उत्तर प्रदेशः 600 रुपए दिहाड़ी, पेंशन व स्वास्थ्य बीमे की मिले सुविधा-निर्माण श्रमिक

श्रम संगठनों का दो दिवसीय महापड़ाव, लखनऊ श्रम कार्यालय पर प्रदर्शन
मजदूरों ने श्रम कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया।
मजदूरों ने श्रम कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया। The Mooknayak
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लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में श्रम संगठनों के दो दिवसीय महापड़ाव के तहत दिहाड़ी मजदूर संगठन के लगभग 50 से अधिक पदाधिकारियों ने श्रम कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में राजधानी के विभिन्न लेबर अड्डों से आए श्रमिक शामिल हुए। मजदूरों ने दिहाड़ी 600 रुपए करने, नियमित पारिश्रमिक, पेंशन सहित आयुष्मान कार्ड जारी करने की मांग की।

दिहाड़ी मजदूर संगठन ने केंद्रीय श्रम संगठनों के महापड़ाव प्रदर्शन का समर्थन करते हुए उनकी आवाज को मजबूत किया है। प्रदर्शन में लखनऊ के अलग-अलग लेबर अड्डे से अड्डा कमेटी के 50 से अधिक पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रामनाथ मिस्त्री ने कहा कि संगठन के इस महापड़ाव के समर्थन में आने का मुख्य कारण प्रदेश में असंगठित मजदूरों की तमाम सारी समस्याएं हैं। इन मजदूरों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। निर्माण श्रमिकों की योजनाओं तक पहुंच नहीं हो पा रही है।

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रामनाथ मिस्त्री ने आगे बताया कि श्रमिकों के पंजीयन निरस्त किए जा रहे हैं। इसके साथ ही आधार सत्यापन के नाम पर लोगों को श्रम विभाग बुलाकर जबरन घण्टों बैठाया जा रहा है। इससे मजदूरों के पूरे दिन की दिहाड़ी छोड़कर श्रमिक अपने कार्ड के चक्कर में श्रम विभाग जाता है। संगठन के कार्यालय मंत्री पुनाराम साहू ने बताया कि दिहाड़ी मजदूर संगठन लगातार प्रदेश के सभी मजदूर अड्डों का चिन्हीकरण करके उनका स्थाईकरण करने की मांग कर रहा है। साथ ही सभी लेबर अड्डों पर मूलभूत सुविधाएं जैसे पानी छाया शौचालय आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

साहू ने आगे कहा कि श्रमिक शहर बनाते हैं। खुद उनके खड़े होने के लिए शहर में जगह नहीं है। पीने के लिए साफ पानी नहीं मिल पाता है, सिर छुपाने के लिए छांव नहीं मिल पाती है, यह श्रमिकों के लिए एक बड़ी समस्या है। दिहाड़ी मजदूर संगठन के उपाध्यक्ष चैतराम साहू ने बताया कि इस महापड़ाव में दिहाड़ी मजदूर संगठन असंगठित श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी प्रतिदिन 600 प्रतिदिन तय की जाए।

भवन निर्माण बोर्ड के तहत पंजीकृत श्रमिकों की पेंशन ₹3000 प्रति माह तय की जाए। उत्तर प्रदेश में घरेलू कामगार महिला श्रमिकों के लिए कानून बनाकर अलग से बोर्ड गठित किया जाए। बीओसीडब्लू व ईश्रम में पंजीकृत श्रमिकों को आयुष्मान कार्ड जारी किया जाए। साथ ही उत्तर प्रदेश में न्यूनतम मजदूरी सलाहकार बोर्ड का गठन किया जाए। इन सभी मांगों के साथ कार्यक्रम में दिहाड़ी मजदूर संगठन से बोध राम साहू, परिक्रमा दीन, पीला राम साहू,, दामिनी, संतोषी साहू, शारदा, सरिता, मुकेश व अखिलेश पाल सहित तमाम मजदूर मौजूद रहे।

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