मध्य प्रदेशः साइबर ब्लैकमेलिंग का शिकार हुआ परिवार, सुसाइड नोट में लिखा कैसे बना ऑनलाइन कम्पनी का 'शिकार'

युवक का मोबाइल हैक कर अश्लील फोटो एडिट कर पैसे की मांग की जा रही थी।
सायबर ब्लैकमेलिंग का शिकार परिवार.
सायबर ब्लैकमेलिंग का शिकार परिवार.Internet
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भोपाल। ऑनलाइन ऐप के जाल में फंसे भोपाल के एक दंपती ने अपने दो बेटों को जहर देकर मार डाला, फिर आत्महत्या कर ली। गत गुरुवार को दंपती के शव घर में फांसी के फंदे पर लटके मिले थे। दोनों बेटों को जहर देने की बात सामने आई है। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें कर्ज का जिक्र है। अब इस मामले में पता लगा है कि युवक का मोबाइल हैक कर अश्लील फोटो एडिट कर पैसे की मांग की जा रही थी। पूरी घटना का जिक्र मृतक ने अपने सुसाइड नोट में किया है।

भोपाल के रातीबड़ क्षेत्र की शिव विहार कॉलोनी में रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा कोलंबिया बेस्ड एक कंपनी में ऑनलाइन जॉब करते थे। भूपेंद्र पर कर्ज था। उनका लैपटॉप और मोबाइल हैक कर उसमें मिले कॉन्टेक्ट पर एडिटेड अश्लील वीडियो वायरल कर दिए थे। इससे परेशान भूपेंद्र ने अपनी पत्नी रितु के साथ सुसाइड कर लिया। इससे पहले उन्होंने अपने दोनो बेटों को जहर दिया। इस मामले में जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। 5 सदस्यीय एसआईटी में एडीशनल डीसीपी, एसीपी टीटी नगर, टीआई रातीबढ़, टीआई टीटीनगर और सायबर क्राइम टीम के दो पुलिस अधिकारियों को शामिल किया गया है।

कोल्ड ड्रिंक में सल्फास मिलाकर बच्चों को पिलाया

भूपेंद्र ने रातीबड़, शिवनगर स्थित घर में गुरुवार तड़के 4 बजे सेल्फी और सुसाइड नोट अपनी भतीजी को वाट्सएप किया था। इसके बाद दंपति ने बच्चों सहित सुसाइड कर लिया। यह उनकी आखिरी सेल्फी है। भूपेंद्र के बड़े भाई नरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि उसने दोनों बच्चों और पत्नी के साथ देर रात सेल्फी कैप्चर की थी। कोल्ड ड्रिंक में सल्फास मिलाकर दोनों बच्चों को पिला दिया। इसके बाद भूपेंद्र और उसकी पत्नी ऋतु बच्चों के पास ही बैठे रहे। जब उन्हें दोनों बच्चों की मौत होने की पुष्टि हो गई, तो भूपेंद्र ने दो दुपट्टे को आपस में बांधकर फंदा बनाया और एक साथ फांसी लगाकर जान दे दी। नरेंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि भूपेंद्र के घर से सल्फास के छह पैकेट मिले हैं।

मृतक के भाई पंकज विश्वकर्मा के मुताबिक, भूपेंद्र के साथ साइबर क्राइम हुआ है। उनका मोबाइल और कंपनी से मिला लैपटॉप हैक कर लिया गया। मोबाइल में उनके जितने भी कॉन्टैक्ट नंबर थे, उन पर उनके एडिटेड अश्लील वीडियो और फोटो भेज दिए गए थे। धमकी देकर पैसों की डिमांड कर रहे थे। भैया ने 4 से 5 दिन पहले वॉट्सऐप स्टेटस भी डाला था कि मेरे द्वारा ये मैसेज नहीं किया जा रहा है। आप इसे इग्नोर करें। पंकज ने बताया दो तीन दिन पहले हमारी बात हुई। भूपेंद्र बहुत परेशान थे, और तनाव में भी थे। उनसे 17 लाख की डिमांड की गई। उन्होंने कहा इतने पैसे कहां से दूंगा। भैया ने बताया था कि उन्होंने तीनों बैंक अकाउंट से सारा पैसा निकाल चुके है। वह 7 या 8 जुलाई को साइबर सेल में शिकायत करने गए थे। साइबर सेल की ओर से उनका सिम और मोबाइल भी शायद एक्सचेंज करा दिया गया था।

वॉट्सऐप पर भतीजी को भेजा सुसाइड नोट

भूपेंद्र विश्वकर्मा ने गुरुवार तड़के 4 बजे अपनी भतीजी रिंकी विश्वकर्मा को वॉट्सऐप पर सुसाइड नोट भेजा था। साथ ही पत्नी और दोनों बच्चों के साथ सेल्फी खींचकर भी भेजी। इस फोटो का कैप्शन लिखा- यह मेरी आखिरी फोटो है। आज के बाद हम कभी नहीं दिखेंगे। इन फोटो और सुसाइड नोट को रिंकी ने सुबह 6 बजे देखा और परिजनों को सूचना दी।

