राजस्थान। राज्य के नगरीय निकायों में अपने मूल पद सबंधी सफाई कार्य के इतर निकाय कार्यालयों एवं निकाय अधिकारियों के बंगलो पर सेवा दे रहे सफाई कर्मियों को अब वापस अपने मूल पद पर लौट कर सफाई कार्य करना होगा।
राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एंव विशिष्ठ सचिव हृदेश कुमार शर्मा ने इसे लेकर एक आदेश जारी किया है। निदेशक एंव विशिष्ठ सचिव ने आदेश की पालना में मूल कार्य नहीं करने वाले सफाईकर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाने और एक माह के वेतन कटौती की चेतावनी भी दी है।
गौरतलब है कि तत्कालीन सरकार ने राज्य के नगर निकायों, नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं में लगभग 20 हजार सफाई कर्मी पदों पर भर्ती की थी। इस भर्ती में परंपरागत सफाई कार्य से जुड़े दलित वाल्मीकि समाज के अभ्यर्थियों के अलावा गैर वाल्मीकि समाज के अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया था। इस भर्ती में 50 प्रतिशत गैर वाल्मीकि समाज के अभ्यर्थियों का चयन हुआ था।
इस भर्ती प्रक्रिया के दौरान गैर वाल्मीकि समाज के अभ्यर्थियों की भागीदारी का सफाईकर्मी संगठनों ने विरोध कर केवल परम्परागत सफाई कार्य से जुड़े समाजों के अभ्यर्थियों को ही शामिल करने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने भर्ती शर्तों की पालना करने वाले गैर वाल्मीकि समाज के अभ्यर्थियों का भी चयन किया था।
भर्ती प्रक्रिया के बाद चयनित हुए गैर वाल्मीकि समाज के अभ्यर्थियों से मूल कार्य सफाई नहीं करवा कर निकाय कार्यालयों या अधिकारियों के सरकारी आवासों पर सेवा ली जा रही है।
ओबीसी समाज से आने वाले हरिमोहन गुर्जर सवाईमाधोपुर जिले के रहने वाले हैं। तत्कालीन सरकार के समय कोटा नगर निगम में सफाईकर्मी के पद पर भर्ती हुए थे। हरिमोहन गुर्जर वर्तमान में कोटा केशवपुरा में वार्ड पार्षद के कार्यालय में सेवा दे रहे हैं। द मूकनायक ने स्वायत्त साशन विभाग आदेशो का हवाला देकर हरिमोहन गुर्जर से पूछा कि क्या आप मूल कार्य सफाई कर पाएंगे? द मूकनायक के सवाल पर हरिमोहन गुर्जर ने कहा, "बिल्कुल..!! सरकार जहां भी काम लेगी करेंगे। मैंने पहले भी एक साल तक सीवर टैंक व नालों की सफाई की है। यदि सरकार फिर से सफाई कार्य करवाएगी तो मुझे कोई एतराज नहीं है। जिस पद पर भर्ती हुए हैं, उस पर काम करने से कोई एतराज नहीं है।"
संयुक्त वाल्मीकि समाज एवं सफाई शर्मिला संघ राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष नन्दकिशोर डंडोरिया ने द मूकनायक को बताया कि राजस्थान में लगभग 35 हजार सफाई कर्मचारी अलग-अलग निकायों में कार्यरत हैं। 15 हजार वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मी पहले से तैनात हैं, जो आज भी अपना मूल कार्य सफाई कर रहे हैं।
डंडोरिया ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 20 हजार सफाईकर्मी पदों पर भर्ती की थी। सफाईकर्मी पद पर 12 हजार गैर वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मियों का चयन हुआ था। उन्होंने कहा कि गैर वाल्मीकि समाज के 12 हजार सफाईकर्मियों में से 60 प्रतिशत अभी भी सरकारी ऑफिस या निकाय अधिकारियों के आवासों पर लगे हुए हैं।
डंडोरिया ने कहा कि हम चाहते हैं कि कोई भी व्यक्ति जिस सरकारी पद पर भर्ती हुआ है। उसी पद से सम्बंधित कार्य करें। जब कार्मिक का पद व वेतन समान है, तो काम भी समान होना चाहिए। यहां हमारे साथ भेदभाव हो रहा है।
जान जोखिम में डाल कर गंदे नालों व सीवर टैंकों में उतर कर शहर को साफ रखने के लिए केवल दलित वाल्मीकि समाज के लोग और गैर वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मी सरकारी दफ्तरों में आराम से बैठेंगे।
उन्होंने कहा राजस्थान की वर्तमान सरकार के सफाईकर्मियों को अपने मूल पद पर लौट कर सफाई कार्य करने के आदेश का हम स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि यह भी देखना होगा कि सरकार के इस आदेश की पालना होगी या फिर यूंही ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। निकायों में केवल वालिमिकी समाज के कर्मचारियों से सफाई करवाने की अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ हमने राजस्थान उच्च न्यायालय में भी एक याचिका दायर की थी। इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।
राजस्थान स्वायत्त साशन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव ह्रदेश कुमार शर्मा ने 9 जनवरी 2024 को जारी आदेश में कहा है कि राज्य की नगर निकायों में सफाई कर्मचारी जो अपने मूल पद संबंधी कार्य (सफाई सेवा) निष्पादित नहीं कर रहे हैं, उन कार्मिकों को तत्काल प्रभाव से उनकी नगरीय निकाय मे उनके मूल पद (सफाई कर्मचारी) पर उपस्थिति देने हेतु निर्देश प्रदान किये जाते हैं।
सफाई कर्मचारी के सफाई संबंधी कार्य संपादित नहीं किये जाने की स्थिति में कार्मिक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारम्भ करते हुए उक्त कार्मिक का जनवरी माह से वेतन भत्ते आदि का भुगतान नहीं किया जावें।
स्वायत्त साशन विभाग के निदेशक एंव विशिष्ठ सचिव आवश्यक कार्रवाई के लिए आदेश की प्रति विशिष्ठ सहायक, स्वायत्त साशन विभाग मंत्री, निजी सचिव, शासन सचिव, स्वायत्त शासन विभाग, जिला कलेक्टर, समस्त राजस्थान, विभागाध्यक्ष / कार्यालयाध्यक्ष समस्त राजस्थान, उपनिदेशक (क्षेत्रीय), स्थानीय निकाय विभाग समस्त राजस्थान, महापौर / सभापति / अध्यक्ष, नगर निगम / परिषद / पालिका समस्त राजस्थान, आयुक्त / अधिशाषी अधिकारी, नगर निगम / परिषद / पालिका समस्त राजस्थान को भी भेजी है।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.