राजस्थान: श्रमिकों की बेटियों के हाथ पीले होने से किसने रोके?

राजस्थान शुभ शक्ति योजना गुपचुप तरीके से कर दी गई बंद, लेकिन 2021 तक पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन लेकर श्रमिकों को किया गया भ्रमित, अब अधिकारी बोले यह उच्च स्तरीय मामला।
राजस्थान: श्रमिकों की बेटियों के हाथ पीले होने से किसने रोके?
Published on

जयपुर। श्रम विभाग से पंजीकृत निर्माण श्रमिक मनराज योगी ने 2018 में बेटी की शादी के लिए शुभ शक्ति योजना के तहत सहायता राशि प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. आवेदन को पांच साल हो गए, लेकिन अभी तक लाभ नहीं मिला। योगी राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के भाड़ौती कस्बे के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा, "शुभ शक्ति योजना से मिलने वाली 55 हजार प्रोत्साहन राशि की उम्मीद पर बेटी की शादी में कर्ज लिया था, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। सरकारी दफ्तार में जाते हैं तो वहां मौजूद कार्मिक बिना कारण बताए वापस लौटा देते हैं।"

बामनवास उपखण्ड क्षेत्र के पिपलाई गांव की सरबती देवी का आवेदन भी अटका हुआ है। उन्होंने कहा, "बेटी की शादी में आर्थिक मदद मिल जाए, इसके लिए आवेदन किया था, आवेदन में मदद करने की एवज में एजेंट ने 4 हजार रुपए लिए थे, मेरे गांठ से रुपए गए आर्थिक मदद भी अभी तक नहीं मिली।"

मनराज योगी व सरबती देवी उदहारण है। ऐसे सैकड़ों श्रमिक सवाईमाधोपुर जिले में शुभ शक्ति योजना का लाभ लेने के लिए विभागीय कार्यालय के प्रतिदिन चक्कर लगा रहे हैं।

क्या है शुभ शक्ति योजना?

भाजपा सरकार के समय श्रम विभाग की ओर से जनवरी 2016 में शुभ शक्ति योजना शुरू की गई थी। इस योजना में किशोरवय व बालिग लड़कियों को पात्र माना गया था। साथ ही आवेदक के घर में शौचालय की उपयोगतिा को भी अनिवार्य किया गया था। इस योजना में श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की बेटी (अधिकतम दो) की आयु 18 वर्ष होने पर 55 हजार रुपए की सहायता दिए जाने का प्रावधान था।

व्यवस्था तो यहां तक है कि बेटी की उम्र 18 साल होने पर स्वतः ही राशि उनके खाते में पहुंच जाएगी। इस राशि को श्रमिक की बेटी की शादी, आगे की पढ़ाई, व्यावसायिक प्रशिक्षण और स्वरोजगार शुरू करने के लिए खर्च किया जा सकता है।

राजस्थान की भाजपा सरकार की श्रमिकों की बेटियों के हाथ पीले करने की मंशा से शुरू की गई शुभ शक्ति योजना को सरकार ने 2018 में ही गुपचुप तरीके से बंद कर दी। योजना बंद होने की खबर को विभागीय अधिकारियों ने भी दबाए रखा। यही कारण है कि इस योजना के पोर्टल को बंद नहीं किया गया।

आवेदन की ऑनलाइन प्रक्रिया होने से जिले के सैकड़ों श्रमिक योजना बंद होने के बावजूद शुभ शक्ति योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करते रहे। विभाग के पास शुभ शक्ति योजना के तहत आवेदनों की संख्या बढ़ी तो उनका निस्तारण करने की बजाय अक्टूबर 2021 में गुपचुप तरीके से ऑनलाइन पोर्टल भी बंद कर दिया गया। योजना बंद करने का कारण भी सरकार ने स्पष्ट नहीं किया है। ऐसे में जिले की सैकड़ों बेटियां हाथ पीले होने को प्रोत्साहन राशि का इंतजार कर रही है। यहां सरकारी अधिकारियों की मनमानी का खामियाजा गरीब निर्माण श्रमिकों को भुगतना पड़ रहा है।

निर्माण कार्य से जुड़े रामावतार कोली का कहना है कि उनके साथ निमार्ण कार्य से दर्जनों महिला-पुरुष मजदूर जुड़े हैं। श्रम विभाग में इन श्रमिकों का पंजीयन हो रखा है। कई श्रमिकों की बेटियां शादी लायक हो गई हैं। ऐसे में वर्तमान भाजपा सरकार को चाहिए की पिछली सरकार द्वारा बंद की गई शुभ शक्ति योजना को फिर से चालू कर लंबित प्रकरणों का निस्तारण करें तथा नए आवेदन लेकर निर्माण श्रमिकों को लाभान्वित करें।

