उत्तर प्रदेश। मथुरा जिले के वृन्दावन में सीवर में उतरे तीन मजदूरों की जहरीली गैस से मौत होने का मामला सामने आया है। यह सभी मजदूर पेशे से इलेक्ट्रिशियन थे। इनमे से दो मजदूर सीवर में पानी खींचने वाली मोटर बनाने उतरे थे और जहरीली गैस की चपेट में आ गए। शुरुआत में सभी की करंट लगने से मौत होने का दावा किया जा रहा था। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सब स्पष्ट हो गया। आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को ताक पर रख बिना सुरक्षा उपकरण के मजदूरों को उतारा गया था। यदि सुरक्षा उपकरण होते, तो उनकी जान बच सकती थी।
दरअसल, मथुरा के वृंदावन में अमित गुप्ता बीकानेर वाला कंपनी के सभी रेस्तरां के सीवर मरम्मत का कार्य देखने वाली फरीदाबाद की कंपनी मैट्रोयड के सुपरवाइजर थे। कंपनी का यहां रेस्तरां बन रहा है। इसके चलते उन्हें यहां भेजा जाना सामने आया है। अमित गुप्ता के साले अमरनाथ ने बताया कि जीजा कंपनी में सुपरवाइजर के तौर पर कार्यरत थे। जानकारी के मुताबिक अमित खुद बिना सुरक्षा उपकर सीवर टैंक में उतरे और मजदूर श्याम को भी उन्होंने कोई सुरक्षा उपकरण नहीं दिए, जो कि सीवर टैंक में उतरते वक्त जरूरी हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की सख्त गाइडलाइन है कि किसी भी कर्मी को बिना सुरक्षा उपकरणों के सीवेज टैंक में सफाई या अन्य कार्य को न उतारा जाए।
हादसे के बाद प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से रेस्तरां संचालक के विषय में जानकारी जुटाई। पता लगा कि आगरा निवासी मनोज शर्मा को यह फ्रेंचाइजी मिली है। डीएम ने बताया कि इस हादसे को लेकर संचालक से प्रशासन की वार्ता हुई। उसने बताया कि अभी रेस्तरां ट्रायल मोड पर संचालित है। बीकानेर वाला कंपनी द्वारा सीवर कार्य के लिए अधिकृत मैट्रोएड फर्म के अमित गुप्ता सुपरवाइजर थे। इलेक्ट्रीशियन का काम एक अन्य व्यक्ति के पास है। मृतकों के परिजनों की हर संभव मदद की जाएगी। बीकानेर वाला रेस्तरां में बीते सप्ताह एक मजदूर की करंट लगने से मौत हुई थी। यह घटना किसी प्रकार से दब गई। परिवार वालों ने न तो शव का पोस्टमार्टम कराया और न ही पुलिस से कोई शिकायत की।
मात्र चार सौ की दिहाड़ी के लिए जान गवां बैठा श्याम
वृंदावन सीवर हादसे में जान गवांने वाला मजदूर श्याम गरीब परिवार से था। नौहझील के सल्ला गांव में उसका परिवार रहता है। वह अपनी पत्नी नीलम और तीन बच्चों के साथ बिरला मंदिर के पास मोहल्ले में किराए के मकान में रहता था। महज 400 रुपये की दिहाड़ी की खातिर श्याम मौत के सीवर में उतरकर अपनी जान गंवा बैठा। मृतक श्याम के भाई नीरज ने बताया कि उन्हें शाम चार बजे करीब अपने भाई की मौत की सूचना ग्राम प्रधान के माध्यम से मिली। प्रधान को पुलिस द्वारा सूचना दी गई थी। हादसे की सूचना मिलते ही श्याम की पत्नी नीलम बदहवास हो गई। 15 साल की बेटी पूनम की तबीयत बिगड़ गई।
डीएम-एसएसपी ने किया घटनास्थल का निरीक्षण, शासन को भेजी रिपोर्ट
मथुरा के वृंदावन में सीवर हादसे की सूचना पाते ही डीएम शैलेन्द्र कुमार सिंह और एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का मौका मुआयना किया। हादसे के कारणों का पता लगाया। रेस्तरां के कर्मचारियों से वार्ता की। इसके बाद हादसे की पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी।
डीएम ने शैलेन्द्र कुमार सिंह ने द मूकनायक को बताया, "हादसे के संबंध में रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी गई है। परिवार को आर्थिक मदद दिलाने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस हादसे में जो भी लोग जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई तय है।"
एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय के साथ मौके पर एसपी सिटी डाॅ. अरविंद कुमार, एएसपी/सीओ कुंवर आकाश सिंह, इंस्पेक्टर आनंद कुमार शाही, एसीएम वृंदावन राजकुमार भास्कर हादसे की जांच में लगे रहे। शवों को जैसे ही पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। एसीएम वृंदावन राजकुमार भास्कर तत्काल यहां भी पहुंचे। वृंदावन पुलिस से पंचायतनामे की कार्रवाई कराई गई। एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि अभी इस मामले में परिजनों की तहरीर का इंतजार है। परिजन तहरीर नहीं देंगे तो पुलिस अपने स्तर से कार्रवाई करेगी।
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