फॉलोअपः लखनऊ में सीवर सफाई के दौरान पिता-पुत्र की मौत का आरोपी ठेकेदार गिरफ्तार

यूपी में सीवर में सफाई के दौरान लापरवाही बरतने वाली संस्थाओ पर होगा मुकदमा.
हादसे के दौरान बचाव कार्य करते राहतकर्मी। (फाइल फोटो)
हादसे के दौरान बचाव कार्य करते राहतकर्मी। (फाइल फोटो)The Mooknayak
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के वजीरगंज में सीवर की सफाई के दौरान पिता-पुत्र की मौत के बाद आखिरकार प्रशासन की नींद टूट गई। सीवर सफाई के दौरान सफाईकर्मियों की सहित आलमबाग में सीवर में गिरने से प्लंबर की मौत के बाद इस सिलसिले को तोड़ने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा मानक का सख्ती से पालन करने के आदेश जारी किये हैं। यदि सुरक्षा उपकरण के बिना अगर काम होता है तो संबंधित फॅर्म के अलावा विभागीय इंजीनियरों पर भी कार्रवाई होगी।

वहीं वजीरगंज में पिता पुत्र की मौत के मामले में पुलिस ने आरोपी ठेकेदार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं कार्र्यदायी संस्था की तरफ से पीड़ित परिवार को 30-30 लाख के दो चेक दिए हैं। पीड़ित परिवार का कहना है, कम्पनी के द्वारा आर्थिक सहायता के लिए चेक दिया गया है। परिजनों के मुताबिक़ पैसा तीन दिन में खाते में आ जायेगा।

दरअसल,मजदूर दिवस पर मंगलवार को रेजीडेंसी के सामने नई सीवर लाइन में सफाई के दौरान जहरीली गैस के चलते दो मजदूरों की मौत हो गई थी। मरने वाले पिता-पुत्र सीतापुर के रहने वाले थे। सीवर लाइन बिछाने वाले ठेकेदार ने बिना सुरक्षा उपकरणों के ही मजदूरोंं को सफाई के लिए उतार दिया था। जल निगम प्रशासन ने ठेकेदार के खिलाफ वजीरगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। मामले में दो इंजीनियर निलंबित कर दिए गए थे।

द मूकनायक की ग्राउंड रिपोर्ट में जानकारी मिली थी कि जल निगम ने रेजीडेंसी के सामने वाली रोड पर करीब तीन साल पहले सीवर लाइन बिछाई थी। यह अभी चालू नहीं हुई थी। बीते मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे उसमें पड़ी मिट्टी की सफाई का काम ठेकेदार फर्म केके स्पन कंपनी करा रही थी। आस-पास के लोगों ने बताया कि सफाई के लिए तीन मजदूर आए थे। दो सीवर लाइन में उतरे और एक ऊपर ही रहा। जो मजदूर नीचे उतरे वह सीवर लाइन की जहरीली गैस से बेहोश होकर गिर गए। यह देख ऊपर वाले मजदूर ने चिल्लाना शुरू किया। जिसके बाद पास से ही कुछ वकील व अन्य लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस, फायर विभाग, नगर निगम, जलकल विभाग सहित एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची थी।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि करीब डेढ़ घंटे तक मजदूर चैंबर मेंं ही पड़े रहे थे। उनको निकालने के बाद एक को बलरामपुर अस्पताल और दूसरे को ट्रामा सेंटर ले जाया गया था। जहां पर डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया था। मरने वालों की पहचान सीतापुर के कमलापुर थाने के सरवर गांव के सोबरन यादव (55) और उसके पुत्र सुशील यादव (32) के रूप में हुई थी।

आलमबाग में सीवर में गिरने से हुई मौत

बीते 25 अप्रैल को लखनऊ के आलमबाग के प्रेमनगर में रहने वाले विशाल शर्मा (28) की गुप्ता मार्केट के पास खुदे सीवर लाइन के गड्ढे में गिरने से मौत हो गई थी। शाम करीब तीन बजे विशाल के परिजनों को उसके गड्ढे में गिरने की जानकारी मिली। परिजनों ने मौके पर जाकर देखा तो विशाल चोटिल अवस्था में गड्ढे के बाहर पडा हुआ था। उसका ठेकेदार व साथ काम करने वाले अन्य सहयोगी मौके से फरार थे।

लोगों की मदद परिजनों ने विशाल को इलाज के लिए नजदीकी लोकबंधु अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी नाजुक हालत देख चिकित्सकों ने इलाज के लिए ट्रामा सेण्टर भेज दिया । शुक्रवार इलाज के दौरान ट्रॉमा सेंटर में प्लम्बर विशाल की मौत हो गई विभाग की लापरवाही व मानकों के विपरीत चल रहे कार्य ने ली थी।

कार्य दायी संस्था के खिलाफ होगा मुकदमा

लगातार हुई मौतों के बाद प्रशासन ने नियमों को सख्ती से पालन करने के निर्देश जारी किये हैं। इसका पालन न करने पर कार्यदाई संस्था के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसमें सबसे पहले यह तय किया गया है कि सीवर और जल निगम की बाकी योजनाओं में वही मजदूर काम करेंगे जो श्रम विभाग में पंजीकृत होंगे। इसका लाभ मजदूरों को मिलेगा। अगर कोई हादसा होता है तो श्रम विभाग का बीमा और बाकी योजनाओं का लाभ भी मजदूरों को मिलेगा।

लखनऊ में सीवर सफाई के लिए सुरक्षा मानक सख्त कर दिया गया है। सुरक्षा उपकरण के बिना अगर काम होता है तो संबंधित फर्म के अलावा विभागीय इंजीनियरों पर भी कार्रवाई होगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो कार्यदायी संस्था के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

इसमें यह भी कहा गया है कि कार्यस्थल पर बोर्ड लगाकर सभी आकस्मिक सेवाओं के नंबर लिखे जाएंगे। इसमें फायर, चिकित्सा सेवा, अपर जिलाधिकारी, विभागीय इंजीनियर के नंबर बोर्ड पर होना अनिवार्य है।

इन बातों का भी रखना होगा ध्यान

  • सीवर लाइन बिछाने के साथ ही मैन होल का निर्माण होगा।

  • मानक के हिसाब से मैन होल की सफाई के दौरान ढक्कन खोले जाएंगे। इससे जहरील गैस निकल जाएगी।

  • मैन होल की सफाई से पहले उसमें आक्सीजन के स्तर की जांच होगी।

  • मौके पर प्राथमिक चिकित्सा किट रखना अनिवार्य कर दिया गया है।

  • बिजली संबंधित इंतजाम रहेंगे। अवैध बिजली कनेक्शन नहीं लिया जाएगा।

  • खुदाई के दौरान यातायात डायवर्जन करना जल निगम का काम होगा।

  • डेढ़ मीटर से अधिक गहराई की सीवर लाइन की खुदाई में टिंबरिंग पर ही खुदाई होगी।

  • हानिकारक गैस, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन की पुष्टि गैस डिटेक्टर से होगी।

  • सुरक्षा उपकरण जैसे-मास्क, ऑक्सीजन सिलेंडर, सेफ्टी बेल्ट, हुक, रस्सी के साथ श्रमिकों को मैन होल में उतारा जाएगा।

  • सफाई करने वाले मजदूर के रस्सी का एक सिरा बाहर खड़े मजदूर के हाथ में होगा।

हादसे के दौरान बचाव कार्य करते राहतकर्मी। (फाइल फोटो)
यूपीः सीवर में उतरे मजदूर पिता-पुत्र की मौत मामले में लापरवाही किसकी?-ग्राउंड रिपोर्ट

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