लखनऊ/जयपुर। उत्तर प्रदेश व राजस्थान के सफाईकर्मचारी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर है। वाजिब मेहनताने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की मांगों को लेकर प्रशासन ने अब तक कोई उचित कार्रवाई नहीं की है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित बलरामपुर अस्पताल में ठेका सफाईकर्मियों ने सोमवार दोपहर कामकाज ठप कर निदेशक कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। कर्मचारियों का आरोप है न्योक्ता एजेंसी कम वेतन दे रही है। दूसरे संस्थानों में सफाई एजेंसियां अधिक वेतन दे रही हैं।
सरकारी अस्पतालों में सफाई का काम सन फैसिलिटी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के पास है। इस कंपनी के 150 कर्मचारी बलरामपुर अस्पताल में लगे हैं। सफाईकर्मियों को हर माह करीब 7300 रुपये वेतन दिया जा रहा है, जबकि दूसरे संस्थानों में सफाईकर्मियों को करीब 10 हजार रुपये वेतन मिल रहा है। द मूकनायक से बातचीत करते हुए एक कर्मचारी ने बताया-"हम पिछले कई वर्षों से बलरामपुर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन हमारी मासिक तनख्वाह नहीं बढ़ी है।"
कर्मचारी ने कहा- " वर्ष 2016 से यहां काम कर रहा हूँ। तब काम करने का ठेका बीएसएस (ब्लीव सॉल्यूशन सर्विस) के पास था। इस दौरान सुपरवाइजर को 12 हजार तथा अन्य कर्मचारियों को 6200 रुपये ही मिलते थे। इसके बाद एसआईएस (सर्विस मास्टर क्लीन सर्विस ) आई। तब सुपरवाइजर की तनख्वाह 12500 हुई तथा अन्य सफाई कर्मचारियों को मात्र 300 रुपये बढाकर 6500 कर दिए गए। 2022 से यहां सन फैसिटलिटी काम कर रही है। अब सुपरवाइजर की मासिक तनख्वाह मात्र 13000 रुपये ही है। जबकि अन्य सफाई कर्मचारियों को मात्र 7000 रुपये ही मिलता है। 2023 में अन्य कर्मचारियों की तनख्वाह में 5 प्रतिशत की वृध्दि की गई थी। जिसके बाद उनकी तनख्वाह 7300 रुपये हो गई है।"
प्रदर्शन की जानकारी पर मौके पर पहुंचे एजेंसी संचालक ने कर्मचारियों को पांच प्रतिशत वेतन वृद्धि का भरोसा दिलाया। इसके बाद कर्मचारी काम पर लौटे। कंपनी के संचालक आरके तिवारी ने बताया कि सफाईकर्मियों की वेतन वृद्धि का मामला शासन भेजा गया है। वहां से अनुमति मिलते ही वेतन बढ़ा दिया जाएगा।
राजस्थान के जालौर जिले के सामान्य अस्पताल में 3 दिन से सफाई नहीं हुई है। पिछले 3 दिन से अस्पताल के सफाईकर्मी हड़ताल पर हैं। सफाई कर्मियों ने बताया कि उनको लंबे समय से वेतन नहीं दिया जा रहा है। वे अपनी समस्या को लेकर रविवार को अस्पताल के पीएमओ से मिले, लेकिन पीएमओ ने फटकार कर भगा दिया। सोमवार को सफाईकर्मी फिर से पीएमओ से मिले और अपने वेतन की मांग को लेकर बात की। दूसरे दिन सोमवार को जब सफाईकर्मी पीएमओ से मिलने गए तो वे बचते नजर आए। सफाई कर्मचारी खुशाल ने कहा कि हमें ठेका फर्म द्वारा समय पर भुगतान नहीं किया जाता है। साथ ही पिछले कई महीनों से वेतन बढ़ाने की मांग हमारे द्वारा की जा रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जालौर अस्पताल में सफाई को लेकर पिछले 18 साल में एक ही व्यक्ति वचनाराम गर्ग की अलग-अलग फर्मों को सफाई और अन्य कार्यों के ठेके दिए गए हैं। सफाई कर्मियों द्वारा पिछले 6 महीने में यह चौथी हड़ताल है। ठेका फर्म द्वारा सफाईकर्मियों की लगातार उपेक्षा की जाती है और उन्हें समय पर मानदेय तक नहीं दिया जाता।
इस मामले में पीएमओ डॉक्टर पूनम टांक का कहना है-"अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है, लेकिन जल्द समाधान करेंगे। हमारी ओर से तो ठेका फर्म को समय पर भुगतान कर दिया जाता है। अब फर्म को वेतन भुगतान के लिए बोला है।"
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