राजस्थान: एक लाख संविदाकर्मी नए संविदा सेवा नियमों से ‘नाराज’

एक लाख संविदा कर्मी नए संविदा सेवा नियमों से नाराज [Photo- Abdul Mahir, The Mooknayak]
एक लाख संविदा कर्मी नए संविदा सेवा नियमों से नाराज [Photo- Abdul Mahir, The Mooknayak]
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संविदाकर्मियों ने फिर सड़क पर उतरकर सरकार को चेताया, नए संविदा सेवा नियमों में बदलाव कर स्थायी नियुक्ति की मांग कर रहे राज्यभर के संविदाकर्मी।

जयपुर। राजस्थान में नए संविदा नियम सरकार के लिए गलफांस बन गए हैं। विभिन्न विभागों में कार्यरत 1 लाख से अधिक संविदाकर्मियों ने सरकार के नए नियमों को मानने से इनकार कर दिया है। नए नियमों के विरोध में राज्य के एक लाख से अधिक संविदाकर्मियों ने अखिल राजस्थान संविदा कार्मिक नियमितीकरण संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले जयपुर में चेतावनी रैली निकाल कर सरकार को गम्भीर परिणाम भुगतने की हिदायत के साथ चेता दिया है। संविदाकर्मियों ने इशारों-इशारों में दिसम्बर महीने में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश के दौरान कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष उनके साथ हो रहे सरकारी शोषण की पीड़ा रखने की बात भी कह दी है। संविदाकर्मियों की चेतावनी के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खास आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने एक प्रतिनिधि मंडल से भी वार्ता कर समाधान का भरोसा दिलाया, लेकिन अखिल राजस्थान संविदा कार्मिक नियमितीकरण संयुक्त संघर्ष समिति के संरक्षक शमशेर भालू खान 'गांधी' ने सरकार को बिना देर किए नए नियमों में बदलाव कर स्थायी नियुक्ति की चेतावनी दे डाली। जयपुर में हुई चेतावनी रैली में अल्पसंख्यक विभाग सहित शिक्षा, चिकित्सा एवं पंचायतराज विभाग के एक लाख से अधिक संविदाकर्मी शामिल हुए।

सरकार हर बार करती रही धोखा, अब नहीं..

अखिल राजस्थान संविदा कार्मिक नियमितीकरण संयुक्त संघर्ष समिति के प्रदेश महासचिव अनवर खान कोटा ने द मूकनायक को बताया कि, "2018 में राजस्थान चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने घोषणा पत्र में संविदाकर्मियों के नियमितीकरण का वादा किया था। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी तो घोषणा पत्र का चुनावी वादा याद दिलाने के लिए अखिल राजस्थान संयुक्त संघर्ष समिति ने समय-समय पर सरकार को ज्ञापन देकर वादा याद दिलाया। संविदाकर्मियों को नियमित करने की मांग को लेकर आन्दोलन भी किया। दो वर्ष पूर्व दांडी यात्रा से आंदोलन की शुरुआत शिक्षक नेता शमशेर भालू खां गांधी की अगुवाई में हुई। दांडी यात्रा के दौरान राज्य सरकार ने उदयपुर में प्रतिनिधि भेज कर आंदोलनकारियों से वार्ता कर संविदाकर्मियों की नियमितिकरण सहित कई बिन्दुओं पर लिखित समझौता किया, लेकिन वादा करने के बाद गहलोत सरकार मुकर गई।"

खान ने द मूकनायक को आगे बताया कि, "दांडी यात्रा के दौरान हुए लिखित समझौता को लागू करने की मांग को लेकर एक बार फिर 2 अक्टूबर 2021 को संयुक्त संघर्ष समिति संरक्षक की अगुवाई में द्वित्तीय दांडी यात्रा कर जयपुर स्थित शहीद स्थल पर आमरण अनशन व अनिश्चित कालीन धरना दिया गया। उस वक्त भी राज्य के 14 हजार पैराटीचरों ने धरना स्थल पर काली दिवाली मनाई थी। 77 दिन तक लगातार धरना प्रदर्शन के बाद सरकार आंदोलनकारियों से बात करने को राजी हुई। 31 दिसंबर 2021 को नव वर्ष की पूर्व संध्या पर मुस्लिम समुदाय से आने वाले कांग्रेस विधायक रफीक खां, अमीन कागजी व वाजिब अली की मध्यस्थता में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर संघर्ष समिति से 45 मिनट वार्ता करने के बाद एक बार फिर नियमित करने का वादा किया था, लेकिन फिर सरकार ने पलटी मारते हुए राजस्थान संविदा सेवा नियम 2022 बना कर संविदाकर्मियों को प्रताड़ित करने का काम किया है। हमने हर बार सरकार पर भरोसा किया, लेकिन अब नहीं। अब हमें स्थायी नियुक्ति देना होगा।"

एक लाख संविदा कर्मी नए संविदा सेवा नियमों से नाराज [Photo- Abdul Mahir, The Mooknayak]
एक लाख संविदा कर्मी नए संविदा सेवा नियमों से नाराज [Photo- Abdul Mahir, The Mooknayak]