2770 आवेदन पड़े हैं लंबित

श्रम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार शुभ शक्ति योजना के तहत सवाईमाधोपुर जिले में पांच हजार से अधिक श्रमिकों ने बेटियों की शादी के लिए श्रम विभाग में आवेदन किया था। इनमें से 2230 आवेदनों को श्रम विभाग ने विभिन्न कमियां बताकर खारिज कर दिया था। खारिज हुए आवेदनों के अलावा योजना बंद होने के बाद किए गए लगभग 2 हजार 770 आवेदन लंबित पड़े है। इनका निस्तारण विभाग के लिए गलफांस बन गया है। क्योंकि यह आवेदन योजना बंद होने के बाद किए गए हैं। योजना बंद होने से सरकार ने इसके लिए बजट भी नहीं दिया।

नतीजतन प्रोत्सहान राशि नहीं मिलने से निर्माण श्रमिकों की ज्यादातर बेटियों के न तो हाथ पीले हो सके ना ही आगे की पढ़ाई पूरी हो सकी है। प्रोत्साहान राशि के लिए श्रमिक श्रम कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं।

फैक्ट फाइल

सवाईमाधोपुर जिले में श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या 60 हजार है। इनमें से निर्माण श्रमिकों की 2770 बेटियां शुभ शक्ति योजना के लाभ से वंचित रह गई हैं। योजना में बेटियों के विवाह व आगे की पढ़ाई तथा स्वरोजगार स्थापित करने के लिए 55 हजार रुपए बेटियों को प्रोत्सहान राशि के रूप में मिलते थे। 6 साल से लाभार्थियों के खाते में राशि जमा नहीं हुई। योजना में लाभ के लिए बेटी का 8वीं पास व 18 वर्ष से अधिक आयु होना जरूरी है।

श्रमिकों की शिकायत पर चेता विभाग

श्रम विभाग की शुभ शक्ति योजना बंद होने के बाद भी संदिग्ध लोग श्रमिकों को फोन कर योजना का लाभ दिलाने का झांसा दे रहे हैं। प्रोत्सहान राशि स्वीकृत करवाने की एवज में मिठाई भी मांगी जा रही है। इस सम्बंध में जब कुछ श्रमिकों ने सवाई माधोपुर श्रम विभाग कार्यालय में शिकायत की तो विभाग की नींद खुली। अब विभाग ने योजना में आवेदन कर चुके श्रमिकों से किसी के बहकावे में नहीं आने की अपील की है।

श्रम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि शुभ शक्ति योजना बंद हो चुकी है। इसके बावजूद शुभ शक्ति पोर्टल पर आवेदकों की जानकारी जुटा कर ठगों द्वारा आवेदकों को फोन कर स्वयं को श्रम विभग का कार्मिक बताकर प्रोत्सहान राशि स्वीकृत करवाने का झांसा देकर श्रमिकों को फोन किया जा रहा है।

यह ठग फोन पर विभाग की शुभशक्ति योजना के नाम पर ऑनलाईन राशि फोन-पे बैंक खाते के माध्यम से देने को कह रहे है। श्रम विभाग ने एक संदिग्ध नंबर भी जारी कर कहा कि जिस नम्बर से श्रमिकों को फोन किया गया वह संदिग्ध नंबर ट्रूकॉलर पर जांच करने पर श्रम विभाग का नाम प्रदर्शित कर रहा है। जिससे भ्रम की स्थिति बनी रहती है।

विभाग की ओर से एक प्रेस नोट जारी कर कहा गया कि किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा फोन पर या मिलकर शुभ शक्ति योजना के आवेदन को पास कराने की बात की जाती है तो श्रम विभाग सवाईमाधोपुर के कार्यालय में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। शुभ शक्ति योजना वर्तमान में पूर्ण रूप से आगामी आदेश तक बन्द है।

इस संबंध में द मूकनायक ने सवाईमाधोपुर सहायक श्रम आयुक्त समिता जैन ने द मूकनायक से कहा कि शुभ शक्ति योजना का बंद होना उच्च स्तरीय मामला है। सरकार ने यह योजना 2018 में बंद कर दी। योजना के तहत प्रोत्साहन राशि पूरे प्रदेश में अटकी है।सरकार की ओर से योजना को लेकर कोई नई गाइडलाइन नहीं मिली है। योजना बंद होने के बाद भी पोर्टल चालू क्यों रहा इस सवाल पर उन्होंने कहा कि विभाग का कोई भी कार्मिक इस तरह फोन कर प्रोत्साहन राशि दिलाने का झांसा नहीं देता है। वहीं आगे प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया।

राजस्थान: श्रमिकों की बेटियों के हाथ पीले होने से किसने रोके?
दिल्ली: धरने पर बैठे बुराड़ी अस्पताल के सफाई कर्मचारी, अनुबंधित महिलाकर्मियों ने लगाए गंभीर आरोप
राजस्थान: श्रमिकों की बेटियों के हाथ पीले होने से किसने रोके?
गुजरात: दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को अदालत ने किया बरी, रेल अवरुद्ध करने का लगा था आरोप
राजस्थान: श्रमिकों की बेटियों के हाथ पीले होने से किसने रोके?
मध्य प्रदेश: विंध्य और बुंदेलखंड के बाद आदिवासी विधायक ने शुरू की भील प्रदेश गठन की मांग

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com