भूपेंद्र ने सुसाइड नोट में लिखा

समझ में नहीं आ रहा क्या करें और क्या न करें। नहीं पता हमारी छोटी सी प्यारी सी फेमिली को किसकी नजर लग गई है। हमारे परिवार के लोगों से हम सबसे हाथ जोड़कर माफी मांगना चाहते हैं। हमसे जुड़े सभी लोग मेरे कारण काफी ज्यादा परेशान हो गए। मेरी एक गलती की वजह से। हम अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी जी रहे थे, लेकिन अप्रैल के माह में मुझे एक ऑनलाइन काम के लिए वॉट्सएप पर मैसेज आया। फिर टेलीग्राम पर पुनः ऑफर आया। थोड़े से पैसे एक्स्ट्रा कमाने के चलते और जरूरत के लिए एक्स्ट्रा वर्क करने के लिए मैं एग्री हो गया। इसके लिए ज्यादा समय भी नहीं देना था, तो मैंने शुरू कर दिया। मुझे शुरू में थोड़ा फायदा तो हुआ, पर धीरे-धीरे एक दलदल में धंसने लगा। थोड़ा सा भी समय मिलता तो मैं उस काम को करने लगता था.

काम का लोड इतना ज्यादा हुआ कि मैं अपने काम के साथ इस काम में लगे पैसों का हिसाब नहीं बना पाया। इन पैसों का उपयोग भी घर पर नहीं कर पाया था। उसके पहले ही मुझ पर काम का दबाव ज्यादा आने लगा। जब मेरे पास पूरे पैसे खत्म हो गए तो कंपनी वालों ने लोन और एग्रीमेंट का कहने लगे। मैंने मना किया, क्योंकि मेरा सिबिल पहले से खराब था। लोन कहां से मिलता पर कंपनी वालों के कहने पर ट्राय किया तो तुरंत लोन मिलता चला गया, जो कि कंपनी में पानी की तरह लगाता रहा।

इस काम को शुरू करने के पहले मैंने वेबसाइट चेक करी थी जो ई-कॉमर्स बेस्ड कंपनी है। यह टीआरपी के लिए काम करवाती है। कोलंबिया की थी। पता नहीं था कि इस मोड़ पर आकर खड़े हो जाएंगे कि हमारे पास कोई रास्ता नजर नहीं आएगा।

इस काम की जानकारी न तो मेरे परिवार में किसी को थी और न ही मेरी वाइफ को थी। जब भी देखती तो बस यही कहती कुछ गलत मत करना। मैं मना कर देता। कुछ नहीं, जो कर रहा हूं तुम्हारी खुशी के लिए कर रहा हूं, लेकिन मेरी समझ में नहीं आया। मैंने क्या कर डाला। 4 साल पहले जिस कंपनी में था, वो बंद हो गई। इससे मेरा क्रेडिट सिबिल खराब हो गया था।

ऑनलाइन जॉब का शिकार होने के बाद मुझे लगा अब थोड़ा सा और, इसके बाद पैसे मिलते ही मैं सबका लोन क्लियर कर ये सब छोड़ दूंगा, लेकिन मैं समझ नहीं पाया कि इतना सब कुछ हो जाएगा। मुझ पर ऑनलाइन जॉब वालों ने कर्ज इतना कर दिया कि मैं खुद भी हैरान होता चला गया। मैं समझ गया कि मेरे साथ फ्रॉड हुआ है।

मुझ पर सिर्फ बात-बात पर पैसे का दबाव बनने लगा, जो कि मैंने अपने लिए नहीं लिए। न ही उन पैसों का उपयोग कर पाया। कंपनी के लोन ऑफर पर लोन लेकर कंपनी में ही लगा दिया।

जून में लोन का कर्ज इतना ज्यादा होता चला गया कि लोन रिकवरी वालों ने धमकाना शुरू कर दिया। जून में कैसे भी करके ईएमआई पे कर दी। जुलाई में लोन वाले मेरा फोन हैक कर उसकी डिटेल निकालकर मेरे सभी रिलेटिव्स, फ्रेंड्स, और कलीग को ब्लैकमेल करने लगे।

धमकाने लगे कि तुम्हारी फोटो गलत-गलत बनाकर अश्लील फोटो सोशल मीडिया में वायरल कर दूंगा, नहीं तो लोन पे करो। सभी सदस्यों को, परिवार को बदनाम कर दूंगा। यहां तक कि मेरे बॉस की डीपी का मिसयूज करने लगे, इसलिए भी मुझे अंदर से बहुत ज्यादा गिल्टी फील हो रही है। मेरी एक गलती की सजा मेरे साथ में रहने वाले कनेक्शन सभी को ब्लैकमेल करने लगे हैं।

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