यह हैं नए संविदा नियम

स्कूल शिक्षा, भाषा एवं पुस्तकालय विभाग, पंचायती राज प्रारम्भिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन कुमार गोयल ने दीपावली से पूर्व 21 अक्टूबर को ग्राम पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी तथा पैराटीचर्स को राजस्थान संविदा सेवा नियम 2022 के अंतर्गत लाए जाने के संबंध में एक आदेश जारी कर बताया कि राजस्थान सरकार के विभिन्न विभागों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर ग्राम पंचायत सहायक, शिक्षाकर्मी व पैराटीचर्स के संविदा पदों को राजस्थान संविदा सेवा नियम 2022 के अंतर्गत लिए जाने का निर्णय लिया गया है। इन पदों के नाम बदल कर शिक्षा सहायक, पाठशाला सहायक व विद्यालय सहायक किए गए हैं। इनका मानदेय 10400 रुपए मासिक या वर्तमान में प्राप्त मानदेय संरक्षित किया जाएगा। एजेंसी के माध्यम से या जॉब बेसिस पर कार्यरत कार्मिकों को इन नियमों के अंतर्गत नहीं लिया जाएगा। संविदा सेवा नियम 2022 के नियम 3 के अनुसार कार्यरत कार्मिकों को पद के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव की शर्त पूरी करने पर इन नियमों में लाया जाएगा। नोटिफिकेशन जारी होने से 9 वर्ष कार्य पूर्ण करने के बाद वेतन वृद्धि हो सकेगी।

महिला संविदाकर्मी चढ़ी पेड़ पर, पुलिस के हाथ पैर फूले

संविदाकर्मियों की चेतावनी रैली के दौरान एक महिला संविदा कर्मी अचानक पेड़ पर चढ़ गई। अनहोनी की आशंका के चलते पुलिस प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। ध्यान रहे कि, बीते वर्षो में दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में पेड़ पर चढ़े एक किसान ने आत्महत्या कर ली थी। यह मामले देश भर में सुर्खियों में रहा था। यही वजह की राजस्थान में पेड़ पर चढ़ी आंदोलनकारी महिला ने सभी को सकते में डाल दिया। पेड़ पर चढ़ी संविदाकर्मी चुन्नी देवी से द मूकनायक ने बात की तो उन्होंने बताया कि वह 2002 से संविदा पर शिक्षाकर्मी के पद पर अल्प मानदेय पर काम कर रही है। इतने कम मानदेय में घर चलना मुश्किल हो रहा है। "यह हमारी चेतावनी रैली है। इस लिए पेड़ पर चढ़ कर सरकार को चेताया है। जल्दी स्थायी नहीं किया गया तो बड़ा आन्दोलन होगा," उसने कहा।

सीएम से नियमितीकरण की मांग

प्रदेश के एक लाख से अधिक संविदाकर्मी जब जयपुर स्थित विद्याधर नगर में नए संविदा सेवा नियमों में बदलाव कर स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गंगापुर सिटी में जिला अस्पताल के शिलान्यास कार्यक्रम में थे। इस दौरान भूमि पूजन करवा रहे पंडित ओमप्रकाश शर्मा ने संविदाकर्मियों को स्थायी करने की मांग कर डाली। ओमप्रकाश 2009 से चिकित्सा विभाग में हेल्थ सुपरवाइजर के पद पर संविदा पर कार्यरत है। भूमिपूजन के बाद सीएम गहलोत जाने लगे तो उन्होंने संविदाकर्मियों को स्थायी करने का आशीर्वाद मांग लिया।

यह बोले संरक्षक शमशेर भालू खान

अखिल राजस्थान संविदा कार्मिक नियमितीकरण संयुक्त संघर्ष समिति संरक्षक शमशेर भालू खान गांधी ने द मूकनायक को बताया कि राजस्थान में जो संविदा नियम 2022 बनाए गए हैं, उसमें सभी 90 हजार संविदाकर्मियों का अनुभव शून्य कर दिया गया है। इसके विरोध में हमने चेतावनी रैली का आयोजन किया। "आप देख रहे अभी तक हम डटे हुए हैं। हमारी सरकार से एक बार वार्ता हो चुकी है। दूसरी वार्ता होने की उम्मीद है। अभी हमारी बात नहीं मानी गई है। जब तक सरकार संविदा सेवा नियम 2022 में संशोधन कर संविदाकर्मियों के अनुभव की गणना करते हुए योग्यता अनुसार नियमित पद पर नियुक्ति नहीं देगी। हम संघर्ष करते रहेंगे। यह गलत भी नहीं है। सरकार ने घोषणा पत्र में वादा किया था। अब मुकर रही है। सरकार से निवेदन करते हैं कि जितने जल्दी हमारी बात मानी जाएगी सरकार के लिए उतना ही अच्छा होगा। मांग नहीं मानी गई तो राजस्थान भर में ब्लॉक व जिला स्तर पर हमारे धरना प्रदर्शन व बहिष्कार कार्यक्रम होंगे। सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार होगा। हम जनता को भी बताएंगे कि सरकार ने हमारे साथ कैसा दुर्व्यवहार किया।"

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