केरल: कमरा किराये के लिए पैसा नहीं तो बंगाली श्रमिक ने ली डॉग्स केनेल में शरण, अधिकारियों में मचा हडकंप

तीन महीने पहले श्याम ने अपने दोस्त के माध्यम से जॉय से संपर्क किया और पूछा कि क्या वह उसके घर में खाली पड़े कुत्ते के पिंजरे में मासिक किराया चुकाकर रह सकता है ? नगरपालिका की अध्यक्ष जूली साबू ने कहा कि हालांकि ASHA कार्यकर्ता और हरिता कर्मा सेना के सदस्य पीरवॉम के हर घर में जाते हैं, किसी को भी यह जानकारी नहीं थी कि एक प्रवासी श्रमिक कुत्ते के पिंजरे में रह रहा था।
श्याम ने पिंजरे की ग्रिलों को कार्डबोर्ड से ढककर उसमें रहना शुरू किया और वहीं खाना भी बनाता था।
श्याम ने पिंजरे की ग्रिलों को कार्डबोर्ड से ढककर उसमें रहना शुरू किया और वहीं खाना भी बनाता था। Image- Kerala Kaumudi
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पीरवॉम- एक हतप्रभ करने वाली घटना में एक प्रवासी श्रमिक को  एर्नाकुलम जिले के पीरवॉम में एक पुराने कुत्ते के पिंजरे में रहना पाया गया, जहाँ वह प्रति माह 500 रुपये किराया चुका रहा था।

इस मामले की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन में हडकंप मच गया, नगरपालिका के अधिकारियों ने मौके पर पहुँचकर प्रवासी श्रमिक को उसके दोस्त के किराए के घर में स्थानांतरित कर दिया।

नगरपालिका अधिकारियों के अनुसार, पश्चिम बंगाल के निवासी श्याम सुंदर, जो एक निर्माण श्रमिक हैं, पिछले तीन महीनों से कुत्ते के पिंजरे में रह रहे थे।

स्थानीय लोगों ने अधिकारियों को सूचित किया कि श्याम सुंदर कुत्ते के पिंजरे में रह रहे हैं और मासिक किराया कूड़यिल जॉय नामक व्यक्ति को चुका रहा है।

पुलिस ने श्याम और जॉय को थाने ले जाकर उनके बयान दर्ज किए। पुलिस ने बताया कि जॉय पर कोई मामला नहीं बना और उसे बिना किसी आरोप रिहा कर दिया गया क्योंकि श्याम ने बताया कि वह अपनी इच्छा से पिंजरे में रह रहा था।

श्याम सुंदर पिछले पांच वर्षों से पीरवॉम में विभिन्न स्थानों पर किराए पर रह रहा था। अपनी वित्तीय समस्याओं के कारण, उसके लिए ज्याडा किराए वाले घर में रहना मुमकिन नहीं था।

तीन महीने पहले उन्होंने एक दोस्त के माध्यम से जॉय से संपर्क किया और पूछा कि क्या वह उसके घर में खाली पड़े कुत्ते के पिंजरे में मासिक किराया चुकाकर रह सकता है ? श्याम ने पिंजरे की ग्रिलों को कार्डबोर्ड से ढककर उसमें रहना शुरू किया और वहीं खाना भी बनाता था। नगरपालिका की अध्यक्ष जूली साबू ने कहा कि हालांकि ASHA कार्यकर्ता और हरिता कर्मा सेना के सदस्य पीरवॉम के हर घर में जाते हैं, किसी को भी यह जानकारी नहीं थी कि एक प्रवासी श्रमिक कुत्ते के पिंजरे में रह रहा था।

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