एमपी: फैक्ट्री का लाइसेंस '20 दिन' के लिए निरस्त, बच्चों से बनवा रहे थे शराब!

शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी सोम डिस्टिलरीज के शेयरों में आई 16 फीसदी की गिरावट.
रायसेनः बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वार रेस्क्यू किए गए बालश्रमिक। (फाइल फोटा)
रायसेनः बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वार रेस्क्यू किए गए बालश्रमिक। (फाइल फोटा)
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मध्य प्रदेश। एमपी के रायसेन जिले में बच्चों से शराब बनाने वाली फैक्ट्री का लाइसेंस बीस दिन के लिए निरस्त कर दिया गया है। इसके साथ ही फैक्ट्री भी सील की गई है। सरकार की इस बड़ी कार्रवाई के बाद कम्पनी को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। सोम डिस्टलरी के शेयर 16 फीसदी गिर गए। डिस्टलरी में 59 नाबालिग बच्चे काम करते हुए मिले थे।

दरअसल, बीते 15 जून 2024 को बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो की टीम ने एमपी के रायसेन जिले में सोम डिस्टलरी में छापेमारी की थी। इस दौरान टीम ने पाया था कि बच्चों से शराब का निर्माण करवाया जा रहा था। राष्ट्रीय बाल अधिकारी संरक्षण आयोग ने छापेमारी कर यहां से 59 बच्चों को मुक्त करवाया था। इसी कैंपस में आबकारी विभाग का ऑफिस था। मामला सामने आने के बाद संबंधित अफसरों पर सरकार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की है।

प्रियंक कानूनगो ने बताया था कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग को सोम डिस्टलरी में बाल मजदूरी को लेकर शिकायत मिली थी। जिसके बाद मेरे द्वारा फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया, बात सही निकली। फैक्ट्री में नाबालिग लड़के और लड़कियां काम कर रही थीं। इनको शराब बनाने के काम में लगाया गया था। शराब बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकल से इनके हाथ गल गए थे। बच्चों की हालत डराने वाली थी, लेकिन फैक्ट्री मालिक को उन पर तरस नहीं था। सोम डिस्टलरी से रेस्क्यू किए बच्चों में 39 लड़के और 19 लड़कियां थीं।

बाल संरक्षण अधिकार आयोग के खुलासे के बाद एमपी सीएम मोहन यादव इसे लेकर एक्शन मोड में आए। उन्होंने तुरंत अफसरों को कार्रवाई के निर्देश दिए। सबसे पहले पांच अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। इसमें आबकारी प्रभारी कन्हैयालाल अतुलकर, सब इंस्पेक्टर प्रीति शैलेंद्र उइके, शैफाली वर्मा और श्रम विभाग के राम कुमार श्रीवास्तव का नाम है। अधिकारियों को सस्पेंड करने के बाद सीएम मोहन यादव के निर्देश पर और कड़ी कार्रवाई हुई। रायसेन स्थित फैक्ट्री को सील कर दिया गया है। साथ ही सोम डिस्टलरी के लाइसेंस को 20 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है। जांच पूरी होने के बाद आगे और भी कार्रवाई हो सकती है।

इस कार्रवाई के बाद सीएम मोहन यादव की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि अपराधी को सजा और पीड़ितों को न्याय दिलाने में मध्य प्रदेश कभी पीछे नहीं रहेगा। एमपी वह राज्य है, जिसकी देश में मिसाल दी जाती है। अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड ने नियमों को ताक पर रखकर बालश्रम कराने का घोर अपराध किया है।

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