लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के चिनहट औद्योगिक क्षेत्र में कई कर्मचारियों को फैक्ट्री मालिक ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। सालों से फैक्ट्री में अपनी सेवा दे रहे कर्मचारी अपने वेतन, ओवरटाइम, छुट्टी के पैसे से सम्बंधित बात करने के इरादे से फैक्ट्री के पदाधिकारियों के पास गए थे। इससे नाराज DCI (Disinfecto Chemical Industries Private Limited) के उच्च अधिकारियों ने उन्हें नौकरी पर नहीं रखने का फरमान जारी कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, शहर के चिनहट-देवा रोड अपट्रॉन के पास पशुओं के लिए दवाई बनाने वाली, DCI की फैक्ट्री है। यहाँ कई सालों से सैकड़ों कर्मचारी अपनी सेवा दे रहे हैं। गत दिनों कुछ श्रमिकों ने वेतन और छुट्टी सम्बन्धी पैसे को लेकर अपने सीनियर से बातचीत की, आरोप है कि इसकी भनक लगते ही फैक्ट्री के एमडी करुणेश अग्रवाल ने धमकाने के साथ पीटने का प्रयास किया। गत बुधवार को जब पीड़ित कर्मचारी फैक्ट्री पहुंचे, जहां कंपनी पदाधिकारियों ने उन्हें नौकरी से निकाल दिए जाने की बात बताई, जिसको लेकर फैक्ट्री के कई कर्मचारी फैक्ट्री गेट के सामने एकत्र होकर फैक्ट्री एमडी और पदाधिकारियों पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन कर अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश का प्रयास किया, लेकिन कर्मचारियों ने पुलिस की एक न सुनी और मौके पर डटे रहे।
द मूकनायक से कर्मचारी शिवम यादव ने बताया कि गत 19 फरवरी को सर्वेश यादव और महेंद्र यादव दोनों कर्मचारियों ने वेतन, ओवरटाइम व छुट्टी में काम करने के मेहनताने की कंपनी पदाधिकारी से मांग की। साथ ही नियुक्ति पत्र देने व ईएसआई कार्ड बनवाने की मांग की। इन मांगों को रखने पर दोनों की पिटाई कर दी गई।
शिवम ने आरोप लगाया कि एक साल पहले संदीप वर्मा नाम के कर्मचारी की इसी तरह पिटाई की गई थी। तब हम लोगों ने कुछ नहीं बोला था, लेकिन इस बार हम सबने मिलकर इसका विरोध किया। इस पर चिनहट थाने की आप्ट्रान चौकी में प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों के खिलाफ एक झूठी शिकायत भी की गई। जिसमें कहा गया था कि संदीप और महेंद्र ने कंपनी पदाधिकारियों के साथ मारपीट की। इसके साथ ही प्रदर्शन करने वाले सभी कर्मचारियों और मजदूरों को निकाल देने की धमकी भी दी गई। विवाद को लेकर कर्मचारियों ने मजदूरों के लिए एक संस्था द्वारा जारी किए गए हेल्पलाइन नम्बर (इण्डिया लेबर लाइन) पर शिकायत की। हेल्पलाइन प्रतिनिधियों ने मामले की सूचना श्रम विभाग को दी। पुलिस और श्रम अधिकारी के आने पर आश्वासन दिया गया कि सभी को कर्मचारियों को उनका हक मिलेगा और सात कर्मचारियों को वार्ता के लिए कम्पनी के अंदर बुलाया गया। इधर, प्रदर्शन कर रही कर्मचारी अपने घरों को वापस लौट गए।
आज गुरुवार सुबह जब सातों कर्मचारी सर्वेश यादव, रमाकांत यादव, संतोष, चंचल, अमन क्रांति, रमाकांत शर्मा और मनोज यादव फैक्ट्री पहुंचे तो उन्हें कम्पनी के बाहर ही रोक दिया गया। वहीं सातों कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की सूचना दी गई। जब अन्य कर्मचारियों ने इसका विरोध किया तो सभी को नौकरी से निकाल देने की धमकी दी गई। इस पर एक बार फिर सभी कर्मचारियों ने फैक्ट्री गेट पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। घटना की जानकारी पर इण्डिया लेबर लाइन संस्था के गुरु प्रसाद व श्रम विभाग से लेबर इंस्पेक्टर पवन मौके पर पहुंचे। अन्य मजदूर संगठन के प्रतिनिधि भी मौके पर पहुंच गए। समाचार लिखे जाने तक फैक्ट्री प्रबंधन व मजदूरों के बीच वार्ता जारी थी।
इस मामले में डिप्टी लेबर कमिश्नर शमीम अख्तर ने बताया कि क्षेत्रीय लेबर इंस्पेक्टर को मौके पर भेजा गया है। कम्पनी के पदाधिकारियों के साथ बैठकर इस मामले पर बातचीत की जा रही है। वहीं इंडिया लेबर लाइन के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर गुरु प्रसाद ने बताया कि कर्मचारियों व फैक्ट्री प्रबंधन के बीच वार्ता जारी है, समझौते की कोशिश की जा रही है।
द मूकनायक ने कर्मचारियों के आरोपों को लेकर फैक्ट्री प्रबंधन का पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन कंपनी के अधिकारियों ने मीडिया को प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया।
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