लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के चिनहट औद्योगिक क्षेत्र में कई कर्मचारियों को फैक्ट्री मालिक ने नौकरी से निकाल दिया था। द मूकनायक ने मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद श्रम विभाग के हस्तक्षेप और कर्मचारियों की एकजुटता के आगे आखिरकार फैक्ट्री मालिक को झुकना पड़ गया। यह सभी कर्मचारी इस फैक्ट्री में सालों से अपनी सेवा दे रहे हैं। बता दें यह सभी कर्मचारी अपने वेतन, ओवरटाइम, छुट्टी के पैसे से सम्बंधित बात करने के इरादे से फैक्ट्री के पदाधिकारियों के पास गए थे। इससे नाराज DCI (Disinfecto Chemical Industries Private Limited) के उच्च अधिकारियों ने उन्हें नौकरी पर नहीं रखने का फरमान जारी कर दिया था।
गुरुवार सुबह सात कर्मचारी सर्वेश यादव, रमाकांत यादव, संतोष, चंचल, अमन क्रांति, रमाकांत शर्मा और मनोज यादव फैक्ट्री पहुंचे तो उन्हें कम्पनी के बाहर ही रोक दिया गया था। जिसके बाद अन्य कर्मचारियों ने इसका विरोध किया तो सभी को नौकरी से निकाल देने की धमकी दी गई। इस पर एक बार फिर सभी कर्मचारियों ने फैक्ट्री गेट पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। घटना की जानकारी पर इण्डिया लेबर लाइन संस्था के गुरु प्रसाद भारतीय किसान यूनियन के आलोक वर्मा,हिन्दू मजदूर यूनियन के दयाशंकर मिश्रा,श्रम विधि सलाहकार गौरव कपूर, श्रम प्रवर्तन अधिकारी पवन कुमार और मोहनलाल मौके पर पहुंचे। सभी ने फैक्ट्री के एमडी के साथ बैठकर बातचीत की। इन सभी की मध्यस्तता से सभी कर्मचारियों को आईडी कार्ड, ईपीएफ, ईएसआइ नंबर, ओवरटाइम का भुगतान सहित छुट्टी में काम करने पर भुगतान किये जाने पर समझौता हुआ।
अधिकारियों की मौजदगी में एमडी करुणेश अग्रवाल फैक्ट्री से निकाले गए सभी सात मजदूरों को वापस रखने की भी अनुमति दी है। इसके साथ ही श्रम विभाग के प्रतिष्ठान आदेश 1946 के अनुकूल ही काम कराने पर सहमति जताई है। इस कार्रवाई के बाद मजदूरों में खुशी की लहर देखने को मिली है। सभी मजदूरों ने काम पर वापस लौटने की बात कही है।
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