मध्य प्रदेश: 22 फीट गहरे गड्ढे में गिरा मजदूर, पांच घण्टे के रेस्क्यू के बाद भी नहीं बच सकी जान!

ठेका कंपनी की लापरवाही आई सामने, जिला प्रशासन ने मांगा जवाब।
मध्य प्रदेश: 22 फीट गहरे गड्ढे में गिरा मजदूर, पांच घण्टे के रेस्क्यू के बाद भी नहीं बच सकी जान!
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भोपाल। मध्य प्रदेश के सतना में सीवर में गिरे मजदूर की गत गुरुवार देर रात मौत हो गई। घटना शहर के शारदा कॉलोनी में चल रहे सीवर लाइन के काम के दौरान हुई। यहाँ करीब 25 फुट खोदे गए गड्ढे में अचानक मिट्टी धसने से मजदूर उसके नीचे दब गया। देर रात जब मजदूर को रेस्क्यू कर निकाला गया तब तक उसकी जान जा चुकी थी।

घटना करीब शाम 5 बजे की है, जब मजदूर काम के दौरान गड्ढे में गिर गया था। रात्रि करीब साढ़े 12 बजे मजदूर को मृत अवस्था में बाहर निकाला गया। इसके साथ ही मृतक के बड़े भाई ने प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

क्या है पूरा मामला?

सतना शहर नगर निगम सीमा के अंतर्गत सिविल लाइन प्रोजेक्ट के अंतर्गत पाइप लाइन और चेंबर बनाने का काम किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत शहर के 1 से लेकर 45 वार्डों के अंदर सड़क को खोदकर सीवर लाइन का काम चल रहा है। शहर के मारुति नगर शारदा कॉलोनी में चल रहे, सीवर लाइन काम के दौरान खोदे गए करीब 22 फीट गड्ढे में 25 वर्षीय मजदूर राम खिलाड़ी कुशवाहा द्वारा पाइपलाइन डालने का काम किया जा रहा था। इसी दौरान अचानक खोदे गए गड्ढे की मिट्टी धसक गई और मजदूर गड्ढे में गिरकर उसी मिट्टी के नीचे दब गया।

बताया जा रहा है कि एक घंटे तक ठेकेदार और उसके मजदूरों द्वारा किसी भी जिम्मेदार अधिकारी को सूचना नहीं दी गई और खुद ही मजदूर को बाहर निकलने का प्रयास करते रहे। लेकिन जब तमाम कोशिश करने के बाद वह कामयाब नहीं हुए तब उन्होंने नगर निगम अधिकारी कर्मचारियों को सूचना दी। सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर कार्य कर रही जेसीबी मशीन के अलावा दो चौन माउंटेन की जेसीबी मशीन मंगाई गई।

करीब 6 बजे से इस घटनाक्रम का रेस्क्यू ऑपरेशन चालू कर दिया गया। यह रेस्क्यू ऑपरेशन देर रात तक चला। जिसके बाद मजदूर को बाहर निकाला गया। उसे जिला अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मजदूर एन विराट नाम की कंपनी के लिए काम करता था। इस मामले में मृतक के बड़े भाई रामनरेश कुशवाह ने ठेकेदार पर आरोप लगाया है कि उसके द्वारा जबरदस्ती मेरे भाई को पाइप डालने के लिए गड्ढे में उतारा गया, जबकि हम लोग चेंबर बनाने का काम करते हैं। मृतक मजदूर के भाई ने इस मामले में ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई की मांग की हैं।

वहीं, इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। द मूकनायक से बातचीत करते हुए सतना एसडीएम नीरज खरे ने कहा- सीवर लाइन के काम के दौरान मिट्टी धसने से मजदूर उसके नीचे दब गया था। उसे उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले में कंपनी से बात की जाएगी और सुरक्षा नियमों का पालन करवाया जाएगा। कंपनी ने सिक्योरिटी पाइंट का ध्यान रखा है या नहीं, जांच के बाद कंपनी कार्रवाई करेंगे। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश हैं फिलहाल जांच की जा रही है।

अब सवाल उठता है कि जब मृतक मजदूर सिर्फ चेम्बर बनाने का काम करते हैं। तो उसे पाइप लाइन डालने के लिए कंपनी ने क्यों उतारा? सीवर लाइन प्रोजेक्ट में लगी एक मशीन के बकेट के नीचे ही मजदूर की लोकेशन मिली थी। बकेट को वहीं रोके रखा था, ताकि मिट्टी न धंस सके। लेकिन जेसीबी से जितनी मिट्टी हटाई जा रही थी, उतनी ही वापस भरभराकर गिर रही थी।

गड्ढे में गिरने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस, प्रशासन और एसडीईआरएफ की टीम पहुंच गई थी। मजदूर के परिजन भी वहां पहुंच गए थे। सांसद गणेश सिंह भी मौके पर पहुंचे थे। चार जेसीबी की मदद से खुदाई के बाद भी मजदूर की जान नहीं बच पाई।

पहले भी हो चुका हादसा

बता दें कि कुछ महीनों पहले भी सतना के मारुति नगर में ही सीवर लाइन के ट्रेंच में मजदूर गिर गया था और उसके ऊपर मलबा भी भरभरा कर गिर गया था। घंटों की मशक्कत के बाद उसे सकुशल बाहर निकाला जा सका था।

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