प्रतिनिधि, डा0 चिरंजीव प्रसाद, मनोरोग विशेषज्ञ, जिला समाज कल्याण अधिकारी शिल्पी सिंह समेत गठित समिति के अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी एवं समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी उपस्थित रहे।
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