पंजाब सरकार मजदूरों से किए वायदों से मुकर रही है: स्थानीय खेतिहर मजदूर

पंजाब सरकार मजदूरों से किए वायदों से मुकर रही है: स्थानीय खेतिहर मजदूर
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नई दिल्ली। संविधान दिवस के दिन पूरे देश में किसान संगठनों ने जिला मुख्यालयों के बाहर अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। अब बुधवार को पंजाब के संगरूर में मजदूर अपनी मांगों को लेकर भारतीय खेत मजदूर यूनियन की अगुआई में सीएम भगवंत मान के आवास के सामने विरोध प्रदर्शन करने जा रहे थे। इसी दौरान करीब आवास से एक किलोमीटर पहले ही पुलिस ने प्रदर्शनकारी मजदूरों पर लाठीचार्ज कर दिया। इतना ही नहीं पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, जिससे कई मजदूर घायल हो गए। इनमें कई महिलाएं भी शामिल थीं। अब इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।

मुख्यमंत्री के सामने अपनी बात रखना चाहते थे

स्थानीय मीडिया रिपोर्टस के अनुसार पेंडू मजदूर यूनियन के अध्यक्ष तरसेम पीटर और जमीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष मुकेश मलोद ने इस प्रदर्शन के बारे में कहा कि ग्रामीण और खेत मजदूर संगठनों के आह्वान पर साझा मोर्चा की अगुआई में बुधवार को पूरे पंजाब से मजदूरों के साथ-साथ बड़ी तादाद में महिलाएं और नौजवान संगरूर पहुंचे, जिसमें लोग सिर्फ मुख्यमंत्री भगवंत मान के सामने अपनी बात रखना चाहते थे। जब काफिला शांतिपूर्वक तरीके से नारेबाजी करते हुए सीएम आवास की ओर बढ़ रहा था तभी पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई लोगों की पगडि़यां बिखर गईं।

पंजाब मुख्यमंत्री के आवास के पास प्रदर्शन करते खेतिहर मजदूर।
पंजाब मुख्यमंत्री के आवास के पास प्रदर्शन करते खेतिहर मजदूर।

इस प्रदर्शन से पहले समितियों की मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिलने की तारीख तय की गई थी, लेकिन मुलाकात से ठीक पहले ही इसे रद्द कर दिया गया। जिसके लिए मजदूरों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में मौजूद लोगों का यह कहना था कि सरकार अब अपने वायदों से मुकर रही है। जो चुनाव के दौरान किए गए थे।

कॉलोनी के बाहर बैठे मजदूर

पुलिस की लाठीचार्ज के बाद मजदूर मुख्यमंत्री भगवंत मान की कॉलोनी के बाहर धरने प्रदर्शन पर बैठ गए। लोगों ने कॉलोनी के बाहर अंदर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया।

उनका कहना था कि पंजाब पुलिस की इस तरह की तानाशाही को एकदम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने कहा कि आप की सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है। सरकार पंयाचतों को मनरेगा का फंड भी नहीं दे रही है। न ही दिहाड़ी मजदूरी को बढ़ा रही है। ऐसे में इतनी महंगाई में घर चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है।

मजदूरों की मांग

मजदूर अपनी मांगों को लेकर आए थे, जिसमें मुख्य मांगें कुछ इस प्रकार थीं।

  • मजदूरों का कहना है कि उन्हें घर बनाने के लिए पंचायती जमीन सस्ते रेट में दी जाएं। ताकि लोग आसानी से अपने लिए एक छत बना सकें
  • खेतीहर मजदूरों की दैनिक मजदूरी (दिहाड़ी) 250 रुपए से बढ़ाकर 700 रुपए की जाए। साथ ही उनका कर्ज माफ किया जाए।
  • खरीफ की फसलें (कपास और धान) का बारिश से जो नुकसान हुआ है सरकार उसका मुआवजा दें।
    -विधवा, बुजुर्ग और दिव्यागों की पेंशन की रकम को बढ़ाकर पांच हजार किया जाए।

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